मॉस्को: मेट्रो में कोरोनावायरस पर मजाक करना पड़ा शख्स को भारी, मिली ये सजा...
रूस के मॉस्को मेट्रो में यात्रा के दौरान एक शख्स ने कोरोनावायरस के लक्षणों की नकल करते हुए लोगों के साथ प्रैंक किया, जिसके चलते वहां मौजूद लोगों में डर फैल गया. हालांकि कोरोनावायरस को लेकर किए गए इस मजाक के बारे में पता चलते ही रूसी अधिकारियों ने उसे गिरफ्तार कर लिया और अब उसे 5 साल जेल की सजा का सामना करना पड़ रहा है.
मॉस्को: चीन (China) के वुहान (Wuhan) से फैले कोरोनावायरस (Coronavirus) का प्रकोप दुनिया भर में गंभीर चिंता का विषय बना हुआ है. इस वायरस (Deadly Virus) से निपटने के लिए हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं. वहीं कोरोनावायरस को लेकर मजाक (Coronavirus Prank) करना एक शख्स को काफी महंगा साबित हो गया है. रिपोर्ट्स के अनुसार, रूस (Russia) के मॉस्को मेट्रो (Moscow Metro) में यात्रा के दौरान एक शख्स ने कोरोनावायरस के लक्षणों (Coronavirus Symptoms) की नकल करते हुए लोगों के साथ प्रैंक किया, जिसके चलते वहां मौजूद लोगों में डर फैल गया. हालांकि कोरोनावायरस को लेकर किए गए इस मजाक के बारे में पता चलते ही रूसी अधिकारियों ने उसे गिरफ्तार कर लिया और अब उसे 5 साल जेल की सजा का सामना करना पड़ रहा है.
सीएनएन (CNN) की रिपोर्ट के अनुसार, मॉस्को मेट्रो में मास्क पहने युवक का एक वीडियो हाल ही में सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था, जिसमें वो प्रैंक करते हुए मेट्रो ट्रेन के भीतर फर्श पर गिरते हुए दिखाई दे रहा था और उसके दोस्तों ने ट्रेन में मौजूद यात्रियों से कहा कि वो कोरोनावायरस से संक्रमित है, जिसके चलते मेट्रो में मौजूद यात्रियों के बीच अफरा-तफरी मच गई.
बताया जाता है कि वह शख्स ताजिकिस्तान का है, जिसे रूसी पुलिस ने 8 फरवरी को हिरासत में लिया था. पुलिस ने उसे गुंडागर्दी के आरोप में गिरफ्तार किया, जिसके लिए अधिकतम पांच साल तक की जेल की सजा होती है. शख्स के वीडियो को 2 फरवरी को kara.prank नाम के पेज से इंस्टाग्राम और यूट्यूब पर शेयर किया गया था. हालांकि बाद में इस वीडियो को हटा दिया गया. यह भी पढ़ें: आंध्रप्रदेश: कोरोनावायरस संक्रमण की आशंका से शख्स ने फांसी लगाकर की आत्महत्या
कोरोनावायरस को लेकर मजाक करने वाले शख्स कैरोमातुलो (Karomatullo) के वकील एलेक्सेई पोपोव (Alexei Popov) का कहना है कि उसने इस बीमारी के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए ही इस पर मजाक किया था. पोपोव ने सीएनएन से कहा कि इस वीडियो को उसके अन्य वीडियो से अलग नहीं देखा जाना चाहिए. उनका कहना है कि शख्स ने दुकानों में वीडियो शूट करके लोगों से पूछा कि क्या वे कोरोनावायरस के बारे में जानते हैं. वो इस समस्या पर अधिकारियों का ध्यान केंद्रित करना चाहते थे, इस अपराध का कोई सबूत नहीं है.