पुलिसकर्मी ने बुजुर्ग महिला को अपने हाथों से खिलाई पुरी-सब्जी, दयालू स्वभाव ने छुआ नेटिज़न्स का दिल
एक पुलिसकर्मी द्वारा बुजुर्ग महिला को खाना खिलाते हुए एक इमोशनल कर देने वाली तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है. इस तस्वीर को देख कर सभी उनकी तारीफ़ कर रहे है. इस वीडियो को पैरालिंपियन रिंकू हुड्डा द्वारा ट्विटर पर शेयर किया गया है. इस तस्वीर में एक पुलिसकर्मी एक बुजुर्ग महिला को पेड़ के नीचे बैठकर अपने हाथों से पूरी और सब्जी खिलाते दिखाई दे रहे हैं.
एक पुलिसकर्मी द्वारा बुजुर्ग महिला को खाना खिलाते हुए एक इमोशनल कर देने वाली तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है. इस तस्वीर को देख कर सभी उनकी तारीफ़ कर रहे है. इस वीडियो को पैरालिंपियन रिंकू हुड्डा द्वारा ट्विटर पर शेयर किया गया है. इस तस्वीर में एक पुलिसकर्मी एक बुजुर्ग महिला को पेड़ के नीचे बैठकर अपने हाथों से पूरी और सब्जी खिलाते दिखाई दे रहे हैं. हुड्डा ने इस तस्वीर के कैप्शन में लिखा,'पुलिस का एक चेहरा ऐसा भी होता है. #सलाम' यह भी पढ़ें: Diwali 2020: मेरठ में बच्चों के नहीं बिके दीये तो ड्यूटी पर तैनात पुलिसवालों ने दोगुनी कीमत पर खरीदे ढेर सारे दीये, देखें वीडियो
तस्वीर वायरल होने के बाद अब तक इसे तस्वीर नेटिज़न्स के साथ अब तक इसे 6 लाइक्स और 4 सौ से ज्यादा रिट्वीट मिल चुके हैं. कई लोगों ने पुलिस वाले के इस करूणा भाव की तारीफ की और उन्हें सलाम किया. एक यूजर ने लिखा, 'हम जिंदा है, क्योंकि इंसानियत जिंदा है... अगर हम किसी की मदद कर सकते हैं, तो हमें जरूर करना चाहिए, ”जबकि दूसरे ने टिप्पणी की,” बहुत बढ़िया काम सर, मैं आपको सलाम करता हूं. पुलिसवालों की दरियादिली के वीडियो अक्सर सोशल मीडिया पर वायरल होते रहते हैं.
देखें ट्वीट:
नेटीजंस ने दी प्रतिक्रियाएं:
सलाम:
गर्व:
गुड वर्क:
पुलिस का नहीं इंसान का चेहरा है:
देश का असली हीरो:
हाल ही में दिल्ली के एक पुलिसकर्मी की एक और तस्वीर वायरल हुई थी, जो एक 82 वर्षीय महिला को गोद में लिए हुए टीकाकरण केंद्र में ले जाते हुए दिखाई दे रहे थे. कांस्टेबल कुलदीप सिंह ने एएनआई को बताया, 'वह मेरे बीट एरिया की सीनियर सिटीजन हैं. मैं अक्सर उनके स्वास्थ्य की जांच करने के लिए उनके पास जाता हूं. उन्होंने COVID टीकाकरण प्राप्त करने की इच्छा व्यक्त की. मैंने अपने एसएचओ से बात की और उसने पंजीकरण और टीकाकरण में उसकी मदद की. वह पिछले दो वर्षों से चल नहीं सकती थी और स्ट्रेचर या व्हीलचेयर टीकाकरण केंद्र तक नहीं जा सकती थी. इसलिए मुझे उन्हें दूसरी मंजिल से ले जाना पड़ा,उन्हें अस्पताल ले गया उनका टीकाकरण कराया और फिर घर वापस छोड़ दिया.