Rajasthan Diwas 2024: इस वर्ष राजस्थान मनायेगा अपनी 75वीं वर्षगांठ! जानें राजस्थान का गौरवशाली इतिहास, महत्व एवं कुछ रोचक फैक्ट!
इतिहास के पन्नों में राजस्थान ‘अतुलित बलशाली राजाओं की भूमि’ के रूप में जाना जाता है. राजस्थान का पूर्व नाम ‘राजपुताना’ यानी राजपूतों का देश था. इतिहासकारों के अनुसार यह नाम 1800 ई में जार्ज थामस द्वारा निर्धारित किया गया था.
इतिहास के पन्नों में राजस्थान ‘अतुलित बलशाली राजाओं की भूमि’ के रूप में जाना जाता है. राजस्थान का पूर्व नाम ‘राजपुताना’ यानी राजपूतों का देश था. इतिहासकारों के अनुसार यह नाम 1800 ई में जार्ज थामस द्वारा निर्धारित किया गया था. इतिहासकारों के ही अनुसार बाद में कर्नल जेम्स टॉड ने इसे ‘राजस्थान’ नाम दिया. क्षेत्रफल के अनुसार राजस्थान देश का सबसे बड़ा राज्य (342,239 किमी) है, जो भारत के उत्तर पश्चिम भाग में स्थित है और सांस्कृतिक विविधता का घर है. राज्य की विशेषताओं में सिंधु घाटी सभ्यता के खंडहर, मंदिर, किले और लगभग हर शहर में किले शामिल हैं. 30 मार्च को राजस्थान दिवस के अवसर पर हम जानेंगे राजा-महाराजाओं के राज्य राजस्थान के बारे में तमाम रोचक बातें...
राजस्थान दिवस का इतिहास
विभिन्न रियासतों के एकीकरण के बाद 18 अप्रैल, 1948 को जवाहरलाल नेहरू ने राजस्थान का उद्घाटन किया. इसके पश्चात 30 मार्च 1949 को राजपुताना को भारत के डोमिनियन में विलय कर दिया गया. इसके बाद से ही हर साल 30 मार्च को ‘राजस्थान दिवस’ अथवा ‘राज्यत्व दिवस’ के रूप में मनाया जाता है. उसी समय जयपुर को राजस्थान की राजधानी घोषित किया गया, क्योंकि यह राजस्थान का सबसे बड़ा शहर था. तथा राजस्थान के बहुत सारे गौरवशाली इतिहास जुड़े हुए थे. वर्तमान राजस्थान में राजपूताना का अधिकांश भाग शामिल हैं. जिसमें 19 रियासतें, और अजमेर-मेरवाड़ा का ब्रिटिश जिला शामिल है. जैसलमेर, मारवाड़ (जोधपुर), बीकानेर, मेवाड़ (चित्तौड़गढ़), अलवर, और ढूंढाड़ (जयपुर) कुछ प्रमुख राजपूत रियासतें थीं. यह भी पढ़ें : Earth Hour Day 2024 Wishes: हैप्पी अर्थ आवर डे! दोस्तों-रिश्तेदारों संग शेयर करें ये हिंदी Slogans, Quotes, WhatsApp Messages और GIF Greetings
राजस्थान का महत्व
राजस्थान अपनी रंगीन सांस्कृतिक विरासत, साहित्य, हस्तशिल्प, साहस, शौर्य और त्याग के लिए सदा से जाना जाता रहा है. भौगोलिक, सामाजिक और आर्थिक विषमता के बाद भी राजस्थानी लोगों में राज्य के साथ अपने विकास की तीव्र इच्छा शक्ति कायम हमेशा रहती है. राजस्थान में जाति, धर्म एवं संस्कृतियों में अनेकता में एकता का दर्शन इसे मिनी भारत के रूप में दर्शाता है. राजपुताना कहे जाने वाले राजस्थान का गौरवशाली इतिहास रहा है, जहां कला, संस्कृति, और परंपराओं पर सदा से गर्व किया जाता रहा है. राजस्थान पर्यटन, व्यापार, खेल, खानपान और एग्रीकल्चर आदि क्षेत्रों में अग्रणी रहा है. राजस्थान दिवस अवसर पर राजस्थान के विभिन्न अंचलों तरह-तरह के सांस्कृतिक, साहित्यिक एवं आध्यात्मिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है.
राजस्थान के रोचक फैक्ट
* राजस्थान का गठन 22 राज्यों एवं रियासतों के ही भौगोलिक स्थान में विलय हुआ था. राजस्थान में पर्यटन स्थलों की भी भरमार है.
* राजपुताना नाम से कभी मशहूर रहा राजस्थान वास्तव में राजाओं का स्थान माना जाता है, जिन्होंने समय-समय पर इस राज्य पर शासन कर अपने शौर्य एवं वीरता का परिचय दिया. इसलिए यहां महलों एवं किलों की भरमार है
* राजस्थान देश की एकमात्र ऐसा राज्य है, जहां एकमात्र रेगिस्तान में हिल स्टेशन है. यह जगह है माउंट आबू, जो समुद्र तल से करीब 1,722 मी दूरी पर स्थित है, यह अरावली का सबसे ऊंचा स्थान भी है. इस हिल स्टेशन में हरियाली, झरने और झीलों का आनंद उठाया जा सकता है.
* अजमेर में ब्रह्माजी का मंदिर है. मान्यता अनुसार ब्रह्माजी का यह एकमात्र मंदिर है. मान्यता है कि ब्रह्माजी को मिले श्राप कि उनकी कभी पूजा नहीं होगी, लेकिन श्राप के असर को करने के लिए ब्रह्मा जी को वरदान मिला था कि एकमात्र पुष्कर में ही उनकी पूजा संभव हो सकती है.
* राजस्थान के अजमेर में मुसलमानों का बेहद लोकप्रिय धार्मिक स्थल है अजमेर शरीफ दरगाह. अजमेर शरीफ दरगाह के बारे में मान्यता है कि यहां हर मन्नत पूरी होती है. यहां श्रद्धा स्वरूप भारी तादात में हिंदू धर्म के लोग भी आते हैं
* बीकानेर से 30 किमी दूर चूहा मंदिर अथवा करणी माता मंदिर है. इस मंदिर में 25 हजार चूहे रहते हैं, इन चूहों को बहुत शुभ माना जाता है. भक्त इन चूहों को प्रसाद खिलाते हैं.