Mithali Raj on Deepti Sharma: भारत की पूर्व महिला कप्तान मिताली राज ने लंदन स्पिरिट को 2024 विमेंस हंड्रेड का खिताब दिलाने में साहसिक प्रदर्शन के लिए दीप्ति शर्मा की सराहना करते हुए कहा कि यह ऑलराउंडर अपनी प्रतिभा खेल में समर्पण के लिए दूर-दूर तक जश्न मनाने तथा सम्मान किये जाने की हकदार है. घायल ग्रेस हैरिस के बाहर होने के बाद दीप्ति टीम में प्रतिस्थापन खिलाड़ी के रूप में आईं और अंततः लॉर्ड्स में वेल्श फायर पर जीत के साथ स्पिरिट को अपना पहला खिताब दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई.
दीप्ति ने फाइनल में लॉन्ग-ऑन पर छक्का लगाकर विजयी रन भी बनाया, जब स्पिरिट को चैंपियनशिप जीतने के लिए आखिरी तीन गेंदों पर चार रन की जरूरत थी. मिताली ने कहा, “हम अक्सर कुछ खिलाड़ियों की प्रतिभा को नजरअंदाज कर देते हैं, लेकिन इस खिलाड़ी की प्रतिभा और समर्पण का दूर-दूर तक जश्न मनाया जाना चाहिए. सितारों से भरी दुनिया में, दीप्ति अपने अनोखे तरीके से चमकती हैं.'' “जब दीप्ति शर्मा ने द हंड्रेड फ़ाइनल में वह मैच जिताऊ छक्का लगाया, तो यह अत्यंत प्रतिभा का क्षण था. वह टूर्नामेंट की धड़कन थीं, उन्होंने 200 से अधिक रन बनाए और केवल एक बार आउट हुईं.'' यह भी पढ़ें: Saud Shakeel Century: बांग्लादेश के खिलाफ पहले टेस्ट में मोहम्मद रिजवान के बाद सऊद शकील ने जड़ा अपना तीसरा शतक
मिताली ने 'एक्स' पर लिखा.“उनकी वीरता ने लंदन स्पिरिट को उनके पहले खिताब तक पहुंचाया - क्या अभूतपूर्व यात्रा है! इस साल दीप्ति असाधारण से कम नहीं रहीं. द हंड्रेड और डब्ल्यूपीएल में उनका फॉर्म शानदार रहा है - लगातार 100 के करीब औसत के साथ शीर्ष रन बनाने वालों में शामिल है!'' द हंड्रेड में खेले गए आठ मैचों में, दीप्ति ने 132.50 की स्ट्राइक-रेट से 212 रन बनाए, जिसमें पांच बार नाबाद रहना और 6.85 की इकॉनमी रेट से आठ विकेट लिए. मिताली ने कहा, “मुझे उसकी शांति पसंद है, और खेल को अंत तक चलाने की उसकी क्षमता उसे अलग करती है. लेकिन बात ये है..दीप्ति की प्रतिभा पर अक्सर किसी का ध्यान नहीं जाता, और यही कारण है कि मुझे लगता है कि इसे सामने लाना जरूरी था.''
“चाहे वह गेंद से जादू कर रही हो या बल्ले से पारी की शुरुआत कर रही हो, वह हमेशा अच्छा प्रदर्शन करने के लिए तैयार रहती है, चाहे उसे कहीं भी खेलने के लिए कहा जाए. उस तरह का शांत, अटूट समर्पण दुर्लभ और अनमोल है. '' दीप्ति की महिला टी20 में तेज गति से बल्लेबाजी नहीं करने के लिए आलोचना की जाती थी, लेकिन इस साल, अपनी ठोस बल्लेबाजी से उन्होंने वास्तव में स्थिति बदल दी है. “अपनी आलोचना का सामना करने के बावजूद, दीप्ति ने अविश्वसनीय लचीलापन दिखाया है. उसने चुनौतियों का डटकर सामना किया है, अपने खेल को अपनाया है और हर बार मजबूत होकर वापस आई है.