राष्ट्रीय राजधानी के जंतर-मंतर पर रविवार को दोपहर के बाद से सन्नाटा पसरा हुआ है, जहां देश के शीर्ष पहलवान एक महीने से अधिक समय से भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के यौन शोषण के खिलाफ धरना दे रहे थे. विनेश फोगाट, साक्षी मलिक, संगीता फोगाट और बजरंग पुनिया सैकड़ों समर्थकों के साथ जब नियोजित महिलाओं की 'महापंचायत' के लिए नए संसद भवन की ओर बढ़ रहे थे, सुरक्षा घेरा तोड़कर कानून-व्यवस्था का उल्लंघन करने के आरोप में उन्हें हिरासत में ले लिया गया. पुलिस ने जंतर-मंतर पर पहलवानों के धरना स्थल से उनकी चटाई, टेंट और सारा सामान उठाकर फेंक दिया. विरोध प्रदर्शन को बलपूर्वक खत्म करने की पुलिस की कोशिशों के कारण विरोध स्थल सुनसान दिखाई दिया. इसी कड़ी में खेल परिषद् और ओलंपिक स्वर्ण पदक विजेता अभिनव बिंद्रा ने भी खिलाड़ियों के मानसिक और शारीरिक रूप से सुरक्षा सुनिश्चित करने की बात कही है. अभिनव बिंद्रा ने कहा कि पिछली रात नींद नहीं आई, मेरे साथी भारतीय पहलवानों के विरोध करने की भयानक छवियों से परेशान हैं. अब समय आ गया है कि हम सभी खेल संगठनों में स्वतंत्र सुरक्षा उपायों की स्थापना करें. हमें यह सुनिश्चित करना चाहिए कि यदि ऐसी स्थितियां उत्पन्न होती हैं, तो उनसे अत्यंत संवेदनशीलता और सम्मान के साथ निपटा जाए. प्रत्येक एथलीट एक सुरक्षित और सशक्त वातावरण का हकदार है.

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