मीठे पेय पदार्थ पीने के हैं शौकीन तो हो जाएं सावधान, समय से पहले हो सकती है मौत

हार्वर्ड यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं के नेतृत्व में हुए एक अध्ययन में यह खुलासा हुआ है कि शुगर युक्त मीठे पेय पदार्थ पीने वाले लोगों की मौत जल्दी हो सकती है.

प्रतीकात्मक तस्वीर (Photo Credits: Pixabay)

अगर आप शुगर युक्त ड्रिंक्स यानी मीठे पेय पदार्थों (sugar-sweetened beverages) का सेवन करना बहुत पसंद करते हैं तो यह शौक आपके जीवन के लिए खतरे की घंटी साबित हो सकता है, क्योंकि मीठे पेय पदार्थ पीने के कारण समय से पहले आपकी मौत भी हो सकती है. यह हम नहीं कह रहे हैं, बल्कि हाल ही में हुए एक अध्ययन में यह चौंकाने वाला खुलासा हुआ है. दरअसल, हार्वर्ड यूनिवर्सिटी (Harvard University) के शोधकर्ताओं के नेतृत्व में हुए एक अध्ययन (New Study) में यह खुलासा हुआ है कि शुगर युक्त मीठे पेय पदार्थ (Sugary drinks) पीने वाले लोगों की मौत जल्दी हो सकती है.

इस अध्ययन के अनुसार, एक महीने में 1-4 शुगर युक्त मीठे पेय पदार्थों का सेवन करने वाले व्यक्ति में समय से पहले मौत का खतरा 1 फीसदी तक बढ़ता है, जबकि एक हफ्ते में 2-6 शुगर युक्त पेय पदार्थों को लेने से मौत का खतरा 6 फीसदी तक बढ़ सकता है.

हालांकि इस शोध में यह भी कहा गया है कि चीनी युक्त मीठे पेय पदार्थों (sugar-sweetened beverages) के सेवन से पुरुषों की अपेक्षा महिलाओं में असमय मृत्यु का जोखिम अधिक स्पष्ट पाया गया. इस अध्ययन की रिपोर्ट को जर्नल सर्कुलेशन (Journal Circulation) में प्रकाशित किया गया है.

इस अध्ययन की प्रमुख लेखिका वसंती मलिक की मानें तो चीनी-मीठे पेय पदार्थों (sugar-sweetened beverages) का सेवन सीमित करके स्वास्थ में सुधार लाया जा सकता है और समय से पहले होनेवाले मौत के खतरे को भी कम किया जा सकता है. इस अध्ययन में निष्कर्ष तक पहुंचने के लिए टीम ने 80,647 महिलाओं और 37,716 पुरुषों के आंकड़ों का विश्लेषण किया. यह भी पढ़ें: रोजाना सुबह पीएं एक गिलास गर्म पानी, शरीर को मिलेंगे ये 7 गजब के फायदे

दरअसल, कार्बोनेटेड और नॉन कार्बोनेटेड ड्रिंक्स जैसे सॉफ्ट ड्रिंक, फ्रूट ड्रिंक, एनर्जी ड्रिंक और स्पोर्ट्स ड्रिंक को पीने वालों को इसका सेवन न करने वालों की तुलना में असमय मौत का खतरा ज्यादा होता है.

बता दें कि इस बच्चे और किशोरों को शुगर युक्त ड्रिंक्स की लत न लगे इसके लिए इन पदार्थों की बिक्री को सीमित के लिए सोडा टैक्स लागू करने की नीतियों का समर्थन भी इस अध्ययन में किया गया. इस अध्ययन में यह भी कहा गया है कि विकासशील देशों में शुगर युक्त मीठे पेय पदार्थों का सेवन करने वालों की संख्या तेजी से बढ़ रही है.

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