Kumbha Sankranti 2019: कुंभ संक्रांति पर सूर्यदेव की पूजा का है खास महत्व, सूर्य ने किया मकर से कुंभ राशि में प्रवेश
कुंभ संक्रांति 2019 (Photo Credits: PTI)

Kumbha Sankranti 2019: मकर संक्रांति (Makar Sankranti) के दिन सूर्यदेव (Surya Dev) मकर राशि (Makar Rashi) में प्रवेश करते हैं और आज यानी 13 फरवरी को सूर्यदेव मकर से कुंभ राशि (Kumbh Rashi) में प्रवेश कर रहे हैं. सूर्य के इस राशि परिवर्तन को कुंभ संक्रांति के नाम से जाना जाता है. मकर संक्रांति की तरह की कुंभ संक्रांति (Kumbh Sankranti) के दिन भी पवित्र नदियों में स्नान और भगवान सूर्य की पूजा (Surya Puja) का खास महत्व बताया जाता है. हिंदू कैलेंडर के अनुसार, 13 फरवरी से 11वें महीने की शुरुआत हो गई है और इस खास मौके पर प्रयागराज (Prayagraj) में चल रहे कुंभ मेले (Kumbh Mela) में ब्रह्म मुहूर्त से ही श्रद्धालु संगम में डुबकी लगाकर सूर्यदेव को अर्घ्य दे रहे हैं.

राशि के हिसाब से होता है संक्रांति का नाम

जब सूर्यदेव ने मकर राशि में प्रवेश किया तब देशभर में मकर संक्रांति का पर्व मनाया गया. इसके बाद 13 फरवरी को सूर्य के कुंभ राशि में प्रवेश करने पर कुंभ संक्रांति मनाई जा रही है. इसी तरह से जब भी सूर्य अपनी राशि बदलते हैं तो उसके साथ संक्रांति का नाम जुड़ जाता है. जिस राशि में सूर्यदेव प्रवेश करते हैं उसके अनुसार ही संक्रांति का नाम होता है. दरअसल, एक राशि से दूसरी राशि में प्रवेश करने के लिए सूर्य को करीब एक महीने का समय लगता है और साल भर में सूर्य 12 अलग-अलग राशियों में प्रवेश करते हैं, जिसे सौर मास भी कहा जाता है.

शुभ मुहूर्त-

पुण्यकाल का शुभ मुहूर्त- सुबह 07 बजकर 05 मिनट से सुबह 09 बजकर 03 मिनट तक.

महापुण्य का शुभ मुहूर्त- सुबह 08 बजकर 39 मिनट से 09 बजकर 03 मिनट तक. यह भी पढ़ें: Basant Panchami 2019: बसंत पंचमी पर इस मंत्र और वंदना गीत से करें ज्ञान की देवी सरस्वती की आराधना, प्राप्त होगी उनकी कृपा

पूजा विधि-

  • इस दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठकर किसी पवित्र नदी में स्नान करें और सूर्यदेव को अर्घ्य दें.
  • भगवान सूर्य को अर्घ्य देने के बाद आदित्य हृदय स्त्रोत का पाठ करते हुए उनकी उपासना करें.
  • सूर्य की उपासन करने के बाद गरीबों और ब्राह्मणों को खाने की वस्तुएं और कपड़े दान करें.
  • इसके अलावा कुंभ संक्रांति के दिन गौदान करना भी बेहद शुभ माना जाता है.

गौरतलब है कि सूर्य के कुंभ राशि में प्रवेश करने के साथ ही हिंदू कैलेंडर के मुताबिक 11वें महीने की शुरुआत हो जाती है. कुंभ संक्रांति के दौरान प्रयागराज स्थित संगम में स्नान का विशेष महत्व होता है और इस दिन गाय को खाना खिलाना व गौदान करना शुभ फलदायी माना जाता है.