COVID-19: देश की आर्थिक राजधानी मुंबई (Mumbai) से कोविड-19 (COVID-19) का एक हैरान करने वाला मामला सामने आया है, जहां कोरोना वायरस वैक्सीन (Coronavirus Vaccine) की दोनों डोज लेने के बावजूद 26 वर्षीय डॉक्टर बीते 13 महीनों में तीन बार कोरोना की चपेट में आ चुकी हैं. डॉक्टर के परिवार में उनके माता-पिता और भाई ने भी इस महीने पहली बार कोरोना के लिए सकारात्मक परीक्षण किया है. बता दें कि उन्होंने भी कोविड-19 वैक्सीन (COVID-19 Vaccine) की दोनों डोज ली है. हालांकि मुंबई की डॉक्टर सृष्टि हलारी (Shrushti Halari) के तीन बार संक्रमित होने के बाद उनका सैंपल जीनोम सीक्वेंसिंग कलेक्ट किया गया है, जिसकी स्टडी की जाएगी.
एनडीटीवी की रिपोर्ट के अनुसार, सृष्टि हलारी मुंबई के मुलुंड इलाके में स्थित वीर सावरकर अस्पताल में कोविड-19 की ड्यूटी पर थीं और पहली बार पिछले साल 17 जून को कोरोना वायरस की चपेट में आई थीं. इसके बाद उन्होंने अप्रैल 2021 तक वैक्सीन की दोनों डोज लगवा ली थी. बावजूद इसके फिर से 29 मई को वो कोरोना की चपेट में आ गईं. यह भी पढ़ें: COVID-19 Vaccine: भारत को जल्द ही मिलने वाली है एक और वैक्सीन, कोरोना वायरस के खिलाफ होगा पहला डीएनए आधारित टीका
इस दौरान उनमें हल्के लक्षण थे और वह घर पर रहकर ठीक हो गईं. इसके बाद 11 जुलाई को डॉ. हलारी ने तीसरी बार कोरोना के लिए सकारात्मक परीक्षण किया और इस बार उनका पूरा परिवार संक्रमण की चपेट में आ गया. परिवार के चारों सदस्यों का इलाज रेमडेसिविर से किया जा रहा है. इस मामले ने हर किसी को हैरान कर दिया है.
अब डॉक्टर यह पता लगाने में जुटे हैं कि कहीं यह कोरोना वायरस का नया स्ट्रेन तो नहीं है, क्योंकि किसी शख्स का साल में 3 बार कोरोना की चपेट में आना वाकई हैरान करने वाली बात है. तीन बार कोरोना की चपेट में आने वाली डॉक्टर सृष्टि ने बताया की तीसरी बार कोविड-19 की चपेट में आने के बाद उन्हें सबसे ज्यादा दिक्कत आई और पूरे परिवार को अस्पताल में भर्ती होना पड़ा. यह भी पढ़ें: Covaxin Efficacy: स्वदेशी ‘कोवैक्सीन’ कोरोना वायरस के खिलाफ 77.8% असरदार, तीसरे चरण की क्लीनिकल ट्रायल रिपोर्ट आई सामने
डॉक्टर सृष्टि हलारी की मानें तो वैक्सीन की दोनों डोज लेने के बाद उनकी अच्छी एंटीबॉडी भी बनी थी, जिससे यह पता चलता है कि टीके ने अपना काम सही तरीके से किया, लेकिन अब जब वो तीसरी बार कोरोना से संक्रमित हो गई हैं तो उनके केस की स्टडी की जा रही है, ताकि इस अनोखे संक्रमण के असली कारणों का पता लगाया जा सके. वहीं डाक्टरों का मानना है कि ऐसे कई लोग हैं जो वैक्सीन की दोनों डोज लेने के बाद भी संक्रमण की चपेट में आ रहे हैं, लेकिन सृष्टि के मामले में डॉक्टर वायरस के फिर से एक्टिव होने और कोरोना के टेस्ट में कुछ गलती होने की आशंका जता रहे हैं, जबकि टीका लेने के बाद संक्रमित होने वालों में लक्षण गंभीर नहीं होते हैं और वो जल्दी रिकवर हो जाते हैं.