Yellow Frogs: भारी बारिश के बीच वसई और बुलढाणा के खेतों में Mating करते दिखे दुर्लभ पीले मेंढक, देखें वायरल तस्वीरें और वीडियो
भारी बारिश के बीच मुंबई से सटे वसई के खेतों में दुर्लभ प्रजाति के पीले मेंढकों का झुंड मेटिंग करते हुए दिखा. खेत में मेंढकों के मेटिंग का एक वीडियो ऑनलाइन शेयर किया गया है, जिसमें मेंढकों का एक समूह दिखाई दे रहा है. संयोग से मेंढकों की इसी प्रजाति को एक हफ्ते पहले महाराष्ट्र के बुलढाणा जिले के खेतों में भी देखा गया था.
Yellow Frogs Mating: कोरोना संकट (Corona Crisis) के बीच बीते दो दिन में मुंबई (Mumbai) शहर और उसके आसपास के इलाकों में भारी बारिश (Heavy Rainfall) हुई है, जिसके कारण कई जगहों पर जल-जमाव हो गया है. दरअसल, हर साल मानसून की शुरुआत के साथ ही केंचुओं (Earthworms), अन्य कीटों (Other Insects) और मेंढकों (Frogs) का दिखना बेहद आम हो जाता है. भारी बारिश के बीच मुंबई से सटे वसई (Vasai) के खेतों में दुर्लभ प्रजाति के पीले मेंढकों (Rare Yellow Frogs) का झुंड मेटिंग (Mating) करते हुए दिखा. खेत में मेंढकों के मेटिंग का एक वीडियो ऑनलाइन शेयर किया गया है, जिसमें मेंढकों का एक समूह दिखाई दे रहा है. संयोग से मेंढकों की इसी प्रजाति को एक हफ्ते पहले महाराष्ट्र के बुलढाणा जिले (Buldhana) में भी देखा गया था.
ज्ञात हो कि बारिश की शुरुआत के साथ किसानों ने फसलों के लिए अपने खेतों की जुताई शुरु कर दी है. इस बीच भारी बारिश के दौरान वसई के नवाले क्षेत्र में विशाल वर्तक के स्वामित्व वाले एक खेत में दुर्लभ पीले मेंढकों का झुंड दिखाई दिया. इन मेंढकों के पीले रंग के कारण ही इन्हें यलो फ्रॉग कहा जाता है. उनकी आवाज अनोखी और कर्कश होती है, जो उन्हें दूसरे मेंढकों से अलग बनाती है. इन मेंढकों का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है.
देखें वीडियो-
वीडियो में करीब 10 मेंढक दिखाई दे रहे हैं, लेकिन पीछे के खेतों में इनकी संख्या अधिक हो सकती है. इसी प्रजाति के मेंढकों को एक हफ्ते पहले बुलढाणा के खामगांव इलाके (Buldhana's Khamgaon Region) में देखा गया था. घाटपुरी क्षेत्र (Ghatpuri Region) के इन मेंढकों के वीडियो और तस्वीरों को फेसबुक पर शेयर किया गया है.
देखें तस्वीर-
गौरतलब है कि ये दुर्लभ पीले मेंढक भारतीय बुलफ्रॉग्स (Indian Bullfrogs) यानी होपलोब्राटेचस टाइगरिनस (Hoplobatrachus tigerinus) है. इस प्रजाति के मेंढक भारत, बांग्लादेश, पाकिस्तान, नेपाल, म्यांमार, अफगानिस्तान और श्रीलंका में पाए जाते हैं. इस प्रजाति के मेंढक मालदीव और मेडागास्कर में भी पाए जाते हैं. वे आमतौर पर भूरे रंग से लेकर ऑलिव ग्रीन कलर में होते हैं, लेकिन मेटिंग के दौरान वे पीले रंग के नजर आते हैं. इस प्रजाति के मेंढक जहरीले नहीं होते हैं और आमतौर पर आद्रभूमि में एकांत अवस्था में रहते हैं. ये केवल मेटिंग के लिए इकट्ठा होते हैं. फसलों को नुकसान पहुंचाने वाले कीटों को नियंत्रित करने के लिए खेतों के आसपास उपस्थित फायदेमंद है.