बीसीसीआई ने गुरुवार को अक्टूबर-2019 से लेकर सितंबर 2020 तक के लिए अपने केंद्रीय अनुबंध की घोषणा कि जिसमें सबसे बड़ा मुद्दा महेंद्र सिंह धोनी को जगह न मिलना रहा. इसने सवाल खड़े किए कि क्या धोनी का युग खत्म हो गया? लेकिन अब यह पता चला है कि धोनी के लिए टीम के दरवाजे बंद नहीं हुए हैं. बीसीसीआई के एक सीनियर अधिकारी ने आईएएनएस से कहा कि केंद्रीय अनुबंध का देश के लिए खेलने से कोई कोई लेना देना नहीं है. अधिकारी ने कहा कि धोनी अच्छा प्रदर्शन कर भारतीय टीम में जगह बनाने की दावेदारी पेश कर सकते हैं. अधिकारी ने कहा, "बात को सीधे तरीके से लीजिए. अनुबंध मिलना इस बात की गांरटी नहीं देता है कि आप देश के लिए खेल सकते हैं या नहीं. नियमित खिलाड़ियों को अनुबंध दिए जाते हैं और ईमानदारी से कहूं तो धोनी वनडे विश्व कप-2019 के बाद से नहीं खेले हैं इसलिए उनका नाम अनुबंध में नहीं है." उन्होंने कहा, "अगर कोई इसे रास्ते बंद होने और चयनकर्ताओं से संकेत मिलने की तरह देखता है तो ऐसा नहीं है."
उन्होंने कहा, "अगर वह चाहें तो अभी भी अच्छा प्रदर्शन कर राष्ट्रीय टीम में वापस आ सकते हैं और इसमें टी-20 विश्व कप भी शामिल है. ईमानदारी से कहूं तो केंद्रीय अनुबंध का धोनी के भविष्य से कोई संबंध नहीं है." उन्होंने कहा, "पहले भी ऐसे खिलाड़ी रहे हैं जो बिना केंद्रीय अनुबंध के खेले हैं और आप भविष्य में भी ऐसा देखेंगे. चीजों को लेकर कयास लगाने से कुछ नहीं होता." बीसीसीआई के बयान के मुताबिक, केंद्रीय अनुबंध की ए प्लस कैटेगरी में कप्तान विराट कोहली, रोहित शर्मा और जसप्रीत बुमराह हैं. लेकिन पिछली बार ए कैटेगरी में रहे धोनी इस बार जगह नहीं बना पाए. धोनी के संन्यास को लेकर कई तरह की अफवाहें तैरती रहती हैं. टीम के मुख्य कोच रवि शास्त्री ने आईएएनएस को दिए इंटरव्यू में कहा था कि धोनी को लेकर आईपीएल तक का इंतजार कीजिए.
रवि शास्त्री ने आईएएनएस को दिए इंटरव्यू में धोनी की टीम में वापसी को लेकर कहा था कि, "यह निर्भर करता है कि वह कब खेलना शुरू करते हैं और आईपीएल में कैसा खेलते हैं. वहीं दूसरे खिलाड़ी विकेटकीपिंग में क्या कर रहे हैं और धोनी के मुकाबले उनकी फॉर्म क्या है. आईपीएल बड़ा टूर्नामेंट होगा क्योंकि आपके लगभग 15 खिलाड़ी तय हो चुके होंगे." उन्होंने कहा था, "मैं कह सकता हूं कि आईपीएल के बाद आपकी टीम लगभग तय हो जाएगी. साथ ही मैं यह कहना चाहता हूं कि कौन कहां है इस बारे में कयास लगाने के बजाए आईपीएल तक का इंतजार करें. इसके बाद ही आप फैसला करने की स्थिति में होंगे कि देश में सर्वश्रेष्ठ 17 कौन हैं." धोनी के प्रशंसकों को इस बात से जरूर राहत मिलेगी जब उन्हें पता चलेगा कि बीसीसीआई के केंद्रीय अनुबंध का धोनी के भविष्य से कोई संबंध नहीं है.