COVID-19 MythBusters: काली मिर्च में छिपा है कोरोना का इलाज? जानें क्या कहते हैं विशेषज्ञ

काली मिर्च के सेवन से कोरोना से बचा सकता है!' इस संदेश में इस बात का भी जिक्र है कि पांडिचेरी मेडिकल कॉलेज के एक छात्र ने यह शोध किया है और दावा किया गया है कि विश्व स्वास्थ्य संगठन इसके सेवन स्वीकृति दे चुका है.

प्रतिकात्मक तस्वीर ( photo credit : facebook )

काली मिर्च : पिछले कुछ दिनों से सोशल मीडिया (social media) के तहत फेसबुक (Facebook) से लेकर वाट्सएप (Whatsapp) और ट्विटर (Twitter)तक में एक मैसेज तेजी से वायरल हो रहा है कि 'काली मिर्च (Black pepper) के सेवन से कोरोना से बचा सकता है!' इस संदेश में इस बात का भी जिक्र है कि पांडिचेरी मेडिकल कॉलेज के एक छात्र ने यह शोध किया है और दावा किया गया है कि विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) इसके सेवन स्वीकृति दे चुका है. क्या इस वायरल हो रहे मैसेज पर भरोसा किया जा सकता है? खासकर तब जबकि WHO कोरोना वायरस (Corona virus) के संदर्भ में आये दिन इस बात की पुष्टि कर रहा है कि अभी तक कोविड 19 की कोई औषधि नहीं आई है! आइये जानें कि इस वायरल हो रही खबर से संबद्ध लोग क्या कहते हैं. जहां तक भारतीय परिप्रेक्ष्य में काली मिर्च की उपयोगिता का प्रश्न है तो इस सच्चाई को नकारा नहीं जा सकता कि काली मिर्च का इस्तेमाल हमारे देश में सैकड़ों सालों से विभिन्न रोगों के लिए औषधि के रूप में किया जाता रहा है. आयुर्वेदिक औषधियों में तो आज भी काली मिर्च से ना जाने कितनी औषधियां बनाई और इस्तेमाल की जा रही हैं. जानकारों का तो यहां तक कहना है कि एक समय था, जब काली मिर्च का प्रयोग औषधियों के रूप में ही किया जाता था. उस समय काली मिर्च स्वर्ण जैसा कीमती होता था. मसालों के रूप में तो इसका इस्तेमाल काफी सालों बाद शुरू हुआ.

जानें वायरल हो रहा अक्षरशः मैसेज! 'एक सुखद समाचार!

अंततः पॉन्डिचेरी विश्वविद्यालय (Pondicherry University) के एक भारतीय छात्र रामू ने कोविड-19 का घरेलू उपचार खोज ही लिया है, जिसे WHO ने पहली बार में ही स्वीकृति दे दी. उसने प्रमाणित किया है कि एक छोटा चम्मच काली मिर्च का पाउडर, दो चम्मच शहद, थोड़ा अदरक के रस का पेस्ट बनाकर नियमित रूप से 5 दिनों तक लिया जाये तो कोरोना के प्रभाव को सौ प्रतिशत तक खत्म किया जा सकता है. पूरी दुनिया इसका इस्तेमाल कर रही है.' क्या कहते हैं पॉन्डिचेरी यूनिवर्सिटी के कुलपति सूत्रों के अनुसार इस संदर्भ में पॉन्डिचेरी विश्वविद्यालय के कुलपति ने काली मिर्च और कोरोना रिलेटेड वायरल हो रही खबर को पूरी तरह से फेंक बताते हुए कहा है कि इस खबर से उनके विश्वविद्यालय का कोई वास्ता नहीं है. वह हैरान हैं कि ये मैसेज कौन और क्यों भेज रहा है. इस खबर का हमारी यूनिवर्सिटी से कोई वास्ता नहीं है. यह भी पढ़ें : छोटी सी काली मिर्च सेहत पर दिखाती है कमाल का असर, जानें इसके हैरान करने वाले फायदे

WHO क्या कहता है?

इस खबर के बारे में WHO के अधिकारियों का भी मानना है कि यह एक आधारहीन और भ्रम फैलाने वाला खबर है. इस तरह की खबरों से दूर रहने के लिए हमारा एक अलग सेक्शन गठित किया हुआ है, जो कोरोना के संदर्भ में सारी जानकारियां अपडेट की जाती हैं. यही नहीं हम फर्जी और भ्रांति पूर्ण खबरों पर भी तुरंत एक्शन लेते हैं. अब तक कोई दवा नहीं विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अधिकारियों ने हालिया बयान में माना है कि कोरोना वायरस की अब तक कोई दवा नहीं बनी है, और ना ही काली मिर्च का किसी भी रूप में सेवन करने से कोरोना वायरस से बचा जा सकता है. उसका कहना है कि काली मिर्च खाने का स्वाद बढ़ा सकती है, लेकिन कोरोनावायरस के मरीज पर इसका कोई लाभ नहीं हो सकता. हालांकि, WHO यह भी मानता है कि कुछ पश्चिमी देश में पारंपरिक और घरेलू उपचार कोविड-19 के लक्षणों में थोड़ी बहुत राहत दे सकते हैं, उनसे कोरोना का इलाज नहीं कराया जा सकता. बस ऐसे बच सकते हैं कोरोना वायरस से विश्व स्वास्थ्य संगठन कोविड 19 को नाइलाज बताते हुए आज एक साल बाद भी अपना पुराना राग अलाप रहा है. उनके अनुसार कोरोना से बचने के लिए सोशल डिस्टेंसिंग, मास्क पहनकर ही बाहर निकलना, संतुलित आहार, गरम पानी का सेवन, हाथों को सेनेटाइज से धोते रहना एवं पर्याप्त नींद ही आपको कोरोना से सुरक्षित रख सकता है.

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