H3N2 Influenza: इन्फ्लुएंजा पर स्वास्थ्य मंत्रालय सतर्क, बताया क्यों फैल रहा संक्रमण और किसे है ज्यादा खतरा
मौसमी बीमारियां हल्की और सीमित होती हैं लेकिन बच्चों, बुजुर्गों में, तीव्र श्वसन संक्रमण से ग्रसित लोग, मोटापे से ग्रस्त लोगों और मधुमेह, हृदय रोग से ग्रसित लोगों में इसके गंभीर परिणाम देखने को मिल सकते हैं.
Influenza A virus subtype H3N2: मौसम बदलने के साथ ही सर्दी-जुकाम जैसे सीजनल बीमारियों ने दस्तक दे दी है. इस बीच H3 N2 व H1N1 जैसी बीमारियों के मामले कई राज्यों में बढ़ने लगे हैं. बढ़ते मामलों को लेकर केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने सभी राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्य सचिवों को पत्र लिख कर स्थिति पर निगरानी रखने को कहा है. इससे पहले शनिवार को नीति आयोग के सदस्य (स्वास्थ्य) की अध्यक्षता में हुई एक समीक्षा बैठक के बाद केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव ने राज्यों को पत्र लिखकर संबंधित केंद्रीय मंत्रालयों, विभागों और संगठनों के साथ मौजूदा स्थिति का जायजा लेने के लिए कहा है.
क्यों फैल रहा इन्फ्लुएंजा
उन्होंने कहा कि इन्फ्लुएंजा मौसम परिवर्तन के दौरान एक सामान्य घटना है लेकिन वर्तमान स्थिति में मौसम में कई तरह के बदलाव हुए हैं. इसलिए स्वच्छता पर पर्याप्त ध्यान न देना, आस-पास पर्याप्त सुरक्षा के बिना छींकना और खांसना, इन्फ्लुएंजा ए ( एडेनोवायरस, एच3एन2, एच1एन1) जैसे वायरल श्वसन रोग जनकों के प्रसार के लिए वातावरण को अनुकूल बनाते हैं.
स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने पत्र में कहा कि जहां पिछले कुछ महीनों में कोरोना मामलों की गति में "काफी कमी" आई है, वहीं कुछ राज्यों में कोरोना परीक्षण सकारात्मकता दर में वृद्धि चिंता का विषय है. नए मामलों की कम संख्या, अस्पताल में भर्ती होने वालों की समान रूप से कम संख्या और कोरोना टीकाकरण कवरेज के मामले में महत्वपूर्ण प्रगति के बावजूद अभी भी सतर्क रहने की आवश्यकता है. इसके साथ टेस्ट-ट्रैक-ट्रीट टीकाकरण, कोरोना अनुरूप व्यवहार की रणनीति पर ध्यान केंद्रित करने और इसके पालन पर ध्यान देने की आवश्यकता है.
इन लोगों को सावधानी की जरूरत
उन्होंने कहा कि मौसमी बीमारियां हल्की और सीमित होती हैं लेकिन बच्चों, बुजुर्गों में, तीव्र श्वसन संक्रमण से ग्रसित लोग, मोटापे से ग्रस्त लोगों और मधुमेह, हृदय रोग से ग्रसित लोगों में इसके गंभीर परिणाम देखने को मिल सकते हैं. इसलिए इन समूह के लोगों को खास सावधानी बरतनी चाहिए.
लोगों के बीच जागरूकता जरूरी
उन्होंने लिखा, "1 जनवरी, 2023 से आईसीएमआर के नेटवर्क प्रयोगशालाओं द्वारा किए जा रहे श्वसन नमूनों के परीक्षण के अनुसार लगभग 25.4 प्रतिशत नमूनों में एडेनोवायरस के लिए सकारात्मक परीक्षण किया गया है." उन्होंने कहा कि श्वसन और हाथ की स्वच्छता के पालन के बारे में आम जनता के बीच जागरूकता बढ़ाना महत्वपूर्ण है, जैसे खांसते या छींकते समय अपने मुंह और नाक को टिश्यू, कोहनी से ढकना शामिल है. इसके अलावा वायरस के लक्षण आते ही लोगों को भीड़- भाड़ में जाने से बचना चाहिए.
अस्पतालों में सभी तैयारियों का दिया निर्देश
उन्होंने सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को दवाओं, चिकित्सा उपकरणों, चिकित्सा ऑक्सीजन आदि सहित अस्पताल की तैयारियों का जायजा लेने के लिए ' कोरोना के संदर्भ में संशोधित निगरानी रणनीति के लिए परिचालन दिशा-निर्देश' को लागू करने की सलाह दी.