Solar Storm: पृथ्वी की तरफ आ रहा है महाविनाशक तूफान, वैज्ञानिकों ने जारी की चेतावनी, यहां पढ़ें पूरी खबर
पृथ्वी एवं मानव जीवन के लिए सूर्य का ताप बहुत ही जरुरी है, लेकिन यह अत्यधिक हो जाए तो जमीन को बंजर और मानव जीवन को तहस-नहस कर सकती है. पिछले कुछ समय-से मनुष्य ने प्रकृति के साथ काफी छेड़छाड़ किया है, नतीजन उसे काफी प्राकृतिक आपदाओं का भी सामना करना पड़ा है.
नई दिल्ली, 11 जुलाई: पृथ्वी (Earth) एवं मानव जीवन के लिए सूर्य (Sun) का ताप बहुत ही जरुरी है, लेकिन यह अत्यधिक हो जाए तो जमीन को बंजर और मानव जीवन को तहस-नहस कर सकती है. पिछले कुछ समय-से मनुष्य ने प्रकृति के साथ काफी छेड़छाड़ किया है, नतीजन उसे काफी प्राकृतिक आपदाओं का भी सामना करना पड़ा है. वैज्ञानिकों का दावा है कि एक ऐसी ही प्राकृतिक आपदा सूर्य की ओर से पृथ्वी की तरफ बढ़ रही है जिससे मानव जाती को काफी हानि उठाना पड़ सकता है.
बताया जा रहा है कि सूरज की सतह से एक बहुत ही शक्तिशाली सौर तूफान (Solar Storm Speed) उत्पन्न हुआ है जो 16 लाख किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से धरती की ओर बढ़ रही है. वैज्ञानिकों ने संभावना जताया है कि यह सौर तूफान रविवार या सोमवार तक पृथ्वी से टकरा सकता है. इस तूफान के टकराने से सैटेलाइट सिग्नल बाधित हो सकते हैं. इसके अलावा विमानों की उड़ान, रेडियो के सिग्नल और मौसम पर भी इसका बुरा प्रभाव पड़ सकता है.
अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा ने इस सौर तूफान के बारे में बताया है कि यह पृथ्वी की तरफ 1609344 किलोमीटर प्रति घंटे के स्पीड से आ रही है. एजेंसी का कहना है कि इसकी गति और ज्यादा भी हो सकती है. वहीं जो लोग उत्तरी या दक्षिणी ध्रुवों के पास रहते हैं उन्हें रात के वक्त मनमोहक ऑरोरा दिखाई दे सकता है. बता दें कि ध्रुवों के नजदीक आसमान में रात के समय दिखने वाली चमकीली रोशनी को ऑरोरा (Aurora) कहते हैं.
गौरतलब हो कि यह कोई पहली दफा नहीं है जब पृथ्वी पर इतना बड़ा सौर तूफान आ रहा है. इससे पहले भी साल 1989 में कुछ ऐसे ही घटना घटी थी. इस दौरान कनाडा के क्यूबेक शहर की बिजली करीब 12 घंटे तक के लिए गुल हो गई थी. वहीं इस घटना से पहले साल 1859 में भी कुछ ऐसा ही प्रकोप यूरोप और अमेरिका में देखने को मिला था.