बॉम्बे हाई कोर्ट ने मराठी उपदेशक (कीर्तनकार) निवृत्ति काशीनाथ देशमुख (इंदोरीकर) के खिलाफ एक मामले को खारिज करने से इनकार करते हुए कहा है कि गर्भ धारण करने और नर भ्रूण की पहचान करने की तकनीकों पर धार्मिक प्रवचन प्रथम दृष्टया लिंग-निर्धारण पीसीपीएनडीटी अधिनियम के तहत एक अपराध है. देशमुख ने कथित तौर पर कपल को एक लड़के के लिए सम दिनों (Even Days) में संभोग करने के लिए कहा.

जस्टिस किशोर संत ने कहा कि प्री-कंसेप्शन एंड प्री-नेटल डायग्नोस्टिक टेक्नीक्स (सेक्स सेलेक्शन प्रोहिबिशन ऑफ सेक्स सेलेक्शन) एक्ट (पीसीपीएनडीटी एक्ट) की धारा 6 और 22 (1) के तहत 'विज्ञापन' को डायग्नोस्टिक सेंटरों तक सीमित नहीं किया जा सकता है और इसे व्यापक रूप दिया जाना चाहिए.

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