National Tourism Day 2023: कब है राष्ट्रीय पर्यटन दिवस? जानें इसका इतिहास, महत्व एवं उद्देश्य!
पर्यटन एक ऐसा नशा है, जो ठिठुरती ठंड की परवाह किये बिना बर्फबारी का लुत्फ उठाने के लिए आपको कश्मीर, मनाली और शिमला जैसे माइनस डिग्री वाले हिल स्टेशनों की ओर खींच ले जाता है, लेकिन पिछले दो-ढाई वर्षों से कोविड-19 की त्रासदी और लॉकडाउन के कारण लोगों ने खुद को घरों में नजरबंद कर दिया था.
पर्यटन एक ऐसा नशा है, जो ठिठुरती ठंड की परवाह किये बिना बर्फबारी का लुत्फ उठाने के लिए आपको कश्मीर, मनाली और शिमला जैसे माइनस डिग्री वाले हिल स्टेशनों की ओर खींच ले जाता है, लेकिन पिछले दो-ढाई वर्षों से कोविड-19 की त्रासदी और लॉकडाउन के कारण लोगों ने खुद को घरों में नजरबंद कर दिया था. इस वर्ष कोरोना संक्रमण से राहत मिलने के बाद एक बार फिर घुमक्कड़ अपने पसंदीदा हिल स्टेशनों एवं समुद्री तटों की ओर निकलने लगे हैं. उम्मीद है पर्यटन उद्योग एक बार फिर पहले की तरह फलने-फूलने लगेगा. 25 जनवरी 2023 को राष्ट्रीय पर्यटन दिवस के अवसर पर आज हम पर्यटन के महत्व, उद्देश्य एवं इसके इतिहास आदि पर बात करेंगे.
राष्ट्रीय पर्यटन दिवस 2023 का इतिहास
यूं तो दुनिया के अधिकांश देशों में 27 सितंबर को विश्व पर्यटन दिवस (World Tourism Day) मनाया जाता है. लेकिन भारत में 25 जनवरी को राष्ट्रीय पर्यटन दिवस मनाया जाता है. आय के दृष्टिकोण से सर्वाधिक महत्वपूर्ण होने के कारण राष्ट्रीय पर्यटन दिवस की शुरुआत आजादी के तुरंत बाद 1948 ही हो गई थी. इसका पहला हेडक्वार्टर दिल्ली में रखा गया था, परंतु बाद में इसे मुंबई शिफ्ट कर दिया गया. इसके तीन वर्ष पश्चात यानी साल 1951 में इस कमेटी के 2 और ऑफिस चेन्नई (मद्रास) और कोलकाता (कलकत्ता) में शुरू किये गये. साल 1998 में पर्यटन और संचार मंत्रालय के अधीन पर्यटन विभाग बनाया गया.
पर्यटन दिवस का महत्व
कश्मीर से कन्याकुमारी तक भारत बहुभाषी, बहु-धर्म वाले देश के रूप में देखा जाता है, जहां हर 5 किमी पर धर्म, बोली, भाषा और पहनावे बदल जाते हैं. कुछ यही स्थिति भारत के पर्यटन स्थलों की है, जहां थोड़ी-थोड़ी दूरी में एक से बढ़कर हिल स्टेशन, समुद्री तट, चाय बागान, नेशनल पार्क, विश्व प्रसिद्ध ऐतिहासिक धरोहरों, फूलों की घाटियां, विश्व विख्यात मेले, बर्फ से ढके मठ, प्राचीनतम तीर्थ स्थल जिसे देखने दुनिया भर के पर्यटक सर्दी-गर्मी की परवाह किये बिना उमड़ पड़ते हैं. पर्यटन मंत्रालय (भारत सरकार) के 75 वर्षों को चिह्नित करने के लिए 75 सप्ताह के भव्य उत्सव ‘आजादी के अमृत महोत्सव’ के तत्वाधान में राष्ट्रीय पर्यटन दिवस भी मना रहा है. यहां भारत के अनगिनत पर्यटन स्थल बताये जा रहे हैं.
पर्यटन दिवस का उद्देश्य
राष्ट्रीय पर्यटन दिवस का मुख्य मकसद भारतीय पर्यटन स्थलों का प्रचार-प्रसार कर दुनिया के पटल पर लाना है. एक प्रमुख उद्योग होने के कारण पर्यटन भारतीय अर्थव्यवस्था की रीढ़ कही जाती है. राष्ट्रीय पर्यटन दिवस इस कार्य में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है. इस दिवस के माध्यम से वैश्विक स्तर पर पर्यटन के सामाजिक, राजनीतिक, वित्तीय और सांस्कृतिक मूल्य के महत्व के प्रति लोगों को जागरूक करना है. इसके अलावा पर्यटन के माध्यम से भारतीय अर्थव्यवस्था को मजबूत करना है. इन्हीं विषयों पर जागरूकता फैलाने के लिए भारत सरकार द्वारा प्रत्येक वर्ष राष्ट्रीय पर्यटन दिवस की घोषणा की गई थी.
भारत के बेहद लोकप्रिय पर्यटन स्थल
गौरतलब है कि वर्तमान मे भारत में 40 ऐसे धरोहर स्थल हैं, जो यूनेस्को द्वारा मान्यता प्राप्त हैं. यहां उन धरोहरों के अलावा कुछ राज्यवार दर्शनीय स्थलों की सूची दी जा रही है.
ताजमहल, काशी, त्रिवेणी, झांसी किला (उत्तर प्रदेश)
लाल किला, जंतर-मंतर, इंडिया गेट, अक्षरधाम, कुतुबमिनार (दिल्ली)
कन्याकुमारी, मैसूर पैलेस, मीनाक्षी मंदिर, महाबलीपुरम, (दक्षिण भारत))
कोर्णाक मंदिर (उड़ीसा)
वैष्णो देवी मंदिर, अमरनाथ मंदिर, भारत का स्वर्ग कश्मीर, (जम्मू-कश्मीर)
धोलावीरा, स्टैच्यू ऑफ यूनिटी, द्वारका (गुजरात,)
लेह की बर्फ से ढकी वादियां (लद्दाख)
आकर्षक समुद्री किनारे (गोवा)
पुष्कर, जैसलमेर, आमेर का किला, हवा महल, उदयपुर सिटी पैलेस (राजस्थान)
स्वर्ण मंदिर (पंजाब)
शिमला, मनाली, धर्मशाला, कसौल (हिमाचल प्रदेश)
केदारनाथ, बद्रीनाथ, ऋषिकेश, नैनीताल, हरिद्वार, (उत्तराखंड)
अजंता, एलोरा, त्र्यंबकेश्वर, (महाराष्ट्र)
DIKSHA PANDEY