छह साल तक सहमति से बनाए गए यौन संबंधों के बाद अंतरंगता खत्म होने का मतलब यह नहीं हो सकता कि यह धारा 375 [बलात्कार] का घटक बन जाएगा. न्यायमूर्ति एम नागप्रसन्ना की एकल न्यायाधीश पीठ ने इस प्रकार एक महिला द्वारा अपने लिव-इन पार्टनर के खिलाफ दर्ज बलात्कार के मामले को रद्द कर दिया, जिससे उसने फेसबुक पर दोस्ती की थी. “वे पहले दिन से सहमति से किए गए कार्य थे और 27-12-2019 तक सहमति से किए गए कार्य थे. यह अवधि छह लंबे वर्षों की है. इसलिए, यह नहीं माना जा सकता कि यह आईपीसी की धारा 376 के तहत दंडनीय होने के लिए बलात्कार नहीं होगा. यदि आगे की कार्यवाही जारी रखने की अनुमति दी गई जैसा कि ऊपर बताया गया है, तो यह इस मुद्दे पर शीर्ष न्यायालय द्वारा दिए गए कई निर्णयों का उल्लंघन होगा.'
देखें पोस्ट:
"Fading Away Of Intimacy" After 6 Yrs Of Consensual Sex Not Rape: Karnataka High Court | @plumbermushi https://t.co/lQggPMU3Fh
— Live Law (@LiveLawIndia) August 17, 2023
(SocialLY के साथ पाएं लेटेस्ट ब्रेकिंग न्यूज, वायरल ट्रेंड और सोशल मीडिया की दुनिया से जुड़ी सभी खबरें. यहां आपको ट्विटर, इंस्टाग्राम और यूट्यूब पर वायरल होने वाले हर कंटेंट की सीधी जानकारी मिलेगी. ऊपर दिखाया गया पोस्ट अनएडिटेड कंटेंट है, जिसे सीधे सोशल मीडिया यूजर्स के अकाउंट से लिया गया है. लेटेस्टली स्टाफ द्वारा इसमें कोई बदलाव या एडिट नहीं किया गया है. सोशल मीडिया पोस्ट लेटेस्टली के विचारों और भावनाओं का प्रतिनिधित्व नहीं करता है, हम इस पोस्ट में मौजूद किसी भी कंटेंट के लिए कोई जिम्मेदारी या दायित्व स्वीकार नहीं करते हैं.)