Independence Day Speech 2024: स्वतंत्रता दिवस पर अपने स्कूल प्रांगण में दें, यह जोशीला भाषण! जिसके बाद सर्वत्र तालियों की गड़गड़ाहट ही गूंजेगी!
आज भारत ब्रिटिश हुकूमत से मुक्ति की अपनी 78वीं वर्षगांठ मनाने जा रहा है. आज हम स्वतंत्रता और संप्रभुता की दिशा में अपने राष्ट्र की उल्लेखनीय यात्रा का जश्न मनाने के लिए आपके समक्ष एकत्र हुए हैं. किसी भी देश-प्रेमी के लिए यह अवसर सदा से गौरवान्वित करने वाला रहा है, क्योंकि इस दिन हम उन शूरवीर क्रांतिकारियों को श्रद्धा-सुमन अर्पित करते हैं, जिन्होंने देश की आजादी के लिए अपनी उम्र, अपने भविष्य, अपने परिवार और अपनी खुशहाल जिंदगी को न्योछावर करते हुए देश के नाम हंसते-हंसते शहीद हो गये.
माननीय अतिथि महोदय, प्रधानाचार्य जी, अध्यापक गण एवं प्रिय साथियों,
आज भारत ब्रिटिश हुकूमत से मुक्ति की अपनी 78वीं वर्षगांठ मनाने जा रहा है. आज हम स्वतंत्रता और संप्रभुता की दिशा में अपने राष्ट्र की उल्लेखनीय यात्रा का जश्न मनाने के लिए आपके समक्ष एकत्र हुए हैं. किसी भी देश-प्रेमी के लिए यह अवसर सदा से गौरवान्वित करने वाला रहा है, क्योंकि इस दिन हम उन शूरवीर क्रांतिकारियों को श्रद्धा-सुमन अर्पित करते हैं, जिन्होंने देश की आजादी के लिए अपनी उम्र, अपने भविष्य, अपने परिवार और अपनी खुशहाल जिंदगी को न्योछावर करते हुए देश के नाम हंसते-हंसते शहीद हो गये. आज हम जिस खुली हवा में सांस ले रहे हैं, खुशियां मना रहे हैं, इसका श्रेय उन क्रांतिवीरों को ही जाता है, जो आज हमारे बीच नहीं हैं.
मित्रों, आजादी का अर्थ केवल बाहरी शोषण से मुक्ति नहीं है, बल्कि हमें हमारी आंतरिक ऊर्जा और आत्मविश्वास को पहचानने का भी अवसर है. आज हम स्वतंत्रता और संप्रभुता की दिशा में अपने राष्ट्र की उल्लेखनीय यात्रा का जश्न मना रह् हैं. हमारे क्रांतिवीरों ने हमें सिखाया है कि देश के प्रति सच्ची स्वतंत्रता तभी होती है, जब हम अपने देश की सेवा करते हैं, संवैधानिक मर्यादाओं का ध्यान रखते हुए नागरिक कर्तव्यों का पालन करते हैं. और सामाजिक न्याय के लिए प्रयासरत रहते हैं. यह भी पढ़ें : Tiranga Flag as DP For Independence Day 2024: स्वतंत्रता दिवस पर अपनी सोशल मीडिया प्रोफाइल की डीपी पर लगाएं तिरंगा और मनाएं आजादी का जश्न
साथियों, हम पीछे मुड़कर देखते हैं, कि कैसे 15 अगस्त 1947 को ब्रिटिश औपनिवेशिक शासन का अंत हुआ और भारत एक संप्रभु राष्ट्र के रूप में उभरा. पंडित नेहरू दिल्ली के लाहौर गेट के पास लाल किले पर राष्ट्रीय ध्वज फहराने वाले पहले भारतीय प्रधानमंत्री बने. स्वतंत्रता के लिए हमारा संघर्ष सिर्फ राजनीतिक आंदोलन भर नहीं था, यह हमारे लोगों की अपराजेय भावना का प्रमाण था. महात्मा गांधी के नेतृत्व वाले अहिंसक प्रतिरोध से लेकर क्रांतिकारियों की बहादुरी, त्याग और बलिदान तक हमने अंग्रेजों से कई लड़ाइयां लड़ी.
इस शुभ अवसर पर आइये हम उन लोगों को सच्ची श्रद्धांजलि अर्पित करें, जिन्होंने देश की आजादी के लिए अपने प्राण न्योछावर कर दिये. आइये हम संकल्प लें भारत के उज्जवल भविष्य के लिए आजादी का यह पल केवल अतीत तक नहीं, बल्कि वर्तमान पर भी विचार करते हुए भविष्य की योजना बुनेंगे. इस महान राष्ट्र के नागरिक के रूप में, हम न्याय, समानता और भाईचारे के सिद्धांतों को बनाए रखने की जिम्मेदारी लेते हैं. आइए हम एक ऐसे समाज के निर्माण के लिए एकजुट होकर काम करें, जहां हर व्यक्ति को खुद की पृष्ठभूमि की परवाह किए बिना आगे बढ़ने का अवसर मिले.
हमारी विविधता ही हमारी ताकत है और इसे अपनाकर हम अपने रास्ते में आने वाली हर बाधाओं को पार कर सकते हैं. अपनी बात हम यहीं समाप्त करते हैं.
जय हिंद!!