Coronavirus: क्या ईरान में COVID-19 से मरने वालों के लिए खोदी गई हैं नई कब्रें? सैटेलाइट तस्वीरों में दिखे सामूहिक कब्रगाह
अमेरिकी मीडिया वाशिंगटन पोस्ट में छपी एक रिपोर्ट के अनुसार, ईरान के कोम स्थित बेहशत-ए-मशोमेह के पास मौजूद कब्रगाह में असामान्य गतिविधियां देखने को मिली हैं. रिपोर्ट के अनुसार, कोरोना वायरस संक्रमण से मरने वाले लोगों के लिए तेहरान में सामूहिक कब्रों की खुदाई की गई. अंतरिक्ष से ली गई सैटेलाइट तस्वीरों में सामूहिक कब्रगाह की तस्वीरें देखी जा सकती हैं.
तेहरान: दिसंबर 2019 में चीन (China) के वुहान (Wuhan) से फैला कोरोना वायरस (Coronavirus) अब दुनिया के 118 देशों में अपने पैस पसार चुका है. दुनिया भर में कोरोना वायरस के 125,000 मामले सामने आए हैं, जबकि 4,600 से ज्यादा लोग इस संक्रमण (Coronavirus Outbreak) की चपेट में आकर अपनी जान गंवा चुके हैं. भारत में भी कोरोना वायरस के 75 मामले सामने आए हैं. चीन के अलावा कई देशों में कोरोना वायरस ने हाहाकार मचा दिया है. रिपोर्ट्स के अनुसार, ईरान में कोरोना वायरस का प्रकोप ज्यादा गंभीर हो गया है, लेकिन यह देश इसके प्रभाव की गंभीरता को छुपा रहा है. अमेरिकी मीडिया वाशिंगटन पोस्ट (Washington Post) में छपी एक रिपोर्ट के अनुसार, ईरान (Iran) के कोम (Kom) स्थित बेहशत-ए-मशोमेह (Behesht-e Masoumeh cemetery) के पास मौजूद कब्रगाह में असामान्य गतिविधियां देखने को मिली हैं.
रिपोर्ट के अनुसार, कोरोना वायरस संक्रमण से मरने वाले लोगों के लिए तेहरान में सामूहिक कब्रों की खुदाई की गई. अंतरिक्ष से ली गई सैटेलाइट तस्वीरों में सामूहिक कब्रगाह की तस्वीरें देखी जा सकती हैं. बताया जाता है कि तेहरान से 80 मील दूर कोम में बीते 21 फरवरी से ही नई कब्रों को खोदने का काम शुरु किया गया था, लेकिन सैटेलाइट तस्वीरों में दिख रहा है कि जिस रफ्तार से कोरोना वायरस का प्रकोप बढ़ता गया, उसी रफ्तार से कब्रगाहों का आकार भी बढ़ता चला गया. सैटेलाइट तस्वीरों में जो दो गड्ढे नजर आ रहे हैं वो करीब 100 एकड़ में फैले हैं. यह भी पढ़ें: Coronavirus: संक्रमण के बाद व्यक्ति के शरीर में कई हफ्तों तक जिंदा रह सकता है कोरोना वायरस
देखें तस्वीरें-
मैक्सार टेक्नोलॉजी द्वारा प्रकाशित तस्वीरें बताती हैं कि अक्टूबर में ये कब्रिस्तान खाली नजर आ रहे थे, लेकिन मार्च की शुरुआत तक ये खाली जगहें भरी हुई नजर आ रही हैं, जबकि दूसरे गड्ढे पर काम जारी है. वॉशिंगटन पोस्ट की रिपोर्ट के अनुसार, एक विश्लेषक ने बताया कि चूने के ढेर को चित्रों में देखा जा सकता है और ईरान के अधिकारियों ने भी पहले कोरोना वायरस पीड़ितों को दफनाने के समय चूने के उपयोग की पुष्टि की है.
दरअसल, चूने का इस्तेमाल बड़े पैमाने पर कब्रों के कारण होने वाले क्षय और गंध को रोकने के लिए किया जा सकता है. विशेषज्ञ ने यह भी कहा कि गड्ढों को कब्रों से अलग तरीके से खोदा गया है. मुमकिन कि देश में बढ़ती मौतों को देखते हुए ये कब्रगाह जल्दबाजी में बनाए गए हैं. रिपोर्ट में बताया गया है कि कोरोना वायरस से मरने वालों को इन्ही गड्ढ़ों में दफनाया जा रहा है. यह भी पढ़ें: Coronavirus Scare: नमस्ते कहकर डोनाल्ड ट्रंप ने किया आयरलैंड के पीएम वराडकर का स्वागत, नहीं मिलाया हाथ
गौरतलब है कि ईरान में अब तक कोरोना वायरस से करीब 430 लोगों की मौत हो गई है, जबकि 10, 000 से ज्यादा लोग इससे प्रभावित बताए जा रहे हैं. मृतकों में कुछ सांसद, एक पूर्व राजनयिक और अयातुल्लाह खुमैनी के एक सलाहकार भी शामिल हैं. आलम तो यह है कि देश के उपराष्ट्रपति और दो दर्जन सरकारी अधिकारी भी इसकी चपेट में हैं, जबकि अकेले कोम में 846 लोग कोरोना वायरस की गिरफ्त में बताए जा रहे हैं.