Navratri 2019: डायबिटीज के मरीजों के लिए नवरात्रि का व्रत रखना फायदेमंद है या नुकसानदेह, जानिए क्या है डॉक्टर का सुझाव
शारदीय नवरात्रि 29 सितंबर से शुरु हो रही है. अगर आप डायबिटीज के मरीज हैं और नवरात्रि का व्रत रखने की सोच रहे हैं तो उससे पहले आपको अपने डॉक्टर से सलाह ले लेनी चाहिए. डायबिटीज के मरीजों के लिए नवरात्रि का व्रत रखना फायदेमंद है या नुकसानदेह, जानिए इस बारे में डॉक्टर का क्या कहना है.
Sharad Navratri 2019: हिंदू धर्म में नवरात्रि (Navratri) का खास महत्व बताया जाता है और 29 सितंबर से शारदीय नवरात्रि (Sharad Navratri 2019) की शुरुआत हो रही है. देवी दुर्गा (Devi Durga) की भक्ति और आराधना के पर्व नवरात्रि (Sharad Navratri) के दौरान अधिकांश भक्त नौ दिनों तक व्रत रखते हैं. मान्यता है कि उपवास रखने से शारीरिक और मानसिक संतुलन बनाए रखने में मदद मिलती है. ऐसे में अगर आप भी नौ दिन का व्रत (Navratri Fast) रखने की सोच रहे हैं तो उससे पहले अपने हेल्थ की जांच एक बार जरूर करा लीजिए, लेकिन अगर आप डायबिटीज (Daibetes) के मरीज हैं तो ऐसे में यह और भी जरूरी हो जाता है कि आप अपने डॉक्टर से सलाह लें, क्योंकि नवरात्रि का व्रत रखने से डायबिटीज के मरीजों की सेहत बिगड़ भी सकती है.
डायबिटीज के मरीजों को नवरात्रि में नौ दिनों का व्रत रखना चाहिए या नहीं और अगर डायबिटीज के रोगी व्रत रखते हैं तो उन्हें किस तरह की सावधानियां बरतनी चाहिए और उनका खान-पान कैसा होना चाहिए? यह बता रही हैं एमबीबीएस और सीजीओ, डॉक्टर नीता अराने (Doctor Neeta Arane).
डायबिटीज के मरीज व्रत रखें या नहीं?
डॉक्टर नीता अराने की मानें तो आमतौर पर डायबिटीज के मरीजों को व्रत रखने से परहेज करना चाहिए. खासकर टाइप 1 डायबिटीज (Type-1 Diabetes) से पीड़ित मरीज जो पूरी तरह से इंसुलिन पर निर्भर हैं, उन्हें व्रत न रखने की सलाह दी जाती है. इसके आलावा डायबिटीज के वो मरीज जो किडनी, लीवर और दिल की बीमारी से पीड़ित हैं उनके लिए भी व्रत रखना सही नहीं है. दरअसल, नवरात्रि के व्रत में ज्यादा देर तक भूखे रहने के कारण डायबिटीज के मरीजों में ग्लूकोज की मात्रा कम हो सकती है, जिसे हाइपोग्लाइसीमिया कहा जाता है. यह भी पढ़ें: Navratri 2019: शारदीय नवरात्रि पर घोड़े पर सवार होकर आ रही हैं मां दुर्गा, शुभ या अशुभ जानिए कैसा होगा इसका प्रभाव
मरीजों को हो सकती है ये समस्याएं
नवरात्रि व्रत के दौरान डायबिटीज के मरीज अगर ज्यादा देर तक भूखे रहते हैं तो इससे उनके शरीर में शुगर लेवल कम हो सकता है और हाइपोग्लाइसीमिया की स्थिति में इस प्रकार के लक्षण दिखाई दे सकते हैं.
- अचानक पसीना आना.
- कमजोरी महसूस होना.
- हाथ-पैरों में कंपकंपी होना.
- धड़कनें तेज हो जाना.
- सिरदर्द की समस्या होना.
व्रत के दौरान अपने पास रखें मीठा
अगर डायबिटीज के मरीज व्रत रखते हैं तो उन्हें व्रत के दौरान कुछ खास बातों का ख्याल रखना चाहिए, ताकि उनकी सेहत पर कोई दुष्प्रभाव न पड़े. डॉक्टर का कहना है कि व्रत रखने वाले डायबिटीज के मरीजों को अपने पास कुछ मीठा रखना चाहिए और जब भी हाइपोग्लाइसीमिया से जुड़े किसी भी तरह के लक्षण नजर आने लगे तो ऐसी स्थिति में तुरंत चीनी, शहद या ग्लूकोज का सेवन करना चाहिए, इससे ब्लड शुगर में आई कमी को दूर किया जा सकता है.
उपवास के दौरान बरतें ये सावधानियां
- उपवास के दौरान हर दो घंटे में कुछ न कुछ जरूर खाएं.
- व्रत में रोस्टेड या ऑयली चीजों के सेवन से परहेज करें.
- निर्जल व्रत करने से बचें और तरल पदार्थों का सेवन करें.
- फास्टिंग के दौरान अपने ब्लड शुगर की जांच समय-समय पर करें.
- व्रत के दौरान अपनी डायबिटीज की दवाइयां का सेवन जारी रखें. यह भी पढ़ें: Navratri 2019 Colours List: शारदीय नवरात्रि के 9 दिन पहने इन रंगों के कपड़े, मां दुर्गा के नौ स्वरुपों की करें आराधना
डायबिटीज के मरीजों का ऐसा हो खान-पान
अगर डायबिटीज के मरीज नवरात्रि का व्रत रखना चाहते हैं तो पहले अपने डॉक्टर से इसके लिए परामर्श करें. हालांकि व्रत की शुरुआत से पहले डायबिटीज के मरीजों को गेंहू, फल, नट्स, दाल जैसे प्रोटीन युक्त आहार का सेवन करना चाहिए. प्रोटीन युक्त आहार डायबिटीज के मरीजों के लिए बेहतर माना जाता है. उपवास के दौरान बादाम, अखरोट, पिस्ता जैसे सूखे मेवे, छाछ, मखाना, कुट्टू रोटी, कुट्टू चीला, खीरे का रायता, पनीर और फलों का सेवन करना चाहिए. इनके सेवन से पेट भरा हुआ महसूस होता है और ग्लूकोज की मात्रा भी नियंत्रित रहती है.
व्रत के दौरान डायबिटीज के मरीजों को तले हुए आलू, मूंगफली, चिप्स, पापड़, पूरी-कचौरी जैसी चीजों से परहेज करना चाहिए. इसके अलावा प्रोसेस्ड और ट्रांसफैट युक्त, हाइड्रोजनीकृत वनस्पति तेल में बनाए गए नमकीन और चिप्स इत्यादि का सेवन न करें. निर्जल उपवास न रखें और उपवास के दौरान बॉडी को हाइड्रेट रखने के लिए नारियल पानी, नींबू पानी, छाछ, दूध जैसे तरल पदार्थों का सेवन करते रहें.