Guru Ravidas Quotes 2024: कब है संत शिरोमणि रविदास की जयंती? जानें उनके द्वारा रचे कुछ प्रेरक कोट्स!
रविदास जयंती माघ पूर्णिमा (24 फरवरी 2024) के दिन हुआ था. वह भले ही निचली जाति से थे, लेकिन बचपन से मां की संगत में वह धर्म-कर्म एवं आध्यात्म से भी जुड़े रहे. भगवान की भक्ति में समर्पित होने के साथ-साथ अपने सामाजिक और पारिवारिक कर्तव्यों का भी बखूबी निर्वहन किया.
रविदास जयंती माघ पूर्णिमा (24 फरवरी 2024) के दिन हुआ था. वह भले ही निचली जाति से थे, लेकिन बचपन से मां की संगत में वह धर्म-कर्म एवं आध्यात्म से भी जुड़े रहे. भगवान की भक्ति में समर्पित होने के साथ-साथ अपने सामाजिक और पारिवारिक कर्तव्यों का भी बखूबी निर्वहन किया. वह बिना किसी भेदभाव किये आपस में सद्भाव और प्रेम से रहने की शिक्षा देने के लिए जाने जाते हैं. शीघ्र ही वह अपने अनुयायियों के बीच संत शिरोमणि के नाम से लोकप्रिय हो गये. संत रविदास के सूत्रों को जीवन में उतारने से हमारी कई समस्याएं आसानी से समाप्त हो सकती हैं. आइये जानते हैं उनके कुछ प्रेरक कोट्स... यह भी पढ़ें : Vishwakarma Jayanti 2024 Messages: हैप्पी विश्वकर्मा जयंती! प्रियजनों संग शेयर करे ये हिंदी Quotes, WhatsApp Wishes, Facebook Greetings और Photo SMS
* भ्रम के कारण सांप और रस्सी तथा सोने के गहने और सोने में अंतर नहीं जाना जाता. लेकिन जैसे ही भ्रम दूर हो जाता है, वैसे ही अंतर ज्ञात होने लगता है. इसी तरह अज्ञानता के हटते ही मानव आत्मा, परमात्मा का मार्ग जान जाती है, तब परमात्मा और मनुष्य में कोई भेदभाव वाली बात नहीं होती.
* हमें हमेशा कर्म करते रहना चाहिए, साथ ही इससे मिलने वाले फल की भी आशा नहीं छोड़नी चाहिए, क्योंकि कर्म हमारा धर्म है और फल हमारा सौभाग्य.
* मोह-माया में फंसा जीव भटकता रहता है. इस माया को बनाने वाला ही मुक्तिदाता है.
* किसी की पूजा इसलिए न करें, क्योंकि वह किसी बड़े और पूजनीय पद पर बैठा है. अगर उस पद के लिए योग गुण नहीं है तो उसकी पूजा नहीं करनी चाहिए. जो व्यक्ति ऊंच पद पर नहीं है, लेकिन उसके गुण अच्छे हैं तो उसकी पूजा जरूर करें.
* जो लोग हर पल श्रीराम का ध्यान करते रहते हैं, उस पर ना तो क्रोध का असर होता है, और ना ही कोई दूसरी बुराई उस पर हावी हो सकती है, इसलिए भगवान में ध्यान लगाए रखना चाहिए.
* कभी भी अपनी शक्ति पर घमंड न करें, क्योंकि सभी के गुण अलग-अलग होते हैं. एक छोटी सी चींटी शक्कर के दानों को बीन सकती है, लेकिन एक हाथी ये काम नहीं कर सकता.
* परमात्मा ऐसे लोगों के ह्रदय में निवास करते हैं, जो ईर्ष्या, लालच, क्रोध, मोह और अहंकार जैसी बुराइयों से दूर रहते हैं.
* समुद्र की तेज हवा की वजह से ऊंची-ऊंची लहरें उठती हैं, और फिर समुद्र में ही समा जाती हैं. समुद्र से अलग लहरों का कोई अस्तित्व नहीं है. ठीक इसी तरह परमात्मा के बिना इंसान का भी कोई अस्तित्व नहीं है.