मुंबई: केईएम अस्पताल के वार्ड में एक बेड पर किया जा रहा है दो मरीजों का इलाज, वीडियो हुआ वायरल
देश में कोरोना वायरस का प्रकोप तेजी से बढ़ता ही जा रहा है. इस वायरस से निपटने के लिए केंद्र के साथ मिलकर राज्य सरकारें काम कर रही हैं. कोरोना के सबसे अधिक मामले महाराष्ट्र से सामने आए हैं. सायन अस्पताल एक वार्ड में मरीजों के बीच शव रखने का वीडियो सामने आने के बाद बीएमसी की काफी किरकिरी हुई थी.
मुंबई. देश में कोरोना वायरस (Coronavirus) का प्रकोप तेजी से बढ़ता ही जा रहा है. इस वायरस से निपटने के लिए केंद्र के साथ मिलकर राज्य सरकारें काम कर रही हैं. कोरोना के सबसे अधिक मामले महाराष्ट्र से सामने आए हैं. सायन अस्पताल (Sion Hospital) के एक वार्ड में मरीजों के बीच शव रखने का वीडियो सामने आने के बाद बीएमसी की काफी किरकिरी हुई थी. यह मामला अभी शांत भी नहीं हुआ था कि एक और वीडियो ने सरकारी अस्पताल में होने वाले इलाजों की पोल खोलकर रख दी है. ताजा वीडियो में कहा जा रहा है कि मुंबई (Mumbai) के केईएम अस्पताल (KEM Hospital) में एक वॉर्ड बहुत ज्यादा ही भीड़ से भरा पड़ा है. जिससे एक बेड पर दो मरीजों का इलाज किया जा रहा है. इस पूरे वाकये का वीडियो सोशल मीडिया (Social Media) पर तेजी से वायरल हो रहा है.
ऐसा कहा जा रहा है कि इस वीडियो को एक पत्रकार ने शूट किया है. दावा है कि कोरोना मरीज का शव एक काले रंग की प्लास्टिक की थैली में वॉर्ड के बाहर रखा गया है. इस वीडियो में देखा जा सकता है कि मरीजों के साथ उनके रिश्तेदार बैठे हुए हैं. इस दौरान सोशल डिस्टेंसिंग का जरा भी ध्यान नहीं रखा जा रहा है. यह भी पढ़े-मुंबई: COVID-19 मरीजों के बीच शव पड़े होने के मामले में सायन हॉस्पिटल के डीन प्रमोद इंगल को हटाया गया
वीडियो ट्वीट का स्क्रीनशॉट जिसमें केईएम अस्पताल के वॉर्ड में भीड़भाड़ है-
इस वीडियो में केईएम अस्पताल की स्थिति बहुत गंभीर नजर आ रही है. हालांकि अस्पताल में डॉक्टर और मेडिकल स्टाफ पूरी कोशिश कर रहे हैं, बावजूद इसके मरीजों की उचित देखभाल नहीं हो पा रही है, क्योंकि इस वॉर्ड में क्षमता से अधिक लोगों को रखा गया है. इस वीडियो को शूट करने वाले पत्रकार सुधाकर नाडर ने एक समाचार चैनल से कहा कि मुझे चलने के लिए जगह नहीं मिली. मैं सरकार से इनकी मदद करने की अपील करता हूं.
वहीं केईएम अस्पताल के डॉ. हेमंत देशमुख ने कहा कि वीडियो COVID-19 वॉर्ड का नहीं है. उन्होंने आगे कहा कि हमारे पास कैजुअल्टी में गंभीर एक्यूट रेस्पिरेटरी इलनेस वाले मरीजों की तादाद ज्यादा है. यह क्षेत्र आइसोलेशन वॉर्ड है. उन्होंने कहा कि अस्पताल में आने वाले मरीजों की जांच रिपोर्ट के आधार पर यह तय किया जाता है कि उन्हें कोरोना पॉजिटिव या निगेटिव वॉर्ड में रखा जाए.
गौरतलब है कि सायन अस्पताल के वायरल हुए वीडियो में कथित तौर पर इलाज करा रहे कोरोना मरीजों के साथ मृतकों के शव को दिखाया गया था. इस मामले के सामने आने के बाद मुंबई की मेयर किशोरी पेडणेकर ने अस्पताल का दौरा किया था, फिर बीएमसी ने जांच के बाद सायन अस्पताल के डीन प्रमोद इंगले को हटा दिया था.