International Tiger Day 2020: दुनिया में मौजूद कुल बाघों में 70 प्रतिशत बाघ भारत में, इन राज्यों में है सबसे ज्यादा टाइगर

भारत में सबसे ज्यादा बाघ मध्‍य प्रदेश में हैं. यहां इनकी संख्‍या 526 है, जबकि कर्नाटक में 524 बाघ हैं. वहीं उत्तराखंड में 422 और महाराष्‍ट्र में 312 बाघ हैं. उसके बाद तमिलनाडु में 264 बाघ हैं. सरकारी आंकड़ों के अनुसार हर साल बाघों की संख्‍या करीब 6 प्रतिशत बढ़ रही है.

बाघ (Photo Credits: Twitter/@ParveenKaswan)

हर साल 29 जुलाई को विश्‍व बाघ दिवस मनाया जाता है. यह तारीख हम सभी के लिये, खास कर भारत के लिए बहुत महत्वपूर्ण है. बाघ हमारा राष्‍ट्रीय पशु जो है. इसी तारीख की पूर्व संध्‍या पर आज एक ऐतिहासिक रिपोर्ट जारी की गई है. रिपोर्ट के अनुसार दुनिया में मौजूद कुल बाघों में 70 प्रतिशत बाघ भारत में हैं. और इसे गिनीज बुक ऑफ वर्ल्‍ड रिकॉर्ड में भी दर्ज किया गया है. सच पूछिए तो भारत में इतनी भारी संख्‍या में बाघों की मौजूदगी यह भी दर्शाती है कि भारत जैव विविधता के संरक्षण को लेकर कितना सक्रिय है.

केन्द्रीय वन, पर्यावरण और जलवायु परिवर्तन मंत्री प्रकाश जावडेकर ने मंगलवार को गिनीज बुक ऑफ रिकॉर्ड में दर्ज बाघों की गणना की विस्तृत रिपोर्ट जारी की. इस मौके पर राज्य मंत्री बाबुल सुप्रियो भी मौजूद रहे. साथ भारत की छोटी जंगली बिल्लियों पर एक पोस्टर भी जारी किया गया है। इस मौके पर प्रकाश जावडेकर ने कहा कि दुनिया के 70 फीसदी बाघ भारत में हैं. इस पर हमें गर्व करना चाहिए, हम बाघों की संख्या के मामले में विश्व का नेतृत्व कर रहे हैं. ये भारत की सॉफ्ट पावर हैं और इसे दुनिया के सामने हमें बेहतर तरीके से ले भी जाना चाहिए और इसलिए जो आज रिपोर्ट और पोस्टर जारी किए हैं, वे देखने लायक हैं. देश सभी 13 बाघ श्रेणी के देशों के साथ बाघों के वास्तविक प्रबंधन में काम करने के लिए तैयार हैं.

जलवायु परिवर्तन मंत्री ने कहा कि देश में विश्व का 8 प्रतिशत जैव विविधता है. भूमि कम होने के बावजूद हम वनजीव के संरक्षण में बेहतरीन काम कर रहा है. आने वाले समय में देश के जंगलों का नक्शा तैयार किया जाएगा, ताकि उसमें मौजूद हर कमी को पूरा किया जा सके.

स्वदेशी ऐप के जरिए की गई बाघों की गणना

देश में 50 टाइगर रिजर्व हैं, जहां स्वदेशी एप एम-स्ट्राइप के जरिए बाघों की गणना की गई. यह एप एंड्रॉयड प्लैटफार्म पर चलता है और इससे बाघों की संख्या और उसके संरक्षण में उपयोग में लाया जा रहा है. इस एप के माध्यम से किए गए बाघों की आबादी 2018 की विस्तृत रिपोर्ट के अनुसार भारत में अब दुनिया भर में रहने वाले बाघों की कुल संख्या का लगभग 70% बाघ रहते हैं. साल 2018 की गणना के अनुसार भारत में 2967 बाघ हैं। जबकि 2014 में देश में 2226 बाघ थे.

बाघों की गणना के लिए 26,838 कैमरा लगाये गए, जिनसे 3.48 करोड़ तस्वीरें ली गईं. इन तस्वीरों में 76,651 तस्वीरें बाघों की और 51,777 तेंतुओं की थीं.

29 जुलाई को क्यों मनाते हैं विश्‍व बाघ दिवस

वर्ष 2010 में रूस के सेंट पीटर्सबर्ग में बाघ क्षेत्र वाले देशों के प्रतिनिधियों ने बाघ संरक्षण पर सेंट पीटर्सबर्ग घोषणा पत्र पर हस्ताक्षर करके 2022 तक बाघ क्षेत्र की अपनी सीमा में बाघों की संख्या दोगुना करने का संकल्प लिया था. इसी बैठक के दौरान दुनिया भर में 29 जुलाई को वैश्विक बाघ दिवस के रूप में मनाने का भी निर्णय लिया गया. तब से हर साल बाघ संरक्षण के प्रति लोगों को जागरूक करने और उसके प्रसार के लिए वैश्विक बाघ दिवस मनाया जाता है.

दुनिया भर में बाघों की संख्‍या में गिरावट के कारण

> चीन में दवाईयां बनाने में बाघ के शरीर के हर एक अंग का इस्‍तेमाल किया जाता है. इसके लिए मृत बाघ की कीमत भी ऊंची लगायी जाती है और यही कारण है कि दुनिया भर में लोग बाघों का अवैध शिकार करते हैं और अवैध तस्करी करते हैं.

> जैव विविधता की कमी भी बाघ की संख्‍या में गिरावट का एक कारण है. बाघ वहीं पाये जाते हैं, जहां पर हरे भरे जंगल और कम से कम 93 प्रतिशत तक प्राकृतिक जैव विविधता मौजूद हो। और भारत में इसमें विस्तार पर जोर दिया जा रहा है.

> जलवायु परिवर्तन के कारण समुद्र जल स्तर में वृद्धि हो रही है, जिसके कारण सुंदरबन के जंगलों में रॉयल बंगाल टाइगर विलुप्त होते जा रहे हैं. हालांकि भारत सरकार विशेष अभियान के तहत सुंदरबन के जंगलों के संरक्षण के लिए प्रयासरत है.

दुनिया में बाघों की संख्‍या:

वर्ल्‍ड वाइल्‍डलाइ फंड (डब्‍ल्‍यूडब्‍ल्‍यूएफ) के अनुसार पूरी दुनिया में केवल 3900 बाघ हैं. 20वीं सदी की शुरुआत में कई प्रकार की अनैतिक गतिविधियों के कारण 95 प्रतिशत बाघ कम हो गए। माना जाता है कि बाघ बाकी पशु-पक्षियों के लिए एक छतरी के समान हैं. यानी जिन जंगलों में बाघों की संख्‍या अधिक है इसका मतलब बाकी की जीव प्रजातियां भी वहां संरक्षित हैं. बाघ बाकी जानवरों, खास कर हिरणों का शिकार करते हैं.

एक बाघ का बच्चा अपनी मॉं के साथ अधिकतम दो वर्ष तक रहता है. फिर स्‍वतंत्र रूप से जंगलों में शिकार करने लगता है. भारत में बाघों की संख्‍या में 33 प्रतिशत का इजाफा हुआ. भारत में बाघों की संख्‍या की गणना 2018-19 में हुआ. इस दौरान कैमरों के माध्‍यम से बाघों की गणना की गई. भारत में कुल 2967 बाघ हैं, जिनमें से 2461 बाघों की फोटो के जरिए गणना की गई. गणना के इस कार्य में वन विभाग के साथ-साथ कई सारे गैर सरकारी संगठन भी शामिल थे.

भारत में सबसे ज्यादा बाघ मध्‍य प्रदेश में हैं. यहां इनकी संख्‍या 526 है, जबकि कर्नाटक में 524 बाघ हैं. वहीं उत्तराखंड में 422 और महाराष्‍ट्र में 312 बाघ हैं. उसके बाद तमिलनाडु में 264 बाघ हैं. सरकारी आंकड़ों के अनुसार हर साल बाघों की संख्‍या करीब 6 प्रतिशत बढ़ रही है.

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