Pitru Paksha Shradh: हिंदू पंचांग के अनुसार भाद्रपद कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा से 15 दिवसीय श्राद्ध शुरू हो जाता है. इस पर्व पर मृत आत्माएं अपने-अपने परिवार के सदस्यों से उपहार, भोजन, जल प्राप्त करने हेतु पृथ्वी पर अवतरित होते हैं. माना जाता है कि इस अवसर पर कौवे, मृत परिवार के सदस्यों की आत्माओं के प्रतिनिधि के रूप में आते हैं, इसलिए इस दिन चावल-तिल आदि का पिंड बनाकर कौवों को खिलाते हैं.
कहा जाता है कि सच्ची श्रद्धा के साथ ऐसा करने से पितर प्रसन्न होकर आशीर्वाद देते हैं. श्राद्ध के दिनों में कुछ धार्मिक एवं पारंपरिक नियमों का कड़ाई से पालन किया जाता है, जिनका उद्देश्य पूर्वजों की आत्मा की शांति और उनकी आत्मा की तृप्ति के लिए पुण्य प्राप्त करना होता है. ऐसे में उन लोगों को (जिनके माता, पिता अथवा दोनों जीवित नहीं हैं) जानना चाहिए कि श्राद्ध पर्व में उसे किन-किन नियमों का पालन करना चाहिए. ये भी पढ़े :Pitru Paksha 2024: क्यों मनाते हैं पितृपक्ष? तिथि के अनुसार करें अपने पूर्वजों का Shradh ! देखें सिलसिलेवार श्राद्ध की तिथियां!
क्या करें:
* श्राद्ध के पूरे पखवाड़े तक स्नान के पश्चात तांबे के लोटे में जल और काला तिल डालकर सूर्य को जल चढ़ाना चाहिए.
* तिथि के दिन पितरों की पूजा करना और उन्हें तर्पण देना महत्वपूर्ण परंपरा है. इसमें पितरों को अन्न, जल और पुष्प अर्पित किया जाता है.
* तिथि के अनुसार अपने पूर्वज की श्राद्ध, तर्पण आदि जरूर करना चाहिए. यह जिम्मेदारी घर के सबसे बड़े सदस्य को निभाना चाहिए.
* इस दौरान गरीबों, जरूरतमंदों को भोजन कराना चाहिए. हो सके तो घर पर आने वाले किसी भी भिखारी अथवा पशुओं को कुछ ना कुछ खाना-वस्त्र आदि दान करना चाहिए.
* श्राद्ध के 15 दिनों तक एक समय ही भोजन करना चाहिए, स्वयं भोजन करने से पूर्व पूर्वज के नाम भोजन जरूर निकालें और उसे गाय, कौवा अथवा कुत्ते को खिला दें.
* मान्यताओं के अनुसार चूंकि इस पखवाड़े हमारे पूर्वज हमारे आसपास रहते हैं, इसलिए इन 15 दिनों तक संभोग आदि से दूर रहते हुए ब्रह्मचर्य जीवन जीना चाहिए.
क्या न करें:
* श्राद्ध पखवाड़े के दौरान किसी भी तरह के शुभ कार्य मसलन, सगाई, विवाह, गृह प्रवेश, मुंडन, जनेऊ संस्कार, भूमि, आवास अथवा कार्यालय आदि खरीदने से बचना चाहिए.
* श्राद्ध पक्ष में मांस, मछली, शराब, तम्बाकू, मद्यपान आदि से बचना चाहिए.
* मान्यताओं के अनुसार इस दौरान कुछ लोग लोहे के बर्तनों का इस्तेमाल नहीं करते हैं.
* श्राद्ध काल में दाढ़ी बनाने, बालों कटवाने से परहेज रखना चाहिए.
* पितृ पक्ष के पूरे काल में निरीह मासूम पशु पक्षियों को मारने अथवा परेशान करने से बचना चाहिए, क्योंकि हिंदू धर्म की मान्यताओं के अनुसार श्राद्ध पखवारे में किसी भी रूप में आपके पूर्वज आपके आवास पर आ सकते हैं.
* इन दिनों बहुत से लोग घर कोई बड़ा धार्मिक अनुष्ठान आदि करने से बचते हैं.
* कोशिश करें श्राद्ध काल तक रात के समय यात्रा करने से परहेज रखें.
* इस काल में परिवारिक झगड़े और गुस्सा करने से बचना चाहिए. शांतिपूर्वक और संयमित वातावरण में रहना चाहिए.