हर रोज 400 गरीबों को भर पेट खाना खिलाते हैं सईद ओसमान अजहर मकसूसी, 4 राज्यों में करते हैं ये नेक काम
आजकल हर इंसान आपने आप में परेशान है. लोग अपने लिए दो वक्त की रोटी कमाने में लगे हुए हैं. दुनिया में ऐसे बहुत ही कम लोग हैं जो अपने बारे में कम दूसरों के बारे में ज्यादा सोचते हैं. देश में बहुत बड़ा तबका है जो रोज भूखे सो जाता है...
आप जब तक खुद गरीबी और भूख से न गुजरे हो तब तक आपको गरीबी और भूख का एहसास नहीं होगा. आजकल हर इंसान अपने आप में परेशान है. लोग अपने लिए दो वक्त की रोटी कमाने में लगे हुए हैं. दुनिया में ऐसे बहुत ही कम लोग हैं जो अपने बारे में कम और दूसरों के बारे में ज्यादा सोचते हैं. देश में बहुत बड़ा तबका ऐसा भी है जो रोज भूखे सो जाता है. लोग गरीबों को सड़क पर भूख से बिलखते हुए देखते हैं थोड़ी देर बुरा भी लगता है, लेकिन उनके लिए कुछ कर नहीं पाते हैं. दुनिया की इसी भीड़ में एक ऐसा इंसान भी है जो गरीबों की भूख और तकलीफ को समझता है और रोजाना 400 गरीबों का पेट भरता है. जी हां सईद ओसमान अजहर मकसूसी नाम के ये शख्स किसी करोड़पति घराने से ताल्लुक नहीं रखते हैं, बल्कि ये एक आम इंसान है. बावजूद इसके वो अपनी कमाई का आधे से ज्यादा हिस्सा भूखे, गरीबों और बेसहारा लोगों का पेट भरने में लगा देते हैं.
अजहर ने इस नेक काम की शुरुआत साल 2012 में की थी और ये सिलसिला अब तक जारी है. 2012 से लेकर अब तक एक भी दिन ऐसा नहीं आया जब अजहर ने गरीबों को खाना न खिलाया हो. अजहर गरीबों के लिए मसीहा हैं. हर रोज बेघरों, भिखारियों, कचरा चुनने वालों और मजदूरों को अजहर का इंतजार रहता है. इस नेक काम के पीछे एक कहानी है. अजहर जब 4 साल के थे तब उनके पिता का देहांत हो गया था. पिता की मौत के बाद कई दिन उनके परिवार को भूखे पेट सोना पड़ा. परिवार की जिम्मेदारियों की वजह से उन्हें छोटी सी उम्र में काम करना पड़ा.
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एक दिन वो काम पर से घर आ रहे थे तभी उनकी नजर एक महिला पर पड़ी जो भूख से तड़प रही थी. अजहर ने उस महिला को भर पेट खाना खिलाया. उस दिन के बाद से उन्होंने तय कर लिया कि वो रोज गरीबों का पेट भरेंगे. इस नेक काम की शुरुआत उन्होंने अकेले ही की थी, लेकिन आज उनके साथ बहुत से लोग जुड़ चुके हैं. शुरुआत में अजहर सिर्फ हैदराबाद में ही गरीबों का पेट भरते थे, लेकिन अब कर्नाटक, असम और झारखंड जैसे राज्यों में भी इस नेक काम की शुरुआत की जा चुकी है.