Necrotizing Fasciitis: मांस खाने वाले बैक्टीरिया नेक्रोटाइजिंग फासिसाइटिस के कारण कोलकाता में 44 वर्षीय व्यक्ति की हुई मौत, जानें इस दुर्लभ संक्रमण के बारे में सब कुछ

कोलकाता में हुई एक दुर्भाग्यपूर्ण घटना में, एक व्यक्ति की मांस खाने वाले बैक्टीरिया के संक्रमण से मृत्यु हो गई. कथित तौर पर, उस व्यक्ति ने शुक्रवार रात कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल (RGKMCH) में अंतिम सांस ली.

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कोलकाता में हुई एक दुर्भाग्यपूर्ण घटना में, एक व्यक्ति की मांस खाने वाले बैक्टीरिया के संक्रमण से मृत्यु हो गई. कथित तौर पर, उस व्यक्ति ने शुक्रवार रात कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल (RGKMCH) में अंतिम सांस ली. रिपोर्ट्स के मुताबिक, मांस खाने वाले बैक्टीरिया एक दुर्लभ संक्रमण है जो त्वचा और उसके नीचे के ऊतकों को प्रभावित करता है.

इसे नेक्रोटाइज़िंग फासिसाइटिस (Necrotizing Fasciitis) भी कहा जाता है. इसका संक्रमण तेजी से फैलता है और समय पर निदान और उपचार न करने पर किसी व्यक्ति की जान ले सकता है. टाइम्स ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट के मुताबिक, मृतक की पहचान मृण्मय रॉय के रूप में हुई है. पुलिस अधिकारियों ने बताया कि मृतक कुछ समय पहले ट्रेन से गिरकर घायल हो गया था.

घटना के दौरान लोहे की रॉड से युवक के कूल्हे का निचला हिस्सा कट गया था. इलाज करा रहे राय की हालत बिगड़ने पर उन्हें आरजीकेएमसीएच ले जाया गया. हालांकि, डॉक्टरों ने कहा कि तब तक बहुत देर हो चुकी थी क्योंकि उनकी तबीयत खराब हो गई थी. सर्जरी के प्रोफेसर हिमांशु रॉय ने कहा, "मरीज को गंभीर सांस की तकलीफ थी. हमने उसे तुरंत सर्जरी गहन चिकित्सा इकाई (एसआईसीयू) में भर्ती कराया, उसे वेंटिलेशन पर रखा और बिना किसी देरी के इलाज शुरू किया."

डॉक्टर ने पूरी तरह से जांच की जिसमें पुष्टि हुई कि रोगी को नेक्रोटाइज़िंग फासिसाइटिस था. हैरानी की बात यह है कि मांस खाने वाले बैक्टीरिया पहले ही उसके निचले अंग और जननांग क्षेत्र को खा चुके थे. "जब तक हमें रोगी मिला, तब तक घातक बैक्टीरिया ने उसे पहले ही गंभीर रूप से संक्रमित कर दिया था. जीव पहले ही त्वचा में दरार के माध्यम से कोमल ऊतकों में प्रवेश कर चुके थे. बेस्टएंटीबायोटिक दवाओं और अन्य सहायक चिकित्सा के बावजूद, वह जीवित नहीं रहा."

डॉक्टर ने यह भी कहा कि नेक्रोटाइज़िंग फासिसाइटिस रक्त वाहिकाओं पर हमला करता है. उन्होंने कहा कि मांस खाने वाले बैक्टीरिया इतने गंभीर होते हैं कि यह शरीर में रक्त की आपूर्ति को पूरी तरह से काट देते हैं. डॉक्टरों ने यह भी कहा कि चूंकि मृतक शराबी था, इसलिए उसकी रोग प्रतिरोधक क्षमता कम थी. टीओआई से बात करते हुए, माइक्रोबायोलॉजिस्ट भास्कर नारायण चौधरी ने कहा कि दुर्लभ संक्रमण सूजन को ट्रिगर करता है जो ऊतकों को रक्त (ऑक्सीजन ले जाने) की आपूर्ति करने वाली कोशिकाओं को संकुचित करता है.

नेक्रोटाइज़िंग फासिसाइटिस क्या है?

सरल शब्दों में नेक्रोटाइज़िंग फासिसाइटिस एक दुर्लभ संक्रमण है जो शरीर में तेजी से फैलता है और अगर जल्दी इलाज न किया जाए तो यह मृत्यु का कारण बन सकता है. चिकित्सा की दृष्टि से, एक सटीक निदान, तेजी से एंटीबायोटिक उपचार और शीघ्र सर्जरी कुछ ऐसे तरीके हैं जिनसे संक्रमण को शरीर में फैलने से रोका जा सकता है. इसके लक्षणों में लाल, गर्म या सूजी हुई त्वचा शामिल है. इसके अलावा, चोट या सर्जरी के बाद तीव्र दर्द भी नेक्रोटाइज़िंग फासिसाइटिस का लक्षण हो सकता है.

यदि त्वचा में दरारें हैं, जो कटने, खरोंचने, जलने, कीड़े के काटने या यहां तक कि पंचर या सर्जिकल घावों के कारण हो सकता है, तो बैक्टीरिया आसानी से शरीर में प्रवेश कर सकते हैं. दिलचस्प बात यह है कि दुर्लभ संक्रमण के लक्षण अक्सर भ्रमित करने वाले हो सकते हैं क्योंकि यह बीमारी तेजी से फैलती है.

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