पर्सनल लॉ के तहत दूसरी बार शादी करने का हकदार व्यक्ति अपनी पहली पत्नी का भरण-पोषण करने के लिए बाध्य है. कलकत्ता हाई कोर्ट ने हाल ही कहा, 'एक व्यक्ति जो पर्सनल लॉ के तहत दूसरी बार शादी करने का हकदार है, वह अपनी पहली पत्नी का भरण-पोषण करने के लिए बाध्य है.' कलकत्ता हाई कोर्ट ने सोमवार को एक सेशन कोर्ट के आदेश को रद्द करते हुए यह फैसला सुनाया. सेशन कोर्ट ने शख्स की पहली पत्नी को मिलने वाले मासिक गुजारा भत्ता ₹6,000 से ₹4,000 कर दिया था.

फैमली कोर्ट ने याचिकाकर्ता को मासिक रखरखाव के रूप में ₹6,000 का भुगतान करने का आदेश दिया था. हालांकि, सेशन कोर्ट ने राशि घटाकर ₹4,000 कर दिया था.

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