Fact Check: किसान आंदोलन के बीच उद्योगपति मुकेश अंबानी के नवजात पोते से मिलने पहुंचे पीएम मोदी? जानें वायरल खबर की सच्चाई
साल 2014 की तस्वीर (Photo Credits: Twitter)

Fact Check: किसान आंदोलन (Farmer's Protest) के बीच देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) को लेकर एक फेक खबर सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रही है, जिसमें दावा किया जा रहा है कि पीएम मोदी उद्योगपति मुकेश अंबानी (Mukesh Ambani) के नवजात पोते से मिलने के लिए पहुंचे. गलत सूचना फैलाने वालों ने मुकेश अंबानी के यहां दौरा करने को लेकर पीएम मोदी पर हमला किया है. दरअसल, किसान पिछले कई दिनों से दिल्ली की सीमाओं पर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. इसके बीच पीएम मोदी को लेकर ऐसी खबर लोगों के बीच भ्रम पैदा कर रही है. बता दें कि आकाश अंबानी की पत्नी श्लोका मेहता ने हाल ही में बेटे को जन्म दिया है, जबकि नन्हे मेहमान के आने से मुकेश अंबानी और नीता अंबानी दादा-दादी बन गए हैं.

सोशल मीडिया पर अफवाह साझा करने वालों ने दावा किया है कि प्रधानमंत्री के पास अंबानी से मिलने का समय है, लेकिन उनके पास भोजन प्रदाताओं से मिलने का समय नहीं है, जो पिछले 17 दिनों से ठंड में बैठे हैं. मैसेज में दावा किया जा रहा है कि पीएम मोदी मुकेश अंबानी के पोते से मिलने के लिए अस्पताल पहुंचे. इस दावे के साथ पुरानी तस्वीर को सोशल मीडिया पर शेयर किया गया था. यह भी पढ़ें: Fact Check: केंद्र सरकार ने किसान आंदोलन दबाने के लिए जैमर लगाए हैं? सोशल मीडिया पर वायरल इस खबर की जानें सच्चाई

सोशल मीडिया पर वायरल फेक न्यूज

इस दावे के साथ वायरल हो रही तस्वीर की सच्चाई का जब पता लगाने की कोशिश कई गई तो पता चला कि यह साल 2014 की तस्वीर है, जब पीएम मोदी ने मुंबई में एचएन रिलायंस फाउंडेशन अस्पताल का उद्घाटन किया. यह तस्वीर अस्पताल के उद्घाटन के दौरान ली गई थी. ऐसे में लोगों से अपील की जाती है कि सोशल मीडिया इस तरह की फेक तस्वीरों या जानकारियों पर विश्वास करने के बजाय उसकी सत्यता को जांच लें.

Fact check

Fact Check: किसान आंदोलन के बीच उद्योगपति मुकेश अंबानी के नवजात पोते से मिलने पहुंचे पीएम मोदी? जानें वायरल खबर की सच्चाई
Claim :

किसान आंदोलन के बीच पीएम मोदी उद्योगपति मुकेश अंबानी के नवजात पोते से मिलने पहुंचे.

Conclusion :

फेक न्यूज, साल 2014 में जब पीएम मोदी ने मुंबई में रिलायंस अस्पताल का उद्घाटन किया था यह तस्वीर तब की है, गलत सूचना फैलाने के लिए इसका इस्तेमाल किया गया.

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