शाहिद अफरीदी को जिस खेल ने शोहरत दिलाई, आखिर उसी खेल से क्यों अपनी बेटियों को दुर रखना चाहते हैं?

पाकिस्तान (Pakistan) टीम के पूर्व कप्तान शाहिद अफरीदी (Shahid Afridi) आज कल अपनी ऑटोबायोग्राफी 'गेम चेंजर' को लेकर काफी सुर्खियों में हैं. इस पूर्व दिग्गज खिलाड़ी ने हाल ही में रिलीज हुई अपनी आत्मकथा 'गेम चेंजर' में कई खुलासे किए.

पूर्व पाकिस्तानी कप्तान शाहिद अफरीदी (Photo Credits: Twitter)

पाकिस्तान (Pakistan) टीम के पूर्व कप्तान शाहिद अफरीदी (Shahid Afridi) आज कल अपनी ऑटोबायोग्राफी (Autobiography) 'गेम चेंजर' को लेकर काफी सुर्खियों में हैं. इस पूर्व दिग्गज खिलाड़ी ने हाल ही में रिलीज हुई अपनी आत्मकथा 'गेम चेंजर' में कई खुलासे किए. अफरीदी ने इसमें कश्मीर और 2010 स्पॉट फिक्सिंग मामले पर भी बात की है. इसके अलावा, उन्होंने जावेद मियांदाद (Javed Miandad), वकार यूनिस (Waqar Younis) और गौतम गंभीर (Gautam Gambhir) की भी आलोचना की है.

इसी कड़ी में इस दिग्गज बल्लेबाज ने अपनी इस ऑटोबायोग्राफी में कहा कि वह अपनी बेटियों को सामाजिक और धार्मिक कारणों की वजह से क्रिकेट नहीं खेलने देना चाहते हैं. आफरीदी का कहना है कि वह नहीं चाहते कि उनकी बेटियां क्रिकेट में अपना करियर बनाएं. आफरीदी की चार बेटियां हैं जिनका नाम अक्‍सा, असमारा, अंशा और अज्‍वा हैं.

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शाहिद अफरीदी ने कहा मैं अपनी बेटियों को खेलने से नहीं रोक रहा हूं, लेकिन मै चाहता हूं कि वह इंडोर गेम खेलें. आफरीदी ने कहा, 'सामाजिक और धार्मिक कारण हैं, जिनके चलते मैंने यह फैसला किया है. मेरी इस सोच से मेरी पत्नी नाडिया भी सहमत हैं. नारिवादियों को जो कहना हो वो बोले, एक रूढ़िवादी पाकिस्‍तानी पिता के रूप में मैंने यह फैसला किया है.'

बता कि अफरीदी की सबसे बड़ी बेटी अक्‍सा 10वीं में पढ़ रही हैं जबकि अंशा 9वीं कक्षा में हैं. उनकी ये दोनों बेटियां पढ़ाई के साथ-साथ स्पोर्ट्स में भी अव्वल हैं. वहीं अज्‍वा और असमारा अभी काफी छोटी हैं.

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