Neuroendocrine Tumor: इरफान खान थे न्यूरोएंडोक्राइन ट्यूमर से पीड़ित, जानें इस घातक बीमारी के कारण, लक्षण और इलाज के तरीके

बॉलीवुड के दिग्गज अभिनेता इरफान खान का निधन हो गया है. इरफान खान न्यूरोएंडोक्राइन ट्यूमर से पीड़ित थे. न्यूरोएंडोक्राइन ट्यूमर एक प्रकार का दुर्लभ ट्यूमर है जो मरीज के शरीर के किसी भी हिस्से को प्रभावित कर सकता है. अधिकांश मामलों में यह ट्यूमर फेफड़े, अग्नाशय, रेक्टम, अपेन्डिक्स और छोटी आंत को प्रभावित करता है. इसके कारण, लक्षण और इलाज के तरीकों के बार में जानना आवश्यक है.

इरफान खान (Photo Credits : Facebook)

Neuroendocrine Tumor: बॉलीवुड के दिग्गज अभिनेता इरफान खान का निधन हो गया है. रिपोर्ट्स के अनुसार, अचानक तबीयत खराब होने के कारण उन्हें मुंबई के कोकिलाबेन अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां उन्होंने बुधवार को अंतिम सांस ली. दरअसल, इरफान खान न्यूरोएंडोक्राइन ट्यूमर (Neuroendocrine Tumor (NET) से पीड़ित थे और इस बीमारी के बारे में उन्हें साल 2018 में पता चला था. उन्होंने लंदन में एक साल तक अपना इलाज भी कराया था. जब इरफान खान को न्यूरोएंडोक्राइन ट्यूमर से पीड़ित होने की बात पता चली थी तो उन्होंने बहुत हिम्मत और ताकत के साथ इसका सामना किया था. चलिए जानते हैं आखिर न्यूरोएंडोक्राइन ट्यूमर क्या है. इसके साथ विस्तार से जानते हैं इस बीमारी के कारण, लक्षण और इलाज के बारे में.

न्यूरोएंडोक्राइन ट्यूमर क्या है?

न्यूरोएंडोक्राइन ट्यूमर एक प्रकार का दुर्लभ ट्यूमर है जो मरीज के शरीर के किसी भी हिस्से को प्रभावित कर सकता है. अधिकांश मामलों में यह ट्यूमर व्यक्ति के फेफड़े, अग्नाशय, रेक्टम, अपेन्डिक्स और छोटी आंत को प्रभावित करता है. न्यूरोएंडोक्राइन ट्यूमर उस स्थिति को कहा जाता है, जब तंत्रिकाओं की हार्मोन निकालने वाली अंत: स्रावी ग्रंथियों की कोशिकाएं अनियंत्रित रूप से विकसित हो जाती हैं. हालांकि यह जरूरी नहीं है कि न्यूरोएंडोक्राइन ट्यूमर कैंसर के ही हों, क्योंकि ये बिना कैंसर के भी हो सकते हैं, लेकिन यह ट्यूमर कैंसर को जन्म भी दे सकता है. दोनों ही मामलों में यह ट्यूमर घातक होता है. यह भी पढ़ें: इरफान खान का 53 साल की उम्र में हुआ निधन, मुंबई के अस्पताल में थे भर्ती

क्या है इसके सामान्य कारण?

दरअसल, न्यूरोएंडोक्राइन ट्यूमर एक दुर्लभ बीमारी है, लेकिन कई मामलों में यह आनुवांशिक भी हो सकता है. जिन लोगों की इम्यूनिटी कमजोर होती है, उनमें यह ट्यूमर होने की संभावना अधिक होती है. इसके अलावा जो लोग ज्यादातर फील्ड वर्क करते हैं या फिर ज्यादा समय धूप में काम करते हैं उन्हें न्यूरोएंडोक्राइन ट्यूमर अपना शिकार बना सकता है. इसके साथ ही सूर्य की अल्ट्रा वायलेट किरणें भी इसका कारण हो सकती हैं.

क्या है इसके लक्षण?

न्यूरोएंडोक्राइन ट्यूमर से पीड़ित व्यक्ति के शरीर में कई प्रकार के लक्षण नजर आते हैं, जो निम्नलिखित हैं.

कैसे होता है इलाज?

न्यूरोएंडोक्राइन ट्यूमर से पीड़ित मरीज का इलाज उसके स्वास्थ्य की स्थिति और डॉक्टर की समझ पर निर्भर करता है. आमतौर पर इस बीमारी से पीड़ित मरीजों के इलाज के लिए चार तरीके अपनाए जाते हैं.

पहले तरीके में न्यूरोएंडोक्राइन ट्यूमर से पीड़ित व्यक्ति के ट्यूमर को हटाने के लिए शल्य चिकित्सा यानी सर्जरी की मदद ली जाती है. दूसरे तरीके यानी मेडिकल ऑन्कोलॉजी के तहत कीमोथेरेपी, हार्मोन थेरेपी, टारगेटेड थेरेपी के जरिए मरीज का इलाज किया जाता है.

तीसरे तरीके यानी रेडिएशन थेरेपी का उपयोग तब किया जाता है जब न्यूरोएंडोक्राइन ट्यूमर शरीर में फैल गया हो या फिर शरीर में ऐसी जगह पर हो जहां सर्जरी करना मुश्किल हो. चौथा तरीका है गैस्ट्रोएंट्रोलॉजी, जिसकी जरूरत तब पड़ती है जब जीआई ट्रैक में अवरोधों को दूर करने की आवश्यकता होती है.

नोट- इस लेख में दी गई तमाम जानकारियों को केवल सूचनात्मक उद्देश्य से लिखा गया है. इसकी वास्तविकता, सटीकता और विशिष्ट परिणाम की हम कोई गारंटी नहीं देते हैं. इसमें दी गई जानकारियों को किसी बीमारी के इलाज या चिकित्सा सलाह के लिए प्रतिस्थापित नहीं किया जाना चाहिए. इस लेख में बताए गए टिप्स  पूरी तरह से कारगर होंगे या नहीं इसका हम कोई दावा नहीं करते है, इसलिए किसी भी टिप्स या सुझाव को आजमाने से पहले डॉक्टर से सलाह जरूर लें.

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