भारत में औरत को अर्धांगिनी का दर्जा प्राप्त है, लेकिन एक समय था, जब उन्हीं की शिक्षा पर प्रतिबंध, समाज में शून्य भागीदारी और महज बच्चे पैदा करने की मशीन और पुरुष की दासी तक सीमित रखा जाता था. सावित्री बाई फुले द्वारा महिला शिक्षा की अलख जगाने के बाद महिलाओं ने शिक्षा और स्वविकास पर कड़ी मेहनत की. घर की ड्योढ़ी लांघ कर ना केवल हर क्षेत्र में अपनी भागीदारी सुनिश्चित की, बल्कि पुरुषों को उनके ही क्षेत्र में मात देकर आगे बढ़ीं और साबित किया कि अवसर मिले तो वे कुछ भी कर सकती हैं. अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर आज हम चोटी की उन पांच महिलाओं की बात करेंगे, जिन्हें फोर्ब्स ने सबसे धनी महिला के नाम पर दर्ज किया. आज ये महिलाएं अरबों-खरबों की मालकिन हैं.
सावित्री जिंदल
सावित्री जिंदल वर्तमान में विश्वविख्यात स्टील कंपनी 'जिंदल समूह' की चेयरपर्सन और देश की सबसे अमीर महिला के नाम से दर्ज की गई हैं. फोर्ब्स की सूची के अनुसार 72 वर्षीया सावित्री जिंदल की कुल संपत्ति लगभग 13.46 लाख करोड़ रूपये है. 2005 में पति ओम प्रकाश जिंदल की एक हवाई दुर्घटना में अवसान के बाद जिंदल समूह की अध्यक्षा बनकर उनके व्यवसाय को कुशल नेतृत्व देते हुए व्यवसाय को शिखर पर बनाये रखने में कामयाब रही हैं. राजनीति में भी शुमार करनेवाली सावित्री जिंदल की 9 संतानों में पृथ्वीराज जिंदल, सज्जन जिंदल, रतन जिंदल और नवीन जिदंल मुख्य रूप से व्यवसाय में हाथ बंटाते हैं. जिंदल समूह स्टील, पावर, सीमेंट और इन्फ्रास्ट्रक्चर के क्षेत्र में सक्रीय है.
विनोद राय गुप्ता!
भारत की दूसरी सबसे अमीर महिला हैं विनोद राय गुप्ता, जो हैवेल्स (Havells) से संबंध रखती हैं. इनकी कुल संपत्ति 7.6 बिलियन डॉलर यानी लगभग 5.68 लाख करोड़ रूपये बताई जाती है. हैवेल्स की स्थापना विनोद के दिवंगत पति कीमत राय गुप्ता ने 1958 में इलेक्ट्रिकल्स ट्रेडिंग व्यवसाय के रूप में की थी. वर्तमान में कंपनी के 14 कारखाने हैं और 50 से अधिक देशों में इसकी बिक्री होती है. हैवेल्स कंपनी पंखे, रेफ्रिजरेटर एवं वाशिंग मशीन इत्यादि काफी कुछ बनाती हैं. यह भी पढ़ें : International Women’s Day 2022: कई ग्लास सीलिंग तोड़ चुकी है देश की एकमात्र महिला रिफाइनरी प्रमुख शुक्ला मिस्त्री
फाल्गुनी नायर!
फोर्ब्स के अनुसार फाल्गुनी नायर भारत की तीसरी सबसे अमीर महिला हैं. वे भारतीय व्यवसायी और ब्यूटी स्टार्टअप नायका (Naykaa की फाउन्डर हैं. उनका नेटवर्थ 6.5 बिलियन डॉलर से अधिक है. फाल्गुनी ने अहमदाबाद स्थित भारतीय प्रबंधन संस्थान से उच्च शिक्षा ग्रहण की. 1993 में कोटक महिंद्रा ग्रुप से जुड़ीं और प्रबंध निदेशक तथा कोटक सिक्योरिटीज में निदेशक बनीं. उन्होंने जोखिम लेते हुए कोटक महिंद्रा छोड़कर ब्यूटी ई-कॉमर्स कंपनी नायका शुरु की, और आज सबकुछ सामने है.
रोशनी नादर मल्होत्रा!
रोशनी नादर मल्होत्रा की गिनती भारत की चौथी सबसे अमीर महिला के रूप में की जाती है. इनकी कुल संपत्ति 4.9 बिलियन डॉलर है. करियर की शुरुआत में वे स्काई न्यूज के लंदन स्थित एक न्यूज प्रोड्यूसर के रूप कार्य करती थीं. साल 2020 में उऩ्होंने अपने पिता के आईटी व्यवसाय एचसीएल टेक्नोलॉजी ज्वाइन की. काम के प्रति उनकी निष्ठा, समर्पण एवं मेहनत को देखते हुए एक वर्ष के भीतर उन्हें HCL Corporation के कार्यकारी निदेशक और सीईओ के रूप में पदोन्नति कर दिया गया. उस समय तक आईटी प्रमुख बनने वाली रोशनी भारत की पहली महिला थीं. हैरानी की बात यह थी कि रोशनी उस समय तक तकनीक की दुनिया में कोई रुचि नहीं थी.
दिव्या गोकुलनाथ!
फोर्ब्स की सूची में बायजू (Byju's) की को-फाउंडर दिव्या गोकुलनाथ को भारत की सबसे कम उम्र (34 वर्षीया) की दूसरी और पांचवीं सबसे धनवान महिला के रूप में जगह मिली है. वर्तमान में उनकी कुल नेटवर्थ 4.05 अरब डॉलर है. बंगलुरू में जन्मी दिव्या के पिता अपोलो अस्पताल में गुर्दा रोग विशेषज्ञ हैं. दिव्या ने बायोटेक्नोलॉजी में बीटेक किया. उन्हें उच्च शिक्षा के लिए विदेश के टॉप कॉलेज में प्रवेश मिलने के बावजूद उन्होंने पति के साथ शिक्षण के क्षेत्र में आना पसंद किया. गौरतलब है कि साल 2011 में दिव्या ने अपने पति बायजू रविंद्रन के साथ इसकी स्थापना की थी.