उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ CM Yogi Adityanath) ने ज्ञानवापी (Gyanvapi) मसले पर एक महत्वपूर्ण बयान दिया है. उन्होंने कहा कि लोग आज ज्ञानवापी को दूसरी तरह से मस्जिद कहते हैं, लेकिन वह ज्ञानवापी वास्तव में स्वयं विश्वनाथ जी (Vishwanath ji) हैं. मुख्यमंत्री का यह बयान वाराणसी की अदालत द्वारा दिए गए फैसले के बाद आया है, जिसमें हिन्दू पक्ष की याचिका खारिज कर दी गई थी.

वाराणसी की सिविल जज सीनियर डिवीजन हितेश अग्रवाल की अदालत ने गुरुवार को हिंदू पक्ष द्वारा दाखिल याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें स्थानीय जिला मजिस्ट्रेट से ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में स्थित व्यास जी के तहखाने की मरम्मत का आदेश देने की मांग की गई थी. अदालत ने मुसलमान पक्ष द्वारा उठाई गई आपत्तियों और सुप्रीम कोर्ट में लंबित चुनौती को ध्यान में रखते हुए फैसला सुनाया.

हिंदू पक्ष के वकील मदन मोहन यादव ने बताया कि अदालत का फैसला मुस्लिम पक्ष द्वारा व्यास जी के तहखाने की मरम्मत पर विरोध के आधार पर और सुप्रीम कोर्ट में चल रही कानूनी प्रक्रिया को देखते हुए लिया गया है. हालांकि, हिन्दू पक्ष अब जिला जज की अदालत में तहखाने की मरम्मत के लिए अनुमति की अपील करने की योजना बना रहा है.

हिंदू पक्ष ने कहा कि तहखाने की छत पुरानी और कमजोर हो चुकी है, जिससे उसकी सुरक्षा को खतरा है. उन्होंने दलील दी कि मुस्लिम श्रद्धालुओं के छत पर चलने से इमारत गिर सकती है, इसलिए छत और स्तंभों की मरम्मत की मांग की गई.

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