इलाहाबाद हाई कोर्ट (Allahabad High Court) ने हाल ही में एक व्यक्ति को उत्तर प्रदेश गोवध अधिनियम के तहत दर्ज अपराध में अग्रिम जमानत दे दी. कोर्ट ने पाया कि अभियुक्त के खिलाफ मामला दंड कानून के दुरुपयोग का एक स्पष्ट उदाहरण था और मामले की निष्पक्ष जांच नहीं हुई. अदालत ने यह देखते हुए निर्देश पारित किया कि आरोपी के कब्जे से न तो गाय और न ही उसका मांस बरामद किया गया था और जांच अधिकारी द्वारा मौके से केवल गाय का गोबर एकत्र किया गया था.

इलाहाबाद हाई कोर्ट ने डीजीपी, उत्तर प्रदेश को निर्देश दिया कि वे जांच अधिकारियों को गोहत्या से संबंधित मामलों में निष्पक्ष जांच सुनिश्चित करने के उनके कर्तव्य की याद दिलाएं.

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