VIDEO: FSSAI का बड़ा फैसला, भ्रामक 'ORS' लेबल पर लगाया प्रतिबंध; Dr. Shivranjani Santosh की आंखों में खुशी के आंसू
भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (FSSAI) ने हाल ही में "ORS" शब्द के दुरुपयोग के खिलाफ सख्त कार्रवाई की घोषणा की है.
FSSAI Ban ORS: भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (FSSAI) ने हाल ही में "ORS" शब्द के दुरुपयोग के खिलाफ सख्त कार्रवाई की घोषणा की है. इस फैसले को हैदराबाद की बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. शिवरंजनी संतोष के लंबे संघर्ष का नतीजा माना जा रहा है. दरअसल, पिछले कुछ वर्षों में कई पेय और फल-आधारित ब्रांडों ने अपने प्रोडक्ट्स पर "ORS" शब्द का इस्तेमाल करना शुरू कर दिया है, जबकि ये असली ओरल रिहाइड्रेशन साल्ट (ORS) नहीं थे. यह गलत लेबलिंग उपभोक्ताओं के लिए, खासकर बच्चों के इलाज के दौरान गंभीर खतरा पैदा कर सकती है.
Dr. Shivranjani Santosh लगभग 10 वर्षों से इस भ्रामक प्रचार के खिलाफ आवाज उठा रही हैं. उन्होंने बार-बार कहा है कि असली ORS वही है जो विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के मानकों को पूरा करता हो.
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FSSAI का बड़ा फैसला
डॉ. शिवरंजनी की आंखों में आंसू
इस घोषणा के बाद, डॉ. शिवरंजनी ने इंस्टाग्राम पर एक भावुक वीडियो शेयर किया, जिसमें उनकी आंखों में आंसू दिखाई दे रहे थे. उन्होंने कहा, "हम जीत गए." यह वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है और हजारों अभिभावकों और चिकित्सा पेशेवरों ने उन्हें धन्यवाद दिया है.
डॉ. शिवरंजनी ने कहा कि यह निर्णय न केवल नियमों की जीत है, बल्कि बाल सुरक्षा की भी जीत है. उन्होंने कहा, "गलत लेबलिंग बच्चों की जान को खतरे में डाल सकती थी. अब ऐसा नहीं होगा.
FSSAI के नए आदेश में क्या है?
FSSAI के नए आदेश में कहा गया है, ''कोई भी खाद्य या पेय उत्पाद, चाहे वह फल-आधारित हो, गैर-कार्बोनेटेड हो, या पीने के लिए तैयार हो, अपने नाम या ट्रेडमार्क में "ORS" शब्द का इस्तेमाल नहीं कर सकता. ऐसा करना "गलत ब्रांडिंग और भ्रामक" माना जाएगा.
पहले, कुछ कंपनियों को इस शब्द का इस्तेमाल करने की अनुमति थी, बशर्ते वे यह बताएं कि "यह WHO द्वारा अनुशंसित ORS नहीं है." अब यह छूट हटा दी गई है.