Gudi Padwa 2023: गजकेसरी योग में करें हिंदू नववर्ष का स्वागत! जानें गुड़ी पड़वा पर सोना खरीदने का शुभ समय!
सनातन धर्म में गुड़ी पड़वा का विशेष महत्व बताया गया है. इस दिन से हिंदू नवत्सर (नया वर्ष) की शुरुआत होती है. चूंकि यह साढ़े तीन मुहूर्तों में से एक है, इसलिए इस दिन सोना खरीदना बहुत शुभ जाता है.
सनातन धर्म में गुड़ी पड़वा का विशेष महत्व बताया गया है. इस दिन से हिंदू नवत्सर (नया वर्ष) की शुरुआत होती है. चूंकि यह साढ़े तीन मुहूर्तों में से एक है, इसलिए इस दिन सोना खरीदना बहुत शुभ जाता है. ज्योतिष शास्त्रियों के अनुसार इस वर्ष ग्रहों एवं नक्षत्रों की दृष्टि से इस वर्ष के गुड़ी पड़वा का विशेष महत्व बताया जा रहा है, क्योंकि इस दिन उत्तम योग का निर्माण हो रहा है, जब बृहस्पति मीन राशि में है और चंद्रमा शुक्ल पक्ष में प्रवेश कर रहा है. गुरु और चंद्रमा की मीन राशि में युति होने से गजकेसरी योग बन रहा है. हिंदू धर्म शास्त्रों में यह सर्वश्रेष्ठ योगों में से एक है.
क्या है गजकेसरी योग?
वैदिक ज्योतिष के अनुसार कुंडली में कई तरह के योग बनते-बिगड़ते रहते हैं. इसमें कुछ जातक को शुभ प्रभाव दिखाते हैं. कुंडली में शुभ योगों में से एक गजकेसरी योग भी है. इस योग के निर्माण काल में जातक को धन-लाभ के प्रबल योग निर्मित होते हैं, जिससे उसकी आर्थिक स्थिति बहुत अच्छी हो जाती है. उसे पदोन्नति मिलती है, व्यवसाय वृद्धि और अनापेक्षित वेतन वृद्धि होती है. ज्योतिष गणना के अनुसार गजकेसरी का निर्माण तब होता है, जब जातक की कुंडली में चंद्रमा से केंद्र भाव में (पहले, चौथे, सातवें और दसवें भाव में स्थित होते हैं) लेकिन इस योग के निर्माण में भाव, राशि, नक्षत्र और बृहस्पति की स्थिति का बहुत महत्व होता है. गौरतलब है कि बृहस्पति को संतान, धार्मिक कर्मकांड, धर्म, दान और पुण्य का कारक माना जाता है. जबकि चंद्रमा को मन, माता, मनोबल, सुख-शांति, धन संपत्ति का कारक माना जाता है. यह भी पढ़ें : Chaitra Amavasya 2023: क्या है भौमवती अमावस्या? कुंडली में मंगल-दोष या पितृ-दोष है, तो इस विधि से करें पूजा एवं दान!
गुड़ी पड़वा का महत्व
हिंदू धर्म शास्त्रों के अनुसार गुड़ी पड़वा के दिन ही सृष्टि की रचना की शुरुआत हुई थी. इसी दिन भगवान ब्रह्मा भगवान विष्णु के सुझाव के बाद सृष्टि की रचना की थी. इसी दिन सूर्य देव पहली बार उदय हुए थे. पौराणिक कथा के अनुसार इस दिन त्रेता युग में भगवान श्री राम ने बाली का वध किया था. इस खुशी में घर-घर में गुढी की स्थापना कर खुशियां मनाई जाती है.
क्यों सर्वाधिक शुभ दिन होता है गुड़ी पड़वा?
ज्योतिष शास्त्र में इसे अत्यंत शुभ माना जाता है, इसीलिए साढ़े तीन मुहूर्तों और गजकेसरी योग का शुभ संयोग का निर्माण हुआ है. इसलिए किसी भी प्रकार का मंगल अथवा शुभ कार्य के लिए यह दिन सर्वश्रेष्ठ है, और बिना शुभ मुहूर्त निकाले शुभ कार्य किये जा सकते हैं. गौरतलब है कि 23 मार्च तक यानी ढाई दिन तक चंद्रमा मीन राशि में होगा, इसलिए इस दिन का हर पल शुभ-मंगल माना जाता है.
गुड़ी पड़वा तिथि एवं गुड़ी-पूजा एवं सोना खरीदने का मुहूर्त
चैत्र प्रतिपदा प्रारंभः 10.52 PM (21 मार्च 2023, मंगलवार)
चैत्र प्रतिपदा समाप्तः 08.20 PM (22 मार्च 2023, बुधवार) AM
उदय तिथि के अनुसार 22 मार्च 2023, बुधवार को गुड़ी पड़वा मनाई जाएगी.
गुड़ी पूजा का समयः 06.29 AM 07.39 AM तक.
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार गुड़ी पड़वा के दिन सोना खरीदना अत्यंत शुभ माना जाता है, क्योंकि इससे सोना खरीदने वालों को शुभ फलों की प्राप्ति होती है, और इस दिन खरीदा सोना अक्षय माना जाता है. इस दिन किसी भी समय सोना खरीदा जा सकता है.