DDCA ने 'मिनी चुनावों' पर खत्म किए 27 लाख रुपये

दिल्ली एवं जिला क्रिकेट संघ (डीडीसीए) ने छोटे चुनावों में 27 लाख की भारी भरकम रकम खत्म की है जिसमें से 15 लाख तो उसने निर्वाचन अधिकारी नवीन बी चावला को दिए हैं. यह खर्चा उस खर्चे का 13 गुना है जो उसने 2018 के चुनावों पर किया था. उस समय डीडीसीए ने दो लाख रुपये के लगभग खत्म किए थे.

डीडीसीए (Photo Credits: IANS)

दिल्ली एवं जिला क्रिकेट संघ (डीडीसीए) ने छोटे चुनावों में 27 लाख की भारी भरकम रकम खत्म की है जिसमें से 15 लाख तो उसने निर्वाचन अधिकारी नवीन बी चावला को दिए हैं. यह खर्चा उस खर्चे का 13 गुना है जो उसने 2018 के चुनावों पर किया था. उस समय डीडीसीए ने दो लाख रुपये के लगभग खत्म किए थे. उस समय चुनावों में शामिल रहे एक सूत्र ने बताया कि 2018 में जब डीडीसीए की शीर्ष परिषद के सभी 12 पदों के लिए चुनाव कराए थे तो डीडीसीए ने उस समय राकेश मेहता को दो लाख रुपये दिए थे. परिषद के एक सदस्य ने कहा कि अब जब सिर्फ छह पदों के लिए चुनाव हुए हैं तो डीडीसीए ने 27.68 लाख रुपये खर्च किए हैं.

डीडीसीए की शीर्ष परिषद के सदस्य ने आईएएनएस से कहा, 27.68 लाख रुपये में से 15 लाख तो चावला को दिए गए हैं. उन दो सहायकों को तीन-तीन लाख रुपये दिए. वहीं चुनावों में सहायता करने वाले वकील गौतम दत्ता को पांच लाख दिए गए. छह बूथों पर टेन्ट एवं अन्य चीजों पर 1.68 लाख रुपये खत्म किए गए. रोचक बात यह है चुनावों से पहले डीडीसीए की शीर्ष परिषद ने गौतम दत्त को स्टैंडिंग काउंसेल और लीगल रिटेनर के पद से हटा दिया था. उनके साथ अंकुर चावला को भी हटाया गया था. डीडीसीए के पूर्व लोकपाल न्यायाधीश (सेवानिवृत) दीपक वर्मा ने मार्च में चुनावों के भुगतान का प्रस्ताव रखा था और संघ की शीर्ष परिषद ने भी उसे मंजूरी दे दी थी.

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वर्मा के स्थान पर बादर दुरेज एहमद ने यह जिम्मेदारी संभाली. चुनावों में चावना को और उनके दो सहयोगियों को भरी भरकम रकम देने के बाद भी चुनावों में कई तरह की खामियां भी रहीं. डीडीसीए के सदस्यों की सूची में कई ऐसे लोगों के नाम थे जिनका निधन हो गया है, ऐसे ही कुछ नाम थे अरुण जेटली, चेतन चौहान, सुरिंदर सिंह सरीन और ध्रूव बत्रा. डीडीसीए की शीर्ष परिषद के सदस्य ने कहा कि चुनावों पर भरपूर पैसा खत्म करने के बाद भी परिणाम देरी से आए और आधिकारिक तौर पर 24 घंटे बाद परिणामों की घोषणा की गई. उम्मीदवारों को हालांकि आंतरिक तौर पर 10 नवंबर की सुबह ही परिणामों की जानकारी दे दी गई थी.

शीर्ष परिषद के दो सदस्यों ने आईएएनएस को बताया कि भुगतान किया जा चुका है. उन्होंने कहा, "शीर्ष परिषद ने चावला और उनके सहयोगियों को किए जाने वाले भुगतान के न्यायाधीश वर्मा के प्रस्ताव को मंजूर कर लिया था. भुगतान किया भी जा चुका है." चावला के सहायक एस.के. मेनडिराटा ने भुगतान के मिलने की पुष्टि भी कर दी है.

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