Air Pollution से हार्ट अटैक का खतरा, डिटेल में समझें कैसे प्रदूषण दिल की सेहत के लिए है खतरनाक; ऐसे करें खुद का बचाव
दिल्ली जैसे शहरों में, जहां AQI अक्सर खतरनाक स्तर पर पहुंच जाता है, वायु प्रदूषण का प्रभाव दस से बीस सिगरेट पीने के बराबर हो सकता है. विशेषज्ञों का कहना है कि यह न केवल सांस संबंधी समस्याएं पैदा करता है, बल्कि हृदय रोगियों के लिए गंभीर खतरा बन सकता है.
वायु प्रदूषण हमारी सेहत के लिए कई प्रकार से खतरनाक है. ठंड की शुरुआत के साथ ही राजधानी दिल्ली और एनसीआर में प्रदूषण का स्तर जिस तरह से बढ़ता जा रहा है उसे लेकर हेल्थ एक्सपर्ट्स चिंता में है. हवा की खराब होती गुणवत्ता को देखते हुए दिल्ली में ग्रैप-4 लागू है ताकि प्रदूषण के स्तर को नियंत्रित किया जा सके. इस समय, दिल्ली का एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) "गंभीर" स्तर पर पहुंच गया है.
दिल्ली जैसे शहरों में, जहां AQI अक्सर खतरनाक स्तर पर पहुंच जाता है, वायु प्रदूषण का प्रभाव दस से बीस सिगरेट पीने के बराबर हो सकता है. विशेषज्ञों का कहना है कि यह न केवल सांस संबंधी समस्याएं पैदा करता है, बल्कि हृदय रोगियों के लिए गंभीर खतरा बन सकता है.
प्रदूषण कैसे है दिल की सेहत के लिए खतरनाक
प्रदूषण के प्राथमिक स्रोत, जैसे ईंधन और बायोमास का जलना, यातायात, और रासायनिक खतरे, हवा में PM2.5 जैसे कण और हानिकारक गैसें छोड़ते हैं. ये कण शरीर में प्रवेश कर रक्त प्रवाह में मिल जाते हैं और दिल की सेहत पर बुरा असर छोड़ते हैं.
- रक्त वाहिकाओं को नुकसान: प्रदूषण से रक्त वाहिकाएं (Blood Vessels) सिकुड़ और सख्त हो जाती हैं, जिससे हाई ब्लड प्रेशर और दिल पर अतिरिक्त दबाव बढ़ता है.
- रक्त के थक्के बनने का खतरा: यह खून को गाढ़ा बना सकता है, जिससे हार्ट अटैक और स्ट्रोक का खतरा बढ़ जाता है.
- अनियमित दिल की धड़कन: कुछ प्रदूषक हृदय की इलेक्ट्रिकल प्रणाली को प्रभावित कर सकते हैं, जिससे अनियमित धड़कन की समस्या हो सकती है.
इन लक्षणों को न करें नजरअंदाज
- सीने में दर्द या भारीपन: यह हल्की असुविधा से लेकर गंभीर दर्द तक हो सकता है, जो हृदय रोग के बिगड़ने का संकेत है.
- घबराहट या अनियमित दिल की धड़कन: प्रदूषित हवा दिल पर तनाव डाल सकती है, जिससे धड़कन तेज हो जाती है.
- सांस लेने में तकलीफ: वायु प्रदूषण फेफड़ों और रक्त प्रवाह में ऑक्सीजन की आपूर्ति को बाधित कर सकता है.
- गला घुटने या चोकिंग जैसा महसूस होना: यह हृदय और फेफड़ों पर प्रदूषकों के प्रभाव का संकेत हो सकता है.
लंबे समय तक प्रदूषण के संपर्क में रहने के खतरे
- ब्लड प्रेशर में वृद्धि
- हृदय की कार्यक्षमता में कमी
- हार्ट हेल्थ संबंधी आपात स्थितियां, जैसे हार्ट अटैक या स्ट्रोक
क्या करें? दिल को प्रदूषण से बचाने के उपाय
घर में एयर प्यूरीफायर (Air Purifier) लगाएं: अगर आपके शहर में AQI बहुत अधिक है तो घर में एयर प्यूरीफायर लगाएं. यह और जरूरी तब हो जाता है जब घर में कोई हृदय रोगी है.
मॉर्निंग वॉक पर जाने से बचें: इस समय प्रदूषण का स्तर सबसे ज्यादा होता है. बाहर जाने की बजाय घर पर एक्सरसाइज करें.
मास्क पहनें: प्रदूषण के दिनों में जरूरी होने पर ही बाहर निकलें. बाहर निकलते समय मास्क पहनें, खासकर N95 मास्क, जो हानिकारक कणों को रोकने में मदद करता है.
हेल्दी डाइट और हाइड्रेशन: हृदय को स्वस्थ रखने के लिए एंटीऑक्सीडेंट और ओमेगा-3 फैटी एसिड युक्त भोजन का सेवन करें.
दिल्ली की जहरीली हवा न केवल पर्यावरण के लिए बल्कि हमारे दिल की सेहत के लिए भी एक गंभीर खतरा है. हृदय रोगियों को विशेष रूप से सावधान रहना चाहिए और AQI की जानकारी नियमित रूप से लेनी चाहिए. जागरूकता और एहतियात ही इस खतरे से बचने का सबसे अच्छा उपाय हैं.