VIDEO: क्यों थे भगवान राम के 4 भाई और राजा दशरथ की 3 रानियां? BJP के सुधांशु त्रिवेदी ने समझाया शास्त्रों का रहस्य, वीडियो वायरल
एक नीजी चैनल को दिए इंटरव्यू में सुधांशु त्रिवेदी रामायण को लेकर बात की. इस दौरान उन्होंने इस प्रश्न का जवाब दिया कि भगवान राम के 4 भाई और दशरथ की 3 रानियां क्यों थी?
BJP's Sudhanshu Trivedi Explanation: भाजपा प्रवक्ता डॉ. सुधांशु त्रिवेदी की तर्कशक्ति लाजवाब है. जटिल विषयों को भी वे इतने सरल शब्दों में समझाते हैं कि हर कोई उसे आसानी से समझ जाता है. सुधांशु त्रिवेदी धर्मशास्त्रों के ज्ञान के धनी हैं. उनके तर्क अक्सर वेदों, पुराणों और रामायण जैसे ग्रंथों से प्रमाणित होते हैं.
हाल ही में एक नीजी चैनल को दिए इंटरव्यू में उन्होंने रामायण को लेकर बात की. इस दौरान सुधांशु त्रिवेदी ने इस प्रश्न का जवाब दिया कि भगवान राम के 4 भाई और दशरथ की 3 रानियां क्यों थी?
प्रभु श्री राम के 4 भाई क्यों थे?
भगवान राम चार ही भाई क्यों थे? तीन या पांच क्यों नहीं? और अगर चार भाई थे, तो लक्ष्मण ही राम के साथ वनवास के लिए क्यों जाएंगे? और भारत ही खड़ाऊ रख के शासन क्यों करेंगे? और शत्रुधन अयोध्या में क्यों रहेंगे? क्योंकि चार भाई चार पुरुषार्थ के प्रतीक है. धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष. ये भी पढ़ें- Sudhanshu Trivedi Viral Video: श्री कृष्ण की 16108 रानियां क्यों थी? सुधांशु त्रिवेदी के इस जवाब से विरोधियों की बोलती बंद
भगवान राम धर्म है, शत्रुघन अर्थ है, लक्ष्मण काम है और भरत मोक्ष है. धर्म के साथ काम यानी कामना यानी इच्छा सदैव साथ रहनी चाहिए, इसलिए लक्ष्मण सदैव साथ में रहेंगे. भरत मोक्ष के प्रतीक है.
अयोध्या में सिंहासन पर खड़ाऊ रखकर, यानी धर्म के किसी प्रतीक को रख के तपस्या करेंगे मोक्ष प्राप्त होगा और शत्रुघन अर्थ के प्रतीक हैं. तो इसलिए वह राजधानी में ही रहेंगे, अर्थ कभी छोड़ के नहीं जा सकता. इसीलिए कहा तो जाता राम लक्ष्मण की जोड़ी, मगर तुलसीदास ने हनुमान चालीसा में लिखा है- रघुपति कीन्ही बहुत बडाई । तुम मम प्रिय भरतहि सम भाई.... क्यों? कामना को तो धर्म सबसे प्रिय होना चाहिए. लक्ष्मण को राम प्रिय होने चाहिए और धर्म को मोक्ष.
महाराजा की दशरथ की 3 पत्नियां क्यों थी
राजा दशरथ के तीन रानियां थी क्यों? इसमें दो ही जुड़वा भाई हैं लक्ष्मण और शत्रुधन, एक कामना एक और अर्थ यानी इच्छा और पूर्ति दो जुड़वा भाई और तीन पत्नियां क्यो जरूरी थी.
यह चारों चीज़ें एक ही स्रोत से नहीं आ सकती. धर्म सतों गुण से आएगा. तो कौशल्या जी सतों गुण का प्रतीक है, तो वह राम की मां है. अर्थ और काम रजों गुण से आएगा. तो सुमित्रा जी, रजों गुण का प्रतीक है, तो उनसे काम और अर्थ उत्पन्न होगा और कैकेई तमो गुण की प्रतीक है. तो मोक्ष प्राप्त करने के लिए तमो गुण के पार जाना पड़ेगा. इसलिए महाराज दशरथ की तीन ही रानियां हैं. दो या चार नहीं।
इसमें सबसे सुंदर कौन था? कैकैई. तमो गुण सबसे आकर्षिक होता है और अक्सर उसी के पीछे बहुत सारी अनिष्ठ की संभावनाएं भी छुपी रहती है तो मैं कह रहा हूं अगर थोड़ा सा गौर से पढ़ोगे तो एक एक चीज़ में इतना गहरा अर्थ निकलेगा.