Bird Flu: एवियन फ्लू का खतरा! जानें क्या हैं बर्ड फ्लू के लक्षण, कारण, इलाज और बचाव के तरीके
एवियन इन्फ्लूएंजा वायरस H5N1 को बर्ड फ्लू का सबसे बड़ा कारण माना जाता है. H5N1 पहला ऐसा एवियन इन्फ्लूएंजा वायरस है जो इंसानों को संक्रमित करता है. यह वायरस पक्षियों के साथ-साथ इंसानों के लिए भी बेहद खतरनाक होता है. यह बीमारी मुर्गियों और संक्रमित पक्षियं के बेहद पास रहने से हो सकती है. यह वायरस आंख, नाक और मुंह के जरिए इंसानों में प्रवेश कर सकता है.
Bird Flu: नए साल की शुरुआत के साथ ही एक नयी बीमारी ने लोगों की चिंता बढ़ा दी है. एक ओर जहां पूरी दुनिया पहले से ही कोरोना वायरस महामारी (Coronavirus Pandemic) का दंश झेल रही हैं और कोरोना वायरस के नए स्ट्रेन (Coronavirus New Strain) ने टेंशन बढ़ा दी है तो वहीं दूसरी तरफ देश में बढ़ते बर्ड फ्लू (Bird Flu) के मामले से हड़कंप मच गया है. राजस्थान, मध्य प्रदेश और केरल में बर्ड फ्लू नाम के इस नए संकट से कोहराम मच गया है और यह तेजी से देश के कुछ अन्य हिस्सों में फैल रहा है. बताया जा रहा है कि यह वायरस पक्षियों और इंसानों के लिए बेहद खतरनाक है. बर्ड फ्लू यानी एवियन फ्लू (Avian Flu) के प्रकोप को लेकर केरल के अधिकारियों का कहना है कि बतख, मुर्गी और अन्य घरेलू पक्षियों को मारना पड़ेगा. रिपोर्ट्स के अनुसार, करीब 48 हजार पक्षियों को मारना पड़ेगा.
कोविड-19 महामारी (COVID-19 Pandemic) के बीच इस नए वायरस के बढ़ते प्रकोप ने हर किसी की चिंता बढ़ा दी है, लेकिन बर्ड फ्लू यानी एवियन फ्लू क्यों होता है? इसके कारण, लक्षण, जटिलताएं और बचाव के क्या तरीके हैं चलिए इस लेख में विस्तार से जानते हैं, ताकि आप इस बीमारी के प्रति जागरूक हो सकें.
कैसे होता है बर्ड फ्लू?
एवियन इन्फ्लूएंजा वायरस (Avian Influenza Virus) H5N1 को बर्ड फ्लू का सबसे बड़ा कारण माना जाता है. H5N1 पहला ऐसा एवियन इन्फ्लूएंजा वायरस है जो इंसानों को संक्रमित करता है. यह वायरस पक्षियों के साथ-साथ इंसानों के लिए भी बेहद खतरनाक होता है. साल 1997 में इसका पहला मामला हॉन्ग कॉन्ग में सामने आया था. हालांकि उस दौरान बर्ड फ्लू के प्रकोप को पोल्ट्री फार्म में संक्रमित मुर्गियों से जोड़कर देखा गया था. यह भी पढ़ें: Bird Flu: कोरोना महामारी के बीच फैल रहा है बर्ड फ्लू, पक्षियों के साथ-साथ इंसानों के लिए भी खतरनाक, ये हैं लक्षण
बता दें कि H5N1 पक्षियों में प्राकृतिक रूप से होता है, लेकिन पालतू मुर्गियों में यह आसानी से फैल जाता है. बीमारी संक्रमित पक्षियों के मल, नाक के स्राव, मुंह के लार या आंखों से निकलने वाले पानी के संपर्क में आने से यह इंसानों में भी फैल सकता है. हालांकि 165ºF पर पकाए गए संक्रमित मुर्गियों के मांस या अंडे को खाने से बर्ड फ्लू नहीं फैलता है, लेकिन संक्रमित मुर्गियों के अंडे को कच्चा खाने से संक्रमण का खतरा बढ़ सकता है.
बर्ड फ्लू के लक्षण
बर्ड फ्लू यानि एवियन फ्लू से संक्रमित मरीज में संक्रमण के दो या सात दिनों के भीतर लक्षण दिखाई देने लगते हैं. इसके निम्नलिखित लक्षण हो सकते हैं.
- खांसी
- बुखार
- गले में खराश
- मांसपेशी में दर्द
- सिरदर्द
- सांस लेने में कठिनाई
- मितली, उल्टी या दस्त
- हल्के नेत्र संक्रमण या कजंक्टिवाइटिस
क्या हैं इसकी जटिलताएं?
कई मामलों में बर्ड फ्लू संक्रमित मरीज के लिए घातक भी हो सकता है. इससे मरीज को जानलेवा जटिलताएं भी हो सकती हैं, जिनमें शामिल हैं…
- न्यूमोनिया
- आंखों में लालिमा, कजंक्टिवाइटिस
- सांस की विफलता
- किडनी की खराबी
- हृदय की समस्याएं
कैसे करें बचाव?
- पालतू पक्षियों का सेवन न करें. खुले बाजार और छोटे फार्म से मांस खरीदने से बचें.
- संक्रमण से बचने के लिए अपने हाथों को अच्छे से धोएं. एक सैनिटाइजर हमेशा अपने साथ रखें.
- संक्रमित व्यक्ति का इलाज एंटीवायरल ड्रग्स के साथ किया जा सकता है, लेकिन लक्षण दिखने के 48 घंटे के भीतर दवा लेना आवश्यक है.
- बर्ड फ्लू से संक्रमित व्यक्ति के अलावा घर के अन्य सदस्य जो उनके संपर्क में आए थे, उन्हें भी दवा लेने की सलाह दी जाती है, भले ही उनमें बीमारी लक्षण न दिखाई दे रहे हों.
- अगर आपको किसी वजह से संक्रमित एरिया में जाना पड़ रहा है तो आपको मास्क लगाकर ही वहां जाना चाहिए. यह भी पढ़ें: Bird Flu Updates: हिमाचल प्रदेश पहुंचा ‘बर्ड फ्लू’, पोंग बांध झील क्षेत्रों में घातक वायरस से 1770 से अधिक प्रवासी पक्षियों की मौत की आशंका
गौरतलब है कि यह बीमारी मुर्गियों और संक्रमित पक्षियों के बेहद पास रहने से हो सकती है. यह वायरस आंख, नाक और मुंह के जरिए इंसानों में प्रवेश कर सकता है. एवियन एन्फ्लूएंजा वायरस काफी खतरनाक होता है और यह संक्रमित व्यक्ति की जान तक ले सकता है, इसलिए अगर इस बीमारी से संबंधित कोई भी लक्षण नजर आते हैं तो फौरन डॉक्टर से संपर्क करें.