साल 2019 का पहला चंद्रग्रहण 21 जनवरी को लगने वाला है. हालांकि 21 जनवरी को होने वाला चंद्रग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा, यह केवल अफ्रीका, यूरोप, उत्तरी-दक्षिणी अमेरिका और मध्य प्रशांत में ही दिखाई देगा. लेकिन इस ग्रहण का भारतीय मौसम और वातावरण पर खासा असर पड़ेगा. बता दें कि यह साल का पहला पूर्ण चंद्रग्रहण होगा जिसे ब्लड मून नाम दिया जा रहा है, वहीं वैज्ञानिकों द्वारा इस चंद्रगहण को ब्लड वुल्फ मून का नाम दिया जा रहा है. इस चंद्रग्रहण के दौरान पूरा आकाश लाल रंग में रंगा हुआ नजर आएगा. चांद पर लगने वाले इस ग्रहण की पूरी प्रक्रिया को नासा के द्वारा डैजलिंग शो यानी सबसे चमकदार शो नाम दिया जा रहा है.
भारतीय समयनुसार यह ग्रहण 20 जनवरी सुबह 10 बजे से लेकर 21 जनवरी की शाम 3 बजकर 33 मिनट तक रहेगा. इसके बाद रात्रि 11 बजकर 40 मिनट से पूर्ण चंद्रग्रहण शुरू होगा. 20 से 21 जनवरी को लगने वाला चंद्र यह ग्रहण मध्य प्रशांत महासागर, उत्तरी और दक्षिणी अमेरिका, यूरोप और अफ्रीका में दिखाई देगा. ज्योतिष की माने तो भले ही ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा लेकिन ग्रहण के दौरान आपको कुछ बातों का विशेष ध्यान रखना होगा वरना इसका बुरा असर पड़ता है.
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- ग्रहण के समय भोजन नहीं करना चाहिए. उस समय घर में रखा हुआ खाना या पेय पदार्थ उपयोग करने लायक नहीं होता है.
- सूतक एवं ग्रहण काल में झूठ, कपट आदि बुरे विचारों से परहेज करना चाहिए.
- ग्रहण काल में मन तथा बुद्धि पर पड़ने वाले कुप्रभाव से बचने के लिए जप, ध्यानादि करना चाहिए.
- ग्रहण काल में व्यक्ति को मूर्ति स्पर्श, नाखून काटना, बाल काटना जैसे काम नहीं करना चाहिए.
- इस समय बच्चे, वृद्ध,गर्भवती महिला या रोगी को खाना या दवा लेने में कोई दोष नहीं लगता है.
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बता दें कि चंद्रग्रहण एक खगोलीय घटना है लेकिन धार्मिक मान्यताओं में चंद्रग्रहण को अशुभ माना जाता है और इसकी छाया से बचने के लिए लोग ग्रहण के बाद स्नान-दान कर शुद्ध होते हैं. धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक चंद्र ग्रहण के दौरान इस दौरान मनुष्य को ना तो भोजन पकाना चाहिए और ना ही उसका सेवन करना चाहिए.