Panchmukhi Diya: हिंदू धर्म में पूजा-अनुष्ठान के समय क्यों प्रज्वलित करते हैं दीप? जानें पंचमुखी दीप का महात्म्य और इससे मिलने वाले लाभ?
अधिकांश हिंदू घरों में सूर्यास्त के पश्चात घर के मुख्य-द्वार पर दीप प्रज्वलित करने की पुरानी परंपरा है. कहते हैं कि माँ लक्ष्मी के स्वागत स्वरूप दीप प्रज्जवलित करते हैं, क्योंकि यह भी मान्यता है कि संध्याकाल के समय मां लक्ष्मी अपने भक्तों के हित के लिए पृथ्वी पर भ्रमण करती हैं. वास्तुशास्त्र की मानें तो जिस घर में दीप जलाते हैं, वहां नकारात्मक ऊर्जा नहीं आती.
Panchmukhi Diya: हिंदू पौराणिक ग्रंथों में अग्नि और दीपक का बहुत महत्व है. कोई भी अनुष्ठान हो, या विशिष्ठ देवी-देवता की पूजा-हवन आदि का अवसर हो, दीप (Diya) प्रज्वलित के बिना पूरा नहीं माना जाता. अधिकांश हिंदू घरों में सूर्यास्त के पश्चात घर के मुख्य-द्वार पर दीप प्रज्वलित करने की पुरानी परंपरा है. कहते हैं कि माँ लक्ष्मी (Mata Lakshmi) के स्वागत स्वरूप दीप प्रज्जवलित करते हैं, क्योंकि यह भी मान्यता है कि संध्याकाल के समय मां लक्ष्मी अपने भक्तों के हित के लिए पृथ्वी पर भ्रमण करती हैं. वास्तुशास्त्र की मानें तो जिस घर में दीप जलाते हैं, वहां नकारात्मक ऊर्जा नहीं आती. यहां हम दीप प्रज्ज्वलन के महत्व के साथ-साथ बात करेंगे, किस अवसर विशेष पर और क्यों हम पंचमुखी दीप (Panchmukhi Diya) प्रज्वलित करते हैं.
पूजा-अनुष्ठान में क्यों जरूरी है दीप जलाना?
सनातन धर्म के किसी भी अनुष्ठान से पूर्व दीप प्रज्वलित करना अनिवार्य होता है. मान्यता है कि बिना दीप प्रज्वलित किये पूजा पूरी नहीं होती. हमारे देश में प्राचीन काल से ही ग्रह-नक्षत्रों या देवी-देवताओं की पूजा में दीपक जलाने का विधान है. एक वजह यह भी बताई जाती है कि अग्नि देव को साक्षी मानकर जो भी शुभ-मंगल कार्य किये जाते हैं, वह अवश्य पूरा होता है. हमारे शरीर की रचना में जिन पांच तत्व से बना है, उनमें एक अग्नि भी है. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार घर में दीपक जलाने से नकारात्मक ऊर्जा सकारात्मक ऊर्जा में परिवर्तित हो जाती है, ऐसे ही घरों में लक्ष्मी यानी सुख एवं समृद्धि का वास होता है. यह भी पढ़ें: सुख, समृद्धि और सफलता का पर्याय बन सकता है ये सोमवार! आपको करने हैं ये 6 सरल उपाय! क्या नहीं करना है ये भी जान लें!
पंचमुखी दीप का महात्म्य
पूजा-अनुष्ठान में एक मुखी दीपक से लेकर पंचमुखी, सप्तमुखी और नौमुखी दीप प्रज्वलित करने का विधान है. ये दीप विभिन्न प्रयोजनों के अनुरूप प्रज्वलित किये जाते हैं. हम यहां बात करेंगे पंचमुखी दीपक के महात्म्य की. ज्योतिष शास्त्र में पंचमुखी दीप का विशेष महत्व वर्णित है. पंचमुखी दीप बहुत दिव्य, ताकतवर एवं चमत्कारी परिणामों वाला माना जाता है. मान्यता है कि माँ लक्ष्मी एवं हनुमान जी के सम्मुख पंचमुखी दीप प्रज्वलित करने से वे प्रसन्न होते हैं, और मनोवांछित इच्छाएं पूरी करते हैं. आइये जानें किस अवसर पर पंचमुखी दीप जलाने से क्या लाभ प्राप्त होते हैं.
* हनुमान जी के समक्ष प्रज्वलित करें पंचमुखी दीप
वास्तु शास्त्र के अनुसार प्रत्येक मंगलवार के दिन हनुमान जी की प्रतिमा के सामने पंचमुखी दीपक जलाने से घर में सुख-समृद्धि के आगमन के साथ-साथ नकारात्मक ऊर्जा का नाश भी होता है.
* बरक्कत के लिए देशी घी में पंचमुखी दीप प्रज्वलित करें
घर में किसी तरह का वास्तुदोष है, आर्थिक समस्याएं बनी हुई हैं, कड़े परिश्रम के बावजूद अगर सफलता नहीं मिल रही है तो गाय के शुद्ध घी का पंचमुखी दीपक माँ लक्ष्मी के सामने प्रज्वलित करें.
* लंबे समय से लंबित चल रहे मुकदमों से मुक्ति के लिए
ज्योतिषियों के अनुसार अगर किसी पर कोई मुकदमा काफी समय से लंबित चल रहा है, तो उसे प्रतिदिन शुद्ध देशी घी का पंचमुखी दीप प्रज्जवलित कर हनुमान जी के समक्ष रखना चाहिए. कोर्ट से जीत हासिल होगी. यह भी पढ़ें: सपने में चोरी होते देखना किस बात का संकेत हो सकता है? जानें विभिन्न किस्म के चोरी के सपनों पर क्या कहता है हमारा स्वप्न शास्त्र?
* सुबह शाम जलाएं पंचमुखी दीपक
प्रतिदिन सुबह शाम लक्ष्मी जी की पूजा के समय दो पंचमुखी दीप जलाकर घर के मुख्य द्वार के दोनों छोरों पर रखना चाहिए. ऐसा करने से माँ लक्ष्मी की विशेष कृपा बरसती है. घर में धन-धान्य की कभी कमी नहीं होती है.
नोट- इस लेख में दी गई तमाम जानकारियों को प्रचलित मान्यताओं के आधार पर सूचनात्मक उद्देश्य से लिखा गया है और यह लेखक की निजी राय है. इसकी वास्तविकता, सटीकता और विशिष्ट परिणाम की हम कोई गारंटी नहीं देते हैं. इसके बारे में हर व्यक्ति की सोच और राय अलग-अलग हो सकती है.