भारतीय टीम के स्टार बल्लेबाज और कप्तान विराट कोहली (Virat Kohli) ने स्पोर्ट्स वेब-शो ‘इन डेप्थ विद ग्राहम बेनसिंगर’ में बात करते हुए अपने जीवन के कई पहलुओं के बारे में बताया. उन्होंने कहा कि पहले जब वो मैदान में उतरते थे तो विपक्षीय टीम के खिलाड़ी उनका सम्मान नहीं करते थे. जिसके बाद उन्होंने अपने खेल में बदलाव जारी रखा और लक्ष्य को पाने के लिए कठिन मेहनत की. आगे उन्होंने कहा कि उनका लक्ष्य कोई नया रिकॉर्ड बनाना या तोड़ना नहीं था अपितु वह चाहते थे कि जब वह मैदान में उतरे तो विपक्षीय टीम के खिलाड़ी उनका सम्मान करें.
वहीं उन्होंने अपने जीवन से जुड़ी कई बातों के बारे में भी बताया. उन्होंने कहा कि स्कूल के दिनों में गणित की वजह से उन्हें बहुत ही मुश्किलों का सामना करना पड़ा था. विराट ने कहा कि इतनी मेहनत तो क्रिकेट के लिए भी नहीं की जितनी 10वीं कक्षा में गणित में पास होने के लिए की थी. यह भी पढ़ें- पाकिस्तान ने फिर की घटिया हरकत, विराट कोहली को बताया अपनी टीम का हिस्सा, भारतीयों ने दिया करारा जवाब
कोहली ने आगे बात करते हुए बताया कि मैथ की परीक्षा 100 नंबर की होती थी और मेरे सिर्फ तीन नंबर आया करते थे. उन्होंने बताया कि अपने स्कूल के दिनों में वह कभी भी होशियार बच्चों के श्रेणी में नहीं आए. लेकिन उन्होंने कहा कि उनके अंदर कोई भी चीज सीखने की कला पहले से मौजूद थी.
विराट कोहली ने आगे मजाकिया टोन में कहा कि जितनी मेहनत उन्होंने 10वीं की परीक्षा में मैथ पास करने के लिए की उतनी मेहनत उन्होंने क्रिकेट के लिए भी नहीं की होगी.