आयकर अपीलीय न्यायाधिकरण (ITAT) की मुंबई पीठ ने माना है कि नियत तारीख के बाद भविष्य निधि में कर्मचारी के योगदान के लिए भुगतान कटौती के रूप में स्वीकार्य नहीं है. संदीप सिंह करहेल (न्यायिक सदस्य) और ओम प्रकाश कांत (लेखाकार सदस्य) की दो सदस्यीय खंडपीठ ने चेकमेट सर्विसेज (प्रा.) लिमिटेड के मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर भरोसा किया है और फैसला सुनाया है कि धारा के तहत गैर-प्रतिबंध खंड 43बी या उस प्रावधान में निहित कुछ भी निर्धारिती को कटौती की शर्त के रूप में देय तिथि पर या उससे पहले कर्मचारी के योगदान को जमा करने के दायित्व से मुक्त नहीं करेगा.
Payment Towards Employee’s Contribution To Provident Fund After Due Date Is Not Allowable As Deduction: ITAT https://t.co/IkfQA3gw5x— Live Law (@LiveLawIndia) March 1, 2023
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