World Hypertension Day 2019: साइलेंट किलर है हाइपरटेंशन, इस गंभीर समस्या से बचने के लिए डायट में शामिल करें ये चीजें

लोगों में हाइपरटेंशन के प्रति जागरूकता फैलाने के मकसद से ही हर साल 17 मई को विश्व हाइपरटेंशन दिवस मनाया जाता है. इस दिन इस बीमारी के प्रति लोगों को जागरूक करने के साथ ही इसके लक्षण, कारण और बचाव के तरीकों के बारे में भी बताया जाता है.

विश्व हाइपरटेंशन दिवस 2019 (Photo Credits: Pixabay)

World Hypertension Day 2019:  हाइपरटेंशन (Hypertension) को साइलेंट किलर (Silent Killer) भी कहा जाता है. यह एक ऐसी बीमारी है जो किसी भी तरह के तनाव के बढ़ने से हो सकती है. इसमें ब्लड प्रेशर (Blood Pressure) बहुत ज्यादा बढ़ जाता है, जिसके चलते जान का जोखिम भी बढ़ सकता है. हालांकि कई लोगों को इस बात का पता ही नहीं चल पाता है कि वो हाइपरटेंशन यानी उच्च रक्तचाप की बीमारी से पीड़ित हैं. दरअसल, हाइपरटेंशन शरीर के कई अंगों को डैमेज भी कर सकता है और जब तक इस बीमारी के बारे में पता चलता है तब तक काफी देर हो चुकी होती है. इसलिए समय-समय पर ब्लड प्रेशर की जांच करना बेहद आवश्यक है.

लोगों में हाइपरटेंशन के प्रति जागरूकता फैलाने के मकसद से ही हर साल 17 मई को विश्व हाइपरटेंशन दिवस (World Hypertension Day) मनाया जाता है. इस दिन इस बीमारी के प्रति लोगों को जागरूक करने के साथ ही इसके लक्षण, कारण और बचाव के तरीकों के बारे में भी बताया जाता है. चलिए जानते हैं इस घातक बीमारी के लक्षण और कारण क्या है. इसके साथ ही इससे बचाव के लिए हमारा आहार कैसा होना चाहिए?

साल 2019 की थीम है 'Know Your Numbers'

साल 2005 में पहली बार वर्ल्ड हाइपरटेंशन लीग द्वारा वर्ल्ड हाइपरटेंशन डे मनाया गया था. हर साल इस दिवस को अलग-अलग थीम के अनुसार मनाया जाता है और साल 2019 की थीम “Know Your Numbers” रखी गई है. जिसका मकसद हाई ब्लड प्रेशर के प्रति ज्यादा से ज्यादा लोगों को जागरूक करना है. यह भी पढ़ें: ब्लड प्रेशर और मधुमेह को कंट्रोल करता है अंगूर, जानें इसके और फायदे

लक्षण-

अगर आपका ब्लड प्रेशर 120-139/ 80-89 है तो यह इस बात की ओर संकेत करता है कि आपको प्री-हाइपरटेंशन है, लेकिन अगर आपका ब्लड प्रेशर 140/90 है तो आपको सावधान होने की जरूरत है, क्योंकि यह लक्षण है कि आप हाइपरटेंशन से गुजर रहे हैं.

कारण-

वैसे तो तनाव हाइपरटेंशन का सबसे बड़ा कारण है, लेकिन इसके कई अन्य कारण भी हो सकते हैं. इनमें कोलेस्ट्रॉल बढ़ना, मोटापा, आनुवांशिकता, खराब लाइफस्टाइल और खराब खान-पान भी शामिल है. साथ ही तनाव और डिप्रेशन जैसी मानसिक परेशानी भी हाइपरटेंशन का कारण बन सकती है.

ऐसा हो आहार

हाइपरटेंशन से धीरे-धीरे मरीज का दिल, किडनी और शरीर के दूसरे अंग काम करना बंद कर देते हैं. हालांकि अपने दैनिक जीवन और आहार में सकारात्मक परिवर्तन लाकर काफी हद तक इस बीमारी के खतरे को कम किया जा सकता है. चलिए जानते हैं ऐसे ही आहार जो इस बीमारी के जोखिम को कम करने में मदद करते हैं.

1- दही

प्रोटीन, कैल्शियम, राइबोफ्लेविन, विटामिन बी 6 और विटामिन बी 12 से भरपूर दही को अपने डायट में शामिल करके आप हाइपरटेंशन यानी हाई ब्लड प्रेशर की समस्या से खुद को काफी हद तक बचा सकते हैं.

2- सोयाबीन

सोयाबीन भी हाइपरटेंशन के खतरे को कम करने में मदद करता है. एक शोध के अनुसार, सोयाबीन को डेली डायट में शामिल करने से हाई ब्लड प्रेशर नियंत्रित होता है. इसके अलावा पनीर, मूंगफली और ग्रीन टी भी हाइपरटेंशन के मरीजों को फायदा पहुंचाता है.

3- किशमिश

हाई ब्लड प्रेशर के मरीजों को अपने डायट में किशमिश जरूर शामिल करना चाहिए. दरअसल, अमेरिकन कॉलेज ऑफ कार्डियोलॉजी कॉन्फ्रेंस में पेश किए गए अध्ययन के अनुसार, दिन में तीन बार मुट्ठी भर किशमिश खाने से ब्लड प्रेशर कंट्रोल होता है.

4- सफेद सेम

कई अध्ययनों से यह पता चलता है कि सफेद सेम में मौजूद विटामिन बी 1 दिल की बीमारियों के खतरे को कम करने में मदद करता है. दरअसल, एक कटोरी सफेद सेम में 13 फीसदी कैल्शियम , 30 फीसदी मैग्नीशियम और 24 फीसदी पोटैशियम पाया जाता है, इसलिए इसे ब्लड प्रेशर के मरीजों के लिए काफी फायदेमंद माना जाता है. यह भी पढ़ें: ब्लड प्रेशर, हार्ट अटैक समेत कई बीमारियों से बचाती है स्ट्रॉबेरी

5- कद्दू के बीज

अगर आप कद्दू के बीजों को बेकार समझकर फेंक देते हैं तो ऐसा करने से बचें, क्योंकि कद्दू के बीजों में भरपूर मात्रा में जिंक पाया जाता है. यह तनाव को कम करता है और शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाता है, लेकिन अगर शरीर में जिंक की कमी हो जाए तो इससे डिप्रेशन और चिड़चिड़ेपन की समस्या हो सकती है जो हाइपरटेंशन का कारण बन सकता है.

गौरतलब है कि अपने आहार में इन चीजों के अलावा पोटैशियम से भरपूर सेम, मटर, पालक, बंदगोभी, केला, पपीता और खजूर जैसी चीजों को शामिल करके इस बीमारी को कंट्रोल किया जा सकता है. इसके साथ ही योग, व्यायाम और ध्यान जैसी शारीरिक गतिविधियों को करना भी जरूरी है.

नोट- इस लेख में दी गई तमाम जानकारियों को केवल सूचनात्मक उद्देश्य से लिखा गया है. इसकी वास्तविकता, सटीकता और विशिष्ट परिणाम की हम कोई गारंटी नहीं देते हैं. इसमें दी गई जानकारियों को किसी बीमारी के इलाज या चिकित्सा सलाह के लिए प्रतिस्थापित नहीं किया जाना चाहिए. इस लेख में बताए गए टिप्स  पूरी तरह से कारगर होंगे या नहीं इसका हम कोई दावा नहीं करते है, इसलिए किसी भी टिप्स या सुझाव को आजमाने से पहले डॉक्टर से सलाह जरूर लें.

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