Indian Cough Syrup: WHO ने इराक में भारत निर्मित कफ सिरप को दूषित व घातक बताया, जांच शुरू

विश्‍व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने सोमवार को कहा कि पिछले महीने इराक में पाया गया दूषित सामान्य कोल्ड सिरप महाराष्ट्र स्थित एक भारतीय दवा कंपनी द्वारा निर्मित किया गया था. दूषित बैच का निर्माण फोरर्ट्स (इंडिया) लेबोरेटरीज प्राइवेट लिमिटेड द्वारा किया गया था.

Indian Cough Syrup (Photo Credit : Twitter)

नई दिल्ली, 8 अगस्त: विश्‍व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने सोमवार को कहा कि पिछले महीने इराक में पाया गया दूषित सामान्य कोल्ड सिरप महाराष्ट्र स्थित एक भारतीय दवा कंपनी द्वारा निर्मित किया गया था. दूषित बैच का निर्माण फोरर्ट्स (इंडिया) लेबोरेटरीज प्राइवेट लिमिटेड द्वारा किया गया था. डब्ल्यूएचओ के एक बयान के अनुसार, डैबीलाइफ फार्मा प्राइवेट लिमिटेड के लिए लिमिटेड भारत में बनी 'कोल्ड आउट' नाम की सर्दी की दवा है, जो इराक में बिक्री के लिए मिलती है. इसमें जहरीले रसायन होते हैं, ऐसा पिछले महीने रिपोर्ट में दावा किया गया था. यह भी पढ़ें: Govt Action On Unsafe Protein Powders-Dietary Supplements: मोदी सरकार की बड़ी कार्रवाई, प्रोटीन पाउडर, आहार अनुपूरक की बिक्री के खिलाफ 40,000 से अधिक मामले दर्ज

परीक्षणों से पता चला कि सर्दी की दवा एथिलीन ग्लाइकॉल, एक जहरीले औद्योगिक विलायक से दूषित है. वैश्विक स्वास्थ्य एजेंसी ने कहा, "नया डब्ल्यूएचओ उत्पाद अलर्ट इराक गणराज्य में पहचाने गए घटिया (दूषित) कोल्ड आउट सिरप (पैरासिटामोल और क्लोरफेनिरामाइन मैलेट) के एक बैच को संदर्भित करता है और 10 जुलाई, 2023 को तीसरे पक्ष द्वारा डब्ल्यूएचओ को रिपोर्ट किया गया था."

कोल्ड आउट सिरप का एक नमूना इराक में एक स्थान से प्राप्त किया गया था और प्रयोगशाला विश्लेषण के लिए प्रस्तुत किया गया था. डब्ल्यूएचओ ने एक बयान में कहा, “नमूने में संदूषक के रूप में डायथिलीन ग्लाइकॉल (0.25%) और एथिलीन ग्लाइकॉल (2.1%) की अस्वीकार्य मात्रा पाई गई. एथिलीन ग्लाइकॉल और डायथिलीन ग्लाइकॉल दोनों के लिए स्वीकार्य सुरक्षा सीमा 0.10% से अधिक नहीं है.”

डायथिलीन ग्लाइकॉल और एथिलीन ग्लाइकॉल सेवन करने पर मनुष्यों के लिए जहरीले होते हैं और घातक साबित हो सकते हैं. इसमें कहा गया है, "आज तक, कथित निर्माता और विक्रेता ने उत्पाद की सुरक्षा और गुणवत्ता पर डब्ल्यूएचओ को गारंटी नहीं दी है."

पहले की रिपोर्टों के अनुसार, यह यौगिक कम मात्रा में मनुष्यों के लिए घातक है और कथित तौर पर पिछले साल गाम्बिया और उज्बेकिस्तान में भारतीय निर्मित कफ सिरप के कारण बड़े पैमाने पर बच्चों की मौत हुई थी.

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