Teacher's Day 2018: जानिए भारत में क्यों मनाया जाता है टीचर्स डे, क्या है इस दिन की खासियत
दुनिया में समय के साथ-साथ चीजे बदलती गई . लेकिन गुरु और छात्र रिश्ता नहीं बदली. आज भी गुरु और छात्र की रिश्ता वही ही है. आज भी स्कूलों हो या फिर कॉलेज छात्र अपने गुरु जिसे आज शिक्षक कहा जाता है वह छात्रों को अच्छी शिक्षा देने के साथ-साथ वह अपने करियर को बुलंदियों तक कैसे पहुचे सारी बातें बताता है
नई दिल्ली: कहावत है कि स्टूडेंट्स के जिंदगी में गुरु भगवान का रूप कहा जाता है. गुरु के बिना छात्र को अपने किसी भी लक्ष्य तक पहुंच पाना उसके लिए संभव ही नहीं होता है. भगवान के रुप में गुरु ही होता है जो उसके जिंदगी को जीना का तरीका सिखाता है. यही वजह है कि सैकड़ों साल पहले गुरु को लेकर कई कहानियां ऐसी हैं. जिनमें गुरु और शिष्य के रिश्तों के बारें में कई बातें कहीं गई है. इसका सबसे बड़ा उदाहरण गुरु द्रोणाचार्य के बारे में लिया जा सकता है. जिन्होंने अपना अंगूठे को अपने गुरु को दक्षिणा के तौर पर दे दिया था. शिक्षक दिवस से जुड़े कुछ आम बातें आपकों बताने जा रहें है जो शायद आज के कुछ छात्रों को नहीं मालूम होगा.
दुनिया में समय के साथ-साथ चीजें बदलतीं गई . लेकिन गुरु और छात्र रिश्ता नहीं बदली. आज भी गुरु और छात्र की रिश्ता वही ही है. आज भी स्कूलों हो या फिर कॉलेज छात्र अपने गुरु जिसे आज शिक्षक कहा जाता है वह छात्रों को अच्छी शिक्षा देने के साथ-साथ वह अपने करियर को बुलंदियों तक कैसे पहुचे सारी बातें बताता है. यहां तक की ये भी बाते बताता है कि जिंदगी में कभी मुश्किलें आए तो वह उससे ना घबराए बल्कि उसका सामना करें. यही खास वजह है कि 5 सितम्बर डॅा. सर्वपल्ली राधा कृष्णन के जन्मदिन पर इस दिवस को मनाया जाता है.
जानें कौन थे सर्वपल्ली राधा कृष्णन
डॅा. सर्वपल्ली राधा कृष्णन भारत के दूसरे राष्ट्रपति और एक शिक्षक थे. वे पूरी दुनिया को स्कूल मानते थे. उनका खास तौर से कहना था कि जिंदगी में जो भी चीजें सीखने के लिए मिलें उसे अपने जिंदगी में उतार लेनी चाहिए. वे छात्रों को पढ़ाने से ज्यादा छात्रों के बौद्धिक विकास पर जोर देने की बात करते थे. वे छात्रों को पढ़ाते समय काफी खुशनुमा माहौल बनाकर रखते थे. उनकी इस सोच और कामों को लेकर उन्हें 1954 में भारत सरकार की तरफ से भारत रत्न से सम्मानित किया गया.
इस तरह से कर सकतें हैं सेलिब्रेट
इस खास दिन को छात्र अपने शिक्षकों को सेलिब्रेट करने के लिए दो तीन दिन पहले से तैयारियां शुरू कर देतें है और अपने मनपसंद टीचर को उपहार के तौर पर गिफ्ट देकर विश करते है. कुछ छात्र जहां गिफ्ट देकर विश करते है तो वहीें कुछ लोग ग्रीटिंग कार्ड पर शिक्षक के सम्मान में कुछ लाइनें लिखकर या फिर पेन या उनकी कोई पसंदीदा किताब गिफ्ट करते हैं. वही बदलते जमाने साथ आज के छात्र अपने पसंदीदा टीचर को सोशल मीडिया पर मैसेज लिखकर या फिर फेसबुक पर टीचर के बारें में अच्छी बातें शेयर करतें है.