सनातन धर्म के अनुसार गंगा दशहरा वस्तुतः स्नान और दान का महापर्व माना जाता है. इस दिन गंगा-स्नान से जहां मोक्ष की प्राप्ति होती है, वहीं दान-पुण्य करने से ग्रहों की बुरी दशा से उत्पन्न संकट से मुक्ति मिलती है. इसलिए इस दिन स्नान के साथ-साथ दान का भी बहुत ज्यादा महत्व होता है. आइये जानें गंगा दशहरा के दिन किन 10 तरीके से स्नान और किन 10 वस्तुओं का दान करना चाहिए, ताकि इससे अक्षुण्ण पुण्य प्राप्त हो, जीवन के सारे पाप नष्ट हों और तमाम आर्थिक समस्याओं से मुक्ति मिले. सबसे पहले बात करेंगे स्नान की.
गंगा दशहरा पर गंगा-स्नान का महात्म्य
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार गंगा दशहरा के साथ 10 नंबर की संख्या का बहुत महात्म्य है. अगले-पिछले जन्म के सारे पापों का विनाश करने वाली गंगा में डुबकी लगाने से मनुष्य के सारे पाप धुल जाते हैं. विद्वानों के अनुसार इस दिन गंगा नदी में 10 डुबकियां अवश्य लगानी चाहिए. सनातन धर्म के अनुसार दशहरा का आशय होता है 10 मनोवृत्तियों का विनाश. पतित पावनी गंगा में स्नान करने से 10 तरह के पाप धुल जाते हैं. इसमें 3 दैहिक पाप, 4 वाणी पाप और 3 मानसिक पाप शामिल हैं.
क्या है दशविध स्नान?
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार गंगा दशहरा पर दैहिक शुद्धि के लिए दशविध स्नान बहुत शुभ माना गया है.
* गोमूत्र-स्नान
* गोमय (गाय का गोबर) स्नान
* गौ दुग्ध (गाय का दूध) स्नान
* गोदधि (गाय का दही) स्नान
* गौघृत (गाय का घी) स्नान
* कुशोदक (जल में उत्पन्न कुश) स्नान
* भस्म से स्नान
* मृत्तिका (मिट्टी) स्नान
* मधु (शहद) स्नान
* पवित्र जल से स्नान
उपरोक्त विधियों से स्नान करने का मूल आशय यह कि एक बाल्टी स्वच्छ जल में उपरोक्त वस्तुओं की चुटकी भर मात्राएं मिला कर स्नान करने से सभी 10 वस्तुओं से स्नान करने से पुण्य प्राप्त हो जाते हैं. यह स्नान आप घर पर भी कर सकते हैं. यहं भी पढ़ें : Ganga Dussehra 2022 Messages: शुभ गंगा दशहरा! शेयर करें ये हिंदी WhatsApp Wishes, Facebook Greetings, GIF Images और Quotes
गंगा स्नान का शुभ मुहूर्त
ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की दशमी यानी 9 जून 2022 को प्रातः 08.21 बजे से शुरु होकर 10 जून को 07.25 बजे तक के लिए शुभ योग बन रहा है. इसी दिन हस्त नक्षत्र का भी योग बन रहा है, और इसी दिन व्यतिपात का योग भी निर्मित हो रहा है. गौरतलब है कि इन योगों में स्नान-दान का बहुत महत्व होता है.
गंगा दशहरा पर दान का महात्म्य
हिंदू धर्म शास्त्रों के अनुसार गंगा दशहरा के दिन स्नान करने का जो महात्म्य होता है, उतना ही महत्वपूर्ण है दान धर्म करना. गंगा दशहरा ऐसे वक्त में मनाया जाता है, जब गर्मी अपने चरम पर होती है. इसमें गरीबों को उनकी जरूरत के अनुसार वस्तुएं दान देने से अक्षय पुण्य प्राप्त होता है. मसलन सुराही, जूता, वस्त्र और फलों का दान करना चाहिए. लेकिन हिंदू शास्त्रों के अनुसार गंगा दशहरा के दिन एक या अधिक (सामर्थ्य अनुसार) ब्राह्मण को 10 वस्तुओं का दान करने से जीवन की तमाम समस्याओं से निजात मिलती है. ये दस वस्तुएं हैं जल, अन्न, फल, वस्त्र, पूजन व सुहाग सामग्री, घी, नमक, तेल, शकर और स्वर्ण.