Fact Check: मेल, एक्सप्रेस, पैसेंजर और उपनगरीय ट्रेन सेवाएं 30 सितंबर तक सस्पेंड? रेलवे ने बताया सच
देश में कोरोना वायरस का संक्रमण हर दिन एक नया रिकॉर्ड बना रहा है. इन सब के बीच कोरोना काल में सोशल मीडिया पर गलत और भ्रामक जानकारियां भी तेजी से प्रसारित हो रही है. ऐसी ही एक फर्जी सूचना का सच सोमवार को भारतीय रेलवे ने बताया है.
मुंबई: देश में कोरोना वायरस का संक्रमण हर दिन एक नया रिकॉर्ड बना रहा है. इन सब के बीच कोरोना काल में सोशल मीडिया पर गलत और भ्रामक जानकारियां भी तेजी से प्रसारित हो रही है. ऐसी ही एक फर्जी सूचना का सच सोमवार को भारतीय रेलवे ने बताया है. दरअसल सोशल मीडिया पर एक फेक अधिसूचना में कहा गया है कि कोविड-19 महामारी के मद्देनजर सभी मेल, एक्सप्रेस, पैसेंजर और उपनगरीय ट्रेन सेवाएं 30 सितंबर तक निलंबित रहेंगी.
रेलवे बोर्ड ने आज स्पष्ट किया कि ट्रेनों को फिर से शुरू करने या स्थगित करने के संबंध में कोई नई अधिसूचना जारी नहीं किया गया है और अगली सूचना तक सेवाएं निलंबित रहेंगी. रेल मंत्रालय ने एक ट्वीट में कहा कि कुछ मीडिया रिपोर्ट में कहा जा रहा है कि रेलवे ने 30 सितंबर तक सभी नियमित ट्रेनों को रद्द कर दिया है, जो कि सही नहीं है. रेल मंत्रालय द्वारा कोई नया सर्कुलर जारी नहीं किया गया है. स्पेशल मेल एक्सप्रेस ट्रेनें चलती रहेंगी. Mumbai Loal Train wallet: लोकल ट्रेन में गायब 14 साल बाद मिला खोया हुआ पर्स, रेलवे पुलिस ने शख्स को लौटाया
इससे पहले रेलवे में करीब पांच हजार पदों को भरने के लिए एक फर्जी विज्ञापन जारी करने के मामले में एक निजी एजेंसी के खिलाफ रेलवे ने कार्रवाई शुरू की. यह विज्ञापन प्रमुख अखबारों में भी प्रकाशित किया गया था जिसमें कहा गया कि रेलवे ने आठ श्रेणियों में 5,285 पदों को भरने के लिए भर्ती प्रक्रिया शुरू की है.
मंत्रालय ने एक बयान जारी कर कहा, ‘‘रेल मंत्रालय के संज्ञान में आया कि एक संगठन जिसका नाम ‘अवेस्ट्रान इंफोटेक’ है, ने आठ अगस्त 2020 को प्रमुख अखबारों में विज्ञापन दिया और ऑउटसोर्सिंग के आधार पर भारतीय रेलवे में 11 साल तक कांट्रेक्ट पर काम करने के लिए आठ श्रेणियों में 5,285 पदों के लिए आवेदन आमंत्रित किया. आवेदकों से 750 रुपये बतौर आवेदन शुल्क ऑनलाइन जमा कराने को कहा गया. विज्ञापन में आवेदन करने की अंतिम तारीख 10 सितंबर 2020 बताई गई है.’’
मंत्रालय ने कहा, ‘‘यह सूचित किया जाता है कि रेलवे में भर्ती के लिए हमेशा भारतीय रेलवे द्वारा ही विज्ञापन जारी किया जाता है. कोई निजी एजेंसी इसके लिए अधिकृत नहीं है। अत: उक्त विज्ञापन जारी करना गैर कानूनी है.’’
उल्लेखनीय है कि सोशल मीडिया पर इन दिनों कोरोना वायरस से संबंधित हर फेक न्यूज जंगल की आग की तरह फैल रही है. ऐसे में हम आपसे अपील करते है कि किसी भी ऑनलाइन खबर या पोस्ट पर विश्वास करने से पहले उसकी प्रामाणिकता की जांच जरुर कर लें. सोशल मीडिया पर ऐसी झूठी खबरों को शेयर करने से बचें.