लॉकडाउन में Parle-G बिस्किट की बिक्री ने तोड़ा पिछले 8 दशक का रिकॉर्ड, सोशल मीडिया यूजर्स ने ऐसे मनाया इस उपलब्धि का जश्न
पारले-जी (Photo Credits: Twitter)

कोरोना वायरस (Coronavirus) के खिलाफ जारी लॉकडाउन (Lockdown) के चलते तमाम बिजनेस (Business) को नुकसान झेलने पड़ रहे हैं, जबकि कईयों के सामने अपने बिजनेस को बंद करने तक की नौबत आ गई है, लेकिन पारले-जी (Parle-G)  ने लॉकडाउन की अवधि में एक नया रिकॉर्ड बनाया है. पारले-जी ने बिस्किट (Parle-G Biscuit) की बिक्री के मामले में पिछले 8 दशकों का रिकॉर्ड तोड़ दिया है. इकोनॉमिक टाइम्स (Economic Times) की रिपोर्ट के अनुसार, पारले-जी ने पुष्टि की है कि मार्च, अप्रैल और मई कंपनी के लिए आठ दशकों में सबसे अच्छे महीने रहे हैं.

पारले प्रोडक्ट्स (Parle Products) की समग्र बाजार में हिस्सेदारी लगभग 5 फीसदी बढ़ी है. कंपनी का कहना है कि इस बढ़ोत्तरी का 80-90 फीसदी हिस्सा पारले-जी की बिक्री से आया है. लॉकडाउन की अवधि के दौरान कंपनी ने अपने सबसे ज्यादा बिकने वाले उत्पाद को 5 रुपए में बेचने पर ध्यान केंद्रित किया. बता दें कि पारले-जी साल 1938 से ही लोगों के बीच एक लोकप्रिय ब्रांड रहा है और लॉकडाउन के बीच कंपनी ने अब तक सबसे ज्यादा बिस्किट बेचने का नया रिकॉर्ड बनाया है.

सोशल मीडिया यूजर्स ने पारले-जी बिस्किट के साथ अपने यादगार पलों को साझा करके पारले-जी की इस उपलब्धि का जश्न मनाया है. मंगलवार को ट्विटर पर #ParleG ट्रेंड करने लगा और लोगों ने पारले-जी बिस्किट से जुड़े मीम्स और अपने यादगार पलों को शेयर किया.

पारले-जी सिर्फ एक बिस्किट नहीं, बल्कि एक भावना है

देखें अभिनेता रणदीप हुडा का ट्वीट

पारले-जी पर बना मीम

गौरतलब है कि देश में लॉकडाउन के ऐलान के बाद से ही हजारों-लाखों प्रवासी मजदूर अपने घरों की ओर पलायन करने को मजबूर हो गए. कंपनियों, उद्योग धंधों और रोजगार ठप हो जाने के कारण प्रवासी मजदूर बेरोजगार हो गए और उन्हें पलायन के लिए मजबूर होना पड़ा. ऐसे में महज 5 रुपए में मिलने वाला पारले-जी बिस्किट सैकड़ों किलोमीटर पैदल चलने वाले मजदूरों के लिए मददगार साबित हुआ. पैदल यात्रा के दौरान किसी प्रवासी ने खुद बिस्किट खरीदकर खाया तो मदद के तौर पर कुछ लोगों ने उन्हें बिस्किट के पैकेट बांटे.