केरल हाई कोर्ट ने गुरुवार को कहा कि अर्ध-बेहोशी की हालत में कोई महिला सेक्स के लिए सहमति नहीं दे सकती, इसलिए, न्यायमूर्ति ए बदरुद्दीन ने रेप आरोपी की अग्रिम जमानत की याचिका खारिज कर दी.
अदालत एक ऐसे मामले की सुनवाई कर रही थी, जिसमें आरोप था कि अनुसूचित जाति समुदाय की एक महिला को केक और पानी की एक बोतल में नशीला तरल पदार्थ देकर उसके साथ रेप किया गया था, जिससे वह अर्ध-बेहोश हो गई थी.
न्यायालय ने कहा. “आरोपी द्वारा उसे केक और पानी की बोतल देने के बाद में महिला को लगा कि उसकी आंखों की रोशनी कम हो रही है और जब वह अर्ध-चेतन अवस्था में थी तो उसके साथ रेप किया गया. ऐसे मामले में, यह नहीं माना जा सकता कि सहमति से सेक्स हुआ है.''
कोर्ट ने कहा, "इसलिए, अभियोजन पक्ष के आरोप प्रथम दृष्टया सही हैं और एससी/एसटी अधिनियम की धारा 18 और 18ए के तहत विशिष्ट रोक को देखते हुए अग्रिम जमानत नहीं दी जा सकती."
अपीलकर्ता ने उच्च न्यायालय के समक्ष दावा किया कि वह और शिकायतकर्ता एक रिश्ते में थे और उनके रिश्ते में तनाव आने के बाद उसने झूठी बलात्कार की शिकायत दर्ज कराई थी.
दूसरी ओर, अभियोजन पक्ष ने दावा किया कि आरोपी ने शिकायतकर्ता को कुछ जहरीला तरल पदार्थ देकर बलात्कार किया था, जिससे वह अर्ध-बेहोश हो गई थी.
Woman in semi-conscious state cannot give consent for sex: Kerala High Court rejects anticipatory bail plea in rape case
Read more: https://t.co/CIiymFDsWj pic.twitter.com/f2RudSMq7e
— Bar & Bench (@barandbench) August 9, 2023
(SocialLY के साथ पाएं लेटेस्ट ब्रेकिंग न्यूज, वायरल ट्रेंड और सोशल मीडिया की दुनिया से जुड़ी सभी खबरें. यहां आपको ट्विटर, इंस्टाग्राम और यूट्यूब पर वायरल होने वाले हर कंटेंट की सीधी जानकारी मिलेगी. ऊपर दिखाया गया पोस्ट अनएडिटेड कंटेंट है, जिसे सीधे सोशल मीडिया यूजर्स के अकाउंट से लिया गया है. लेटेस्टली स्टाफ द्वारा इसमें कोई बदलाव या एडिट नहीं किया गया है. सोशल मीडिया पोस्ट लेटेस्टली के विचारों और भावनाओं का प्रतिनिधित्व नहीं करता है, हम इस पोस्ट में मौजूद किसी भी कंटेंट के लिए कोई जिम्मेदारी या दायित्व स्वीकार नहीं करते हैं.)