कौन हैं Millennials? वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने ऑटो सेक्टर में हाहाकार के लिए ओला-उबर को ठहराया जिम्मेदार, ट्विटर पर #BoycottMillennials हुआ ट्रेंड

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को कहा कि ऑटो सेक्टर में नरमी के कारणों में युवाओं की सोच में बदलाव भी है. उन्होंने कहा कि लोग अब खुद का वाहन खरीदकर मासिक किस्त देने के बजाए ओला और उबर जैसी ऑनलाइन टैक्सी सेवा प्रदाताओं के जरिए वाहनों की बुकिंग को तरजीह दे रहे हैं.

निर्मला सीतारमण (Photo Credits: Twitter)

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने मंगलवार को कहा कि ऑटो सेक्टर (Auto Sector) में नरमी के कारणों में युवाओं की सोच में बदलाव भी है. उन्होंने कहा कि लोग अब खुद का वाहन खरीदकर मासिक किस्त देने के बजाए ओला और उबर (Ola and Uber) जैसी ऑनलाइन टैक्सी सेवा प्रदाताओं के जरिए वाहनों की बुकिंग को तरजीह दे रहे हैं. निर्मला सीतारमण का यह बयान सामने आने के बाद सोशल मीडिया पर यूजर्स #SayItLikeNirmala और  #BoycottMillennials के जरिए उनपर तंज कस रहे हैं.

अब सवाल उठ रहे हैं कि millennials कौन हैं? हैशटैग #BoycottMillennials क्यों ट्रेंड कर रहा है? अगर आप सोच रहे हैं कि यह ट्विटर पर टॉप ट्रेंडिंग हैशटैग में से एक क्यों हैं, तो आपके लिए सोशल मीडिया पर इसका जवाब है. यह भी पढ़ें- ओला-उबर से सफर और बीएस 6 के कारण प्रभावित हुआ वाहन उद्योग: निर्मला सीतारमण.

Millennials कौन हैं?

Millennials को जेनरेशन वाई और नेक्स्ट जेनरेशन भी कहा जाता है. दरअसल, 80 के दशक और 90 के मध्य में पैदा हुए लोगों को Millennials कहा जाता है. Millennials की विशेषताएं क्षेत्र और व्यक्ति के हिसाब से अलग-अलग होती हैं. हालांकि कम्फर्टेबल रूप से डिजिटल टेक्नोलॉजी और सोशल मीडिया का इस्तेमाल करने के कारण उन्हें Millennials की श्रेणी में रखा जाता है.

सोशल मीडिया पर क्यों ट्रेंड कर रहा है #BoycottMillennials?

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि ओला और उबर पसंद करने की युवाओं की मानसिकता से भी ऑटो सेक्टर में नरमी आई है. उन्होंने कहा कि ऑटो सेक्टर कई चीजों से प्रभावित है जिसमें भारत चरण-6 मानकों, रजिस्ट्रेशन फीस संबंधित बातें और सोच में बदलाव शामिल हैं. उन्होंने कहा कि कुछ अध्ययन बताते हैं कि गाड़ियों को लेकर युवाओं की सोच बदली है. वे खुद का वाहन खरीदकर मासिक किस्त देने के बजाए ओला, उबर या मेट्रो (ट्रेन) सेवाओं को पसंद कर रहे हैं. यह भी पढ़ें- वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अर्थव्यवस्था में मंदी पर मनमोहन सिंह के बयान को किया खारिज, कहा- उद्योग की समस्याओं पर सरकार का ध्यान.

तो क्या ऑटो सेक्टर में मंदी के लिए Millennials जिम्मेदार हैं? दरअसल, किसी भी बात को लेकर बार-बार जिम्मेदार ठहराए जाने के कारण सोशल मीडिया यूजर्स बोर (ऊब) हो चुके हैं. ऐसे में #BoycottMillennials के जरिए सोशल मीडिय पर मीम्स और जोक्स शेयर किए जा रहे हैं.

कृषि क्षेत्र को लेकर यूजर का ट्वीट-

यूजर ने 'ऑक्सीजन संकट' को लेकर किया ये ट्वीट-

उबर यूजर का ट्वीट-

उल्लेखनीय है कि ऑटो सेक्टर में जबरदस्त मंदी के दौर से गुजर रही है. अशोक लीलैंड की कुल बिक्री अगस्त में 47 प्रतिशत घटकर 9,231 वाणिज्यिक वाहन रही. पिछले साल इसी माह में कंपनी ने 17,386 वाहन की बिक्री की थी. वहीं, टाटा मोटर्स के यात्री वाहनों की घरेलू बिक्री अगस्त में 58 प्रतिशत तक लुढ़क गई. होंडा कार्स इंडिया लि. (एचसीआईएल) की घरेलू बिक्री अगस्त महीने में 51.28 प्रतिशत घटकर 8,291 इकाई रह गई, जो एक साल पहले समान महीने में 17,020 इकाई थी. देश की सबसे बड़ी कार कंपनी मारुति सुजुकी इंडिया की बिक्री अगस्त महीने में 32.7 प्रतिशत घटकर 1,06,413 वाहन रह गई. इससे पिछले साल के समान महीने में कंपनी की बिक्री 1,58,189 इकाई रही थी.

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